स्कूल को छात्र का हेयर स्टाइल नहीं भाया तो उसे निकाल दिया, कोर्ट-कचहरी तक जा पहुंची बात...
18 साल के इस छात्र ने अपने बालों को रस्सी की तरह बांधा था. जिन्हें लॉक्स कहा जाता है. जिसकी वजह से उनको स्कूल से निकाल दिया गया है.
![US School Punished black student for hairstyle, court upholds the decision](https://static.thelallantop.com/images/post/1708677374805_untitled_design_(2).webp?width=540)
स्कूल का एक छात्र. छात्र को हेयर स्टाइल का शौक. शौक भी ऐसा-वैसा नहीं. बालों को रस्सी की तरह बांधने का शौक. बोले तो फुल टु स्टाइल में रहने का रे बाबा… अब आप कहेंगे इसमें प्रॉब्लम क्या है. भइया प्रॉब्लम तो है वो भी इतनी बड़ी की स्टाइल मारने वाले छात्र को स्कूल से निकाल दिया गया. मतलब कि मास्साब को छात्र की हेयर स्टाइल इस कदर नागवार गुजरी कि उसे स्कूल से ही निकाल दिया. मगर छात्र भी कहां कम था. कह दिया कि बालों की लड़ीं देखकर फलावर समझा है क्या…अपुन डरेगा नहीं. बस फिर क्या वो जा पहुंचा कोरट-कचहरी. जज साहब ने भी उसके हेयर स्टाइल को गौर से देखा और फिर कानून की किताबें उल्टा-पल्टी करके देखीं. जानते हैं कोर्ट ने क्या कहा?
मीडिया रिपोर्टस् के मुताबिक, ये मामला अमेरिका के ह्यूस्टन का है. यहां एक स्कूल ने अश्वेत लड़के को उसके हेयर स्टाइल की वजह से निकाल दिया. जिसके बाद उसने अदालत का रूख किया. लेकिन वहां भी उसे निराशा हाथ लगी. जज ने उसके खिलाफ की गई अनुशासनात्मक कार्रवाई को बरकरार रखा है. बता दें कि 18 साल के डेरिल जॉर्ज ने ने हेयर लॉक्स कराया था. जिसमें बालों को रस्सी की तरह से बांधते है. स्कूल के मुताबिक उसका हेयरस्टाइल नियमों के खिलाफ था. इसलिए अगस्त में उसके स्कूल बारबर हाई हिल्स ने उसे स्कूल से निकाल दिया था. स्कूल का कहना है कि छात्र के बाल स्कूल के नियमों के हिसाब से नहीं है. उसके बालों की लंबाई कानों के नीचे तक हैं.
सजा मिलने के बाद डेरिल ने अदालत का दरवाजा खटखटाया. डेरिल जॉर्ज के वकीलों ने कोर्ट में दलील देते हुए कहा कि उसका हेयरस्टाइल टेक्सास क्राउन एक्ट नाम के कानून के मुताबिक है, जिसमें कहा गया है कि स्कूल डिस्ट्रिक्ट पॉलिसी बालों की बनावट या सुरक्षित हेयरस्टाइल के खिलाफ आमतौर पर या ऐतिहासिक रूप से नस्ल से जुड़े भेदभाव नहीं कर सकती है. हालांकि इसमें बालों की लंबाई का जिक्र नहीं है.
मीडिया रिपोर्टस् के मुताबिक, मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस चैप कैन ने कहा कि बारबर्स हिल स्कूल का फैसला किसी कानून के खिलाफ नहीं है. बारबर्स हिल स्कूल के ड्रेस कोड और बालों से संबंधित गाइडलाइन टेक्सास क्राउन एक्ट के मुताबिक गैरकानूनी नहीं हैं.
अदालत में सुनवाई से पहले छात्र जॉर्ज ने कहा था,
“यह मेरे लिए बहुत मायने रखता है. आप जानते हैं कि यह मेरी रूट से जुड़ा है, इस तरह मैं अपने लोगों और अपने पूर्वजों के करीब महसूस करता हूं.”
अदालत के फैसले के बाद जॉर्ज के वकील, एली बुकर ने फेडरल कोर्ट में अपील करने की बात कही है. जॉर्ज के परिवार की प्रवक्ता कैंडिस मैथ्यूज ने कहा कि सुनवाई के बाद लड़का रोते हुए कोर्ट रूम से बाहर चला गया. मैथ्यूज ने कहा कि अदालत के फैसले के बाद डेरिल ने आंसू भरी अपनी आंखों के साथ मुझसे कहा कि यह सब मेरे बालों की वजह से है. मैं बालों की वजह से अपनी पढ़ाई नहीं कर सकता. मैं दूसरे साथियों के साथ नहीं रह सकता और अपने स्कूल के सालों को एंजॉय नहीं कर सकता.
वीडियो: दी लल्लनटॉप शो: नौजवान किसान की मौत के पीछे का सच, किसान आंदोलन में आगे क्या होगा?