सऊदी अरब की बस में सबकी मौत हो गई, पर नींद ना आने की वजह से बच गई एक की जान!
सऊदी अरब में उमरा के लिए गए यात्रियों की जिस बस में आग लगी उसमें बैठे 45 लोगों की मौत हो गई. बस अब्दुल बचा.

24 साल के मोहम्मद अब्दुल शोएब को मक्का से मदीना जा रही बस में ठीक से नींद नहीं आ रही थी. बस में बाकी 45 यात्री सो रहे थे. अब्दुल ड्राइवर के पास वाली सीट पर आकर बैठ गए और समय बिताने के लिए उससे बात कर रहे थे. तब तक उन्हें इस बात का अंदाजा भी नहीं था कि नींद का ना आना उनके लिए जीवनदान साबित हो जाएगा.
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक अब्दुल जब ड्राइवर के पास बैठा था, तभी तेज़ रफ़्तार से आ रहा एक डीज़ल टैंकर बस से टकरा गया. शोएब और ड्राइवर ने तुरंत खिड़की से कूदकर अपनी जान बचा ली. कुछ ही सेकंड में बस में आग लग गई और बाकी यात्री बाहर नहीं निकल सके. अब्दुल को छोड़कर सबकी जलकर मौत हो गई.
रिपोर्ट के मुताबिक शोएब के रिश्तेदार मोहम्मद तहसीन हैदराबाद के नामपल्ली स्थित हज हाउस में सूचना का इंतज़ार कर रहे थे. उन्होंने बताया
“सुबह करीब 5:30 बजे शोएब का फोन आया कि वह किसी तरह बच गया, लेकिन बाकी सब आग में फंस गए. बाद में उसका फोन नहीं लग पाया, फिर पता चला कि उसे अस्पताल में भर्ती किया गया है.”
शोएब तो बच गए, लेकिन उनके माता-पिता समेत परिवार के 6 लोगों की इस हादसे में मौत हो गई. शोएब हैदराबाद के पुराने शहर के असीफनगर विधानसभा क्षेत्र के झिर्राह इलाके के नटराजनगर कॉलोनी का रहने वाले हैं. वह एक निजी कंपनी में काम करतें हैं. वह अपने पिता अब्दुल खादिर और मां ग़ौसिया बेगम के साथ उमरा करने सऊदी अरब गए थे. उनके साथ उनके दादा मोहम्मद मौलाना और उसके चाचा के परिवार के तीन सदस्य भी थे. इन सबकी बस में जलकर मौत हो गई. तहसीन ने बताया
“उसी इलाके के चार और लोग थे जो मक्का में ही रुक गए थे. हादसे के बाद शोएब ने उन्हें फोन करके बताया कि इस दुर्घटना में उसने अपने माता-पिता, दादा और चाचा के परिवार को खो दिया.”
उन्होंने बताया कि शोएब खिड़की से कूदते समय घायल हो गए और अभी मदीना के एक जर्मन अस्पताल के ICU में भर्ती है.
वीडियो: सऊदी अरब में मक्का से मदीना जा रहे 42 भारतीयों की मौत कैसे हुई है?


