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ED, SBI, 350 करोड़... 'गुजरात कनेक्शन' बताने वाला संजय कौन जिसे UP STF ने उठा लिया?

संजय शेरपुरिया की BJP के बड़े नेताओं के साथ फोटो वायरल. खुद को सरकार का करीबी बताता था.

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Sanjay Sherpuriya Story Pictures With BJP Leaders ED SBI
संजय शेरपुरिया को UP STF ने गिरफ्तार किया है. (फोटो: सोशल मीडिया)
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विपिन
27 अप्रैल 2023 (Updated: 27 अप्रैल 2023, 02:02 PM IST) कॉमेंट्स
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यूपी STF ने लखनऊ से संजय प्रकाश राय उर्फ संजय शेरपुरिया नाम के शख्स को गिरफ्तार किया है. संजय प्रकाश राय पर ठगी का आरोप है. आरोप है कि यह दिग्गज नेताओं से कनेक्शन बताकर जालसाजी को अंजाम देता था. इस शख्स ने BJP के कई दिग्गज नेताओं के साथ फोटोज भी खिंचवा रखी थीं. संजय शेरपुरिया मामले में एक-एक कर कई बातें सामने आने लगी हैं. वो स्टेट बैंक ऑफ इंडिया का डिफॉल्टर पाया गया है. संजय प्रकाश राय और उसकी पत्नी कंचन प्रकाश राय पर आरोप है कि उन्होंने अपनी कंपनी के जरिए SBI को साढ़े तीन सौ करोड़ का चूना लगाया है.

आजतक संवाददाता संतोष कुमार की रिपोर्ट के मुताबिक, संजय और उनकी पत्नी ने कांडला एनर्जी ऐंड केमिकल्स नाम की कंपनी के लिए SBI से लोन लिया. इस कंपनी का ताल्लुक संजय प्रकाश से बताया जा रहा है. इसमें उसकी पत्नी कंचन प्रकाश और मानिक लाल डायरेक्टर हैं. अब आपको शुरुआत से बताते हैं कि संजय शेरपुरिया पर क्या-क्या आरोप हैं.

खुद को सरकार का करीबी बताया

आरोप है कि संजय प्रकाश शेरपुरिया ने ईडी की जांच निपटाने के नाम पर 11 करोड़ की ठगी की. यही नहीं, आरोप यह भी लगे कि उसने खनन का पट्टा दिलाने के नाम पर कई लोगों के करोड़ों रफादफा कर दिए. शेरपुरिया यूपी के गाज़ीपुर जिले का रहने वाला है. इसे दिल्ली में संजय शेरपुरिया नाम से जाता है.

कहा जाता है कि संजय प्रकाश ने दिल्ली में कई दिग्गज नेताओं से मुलाकात की. वह कई हाई प्रोफाइल महफिलों में बैठने लगा. दिग्गज नेताओं की तस्वीरों के सहारे उसने खुद को सरकार का करीबी बताना शुरू किया. पीएम मोदी से लेकर डिप्टी सीएम केशव मौर्या, केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर, आरएसएस चीफ मोहन भगवत समेत कई प्रभावशाली नेताओं के साथ संजय राय तस्वीरें सोशल मीडिया पर पोस्ट करता था. इन सबके इतर वह गुजरात में अपनी फैक्ट्री होने का दावा करते हुए गुजरात कनेक्शन का भी ढिंढोरा पीट रहा था.

बताया जा रहा है कि ED के पास चल रही गौरव डालमिया की जांच को मैनेज कराने के नाम पर उसने 11 करोड़ रुपये लिए थे. 11 करोड़ की रकम गौरव ने अपने फैमिली ऑफिस ट्रस्ट के खाते से संजय राय की यूथ रूरल आन्ट्रप्रन्योरशिप के खाते में 2 बार में जमा कराई. उन्होंने पहले बीती 21 जनवरी को 5 करोड़ और फिर 23 जनवरी को 6 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए थे. जैसे ही इसकी जानकारी फैली तो उस पर शिकंजा कस गया.

सीक्रेट लेटर से मिली जानकारी

संजय शेरपुरिया के इस कांड की जानकारी केंद्रीय एजेंसी को एक गोपनीय पत्र से मिली. इसकी जांच में यूपी STF को लगाया गया था. पत्र में आरोप लगाया गया कि संजय शेरपुरिया ने दिल्ली के नामचीन दिल्ली राइडिंग क्लब पर कब्जा कर रेस कोर्स के अंदर आलीशान घर भी बनवा लिया है. जहां पर बैठकर वो लोगों के साथ जालसाजी कर रहा था.

इस गोपनीय पत्र के आधार पर जांच की गई. इसके बाद यूपी STF ने लखनऊ के विभूति खंड से संजय प्रकाश शेरपुरिया को और नोएडा से शेरपुरिया के करीबी काशिफ को गिरफ्तार कर लिया. अब तक की जांच में पता चला है कि संजय प्रकाश शेरपुरिया दिल्ली, गाजीपुर, अहमदाबाद और वडोदरा में कई फर्जी कंपनियों और NGO से जुड़ा था. इनमें से कई कंपनियों में संजय शेरपुरिया कागज पर कहीं नहीं है. लेकिन जब भी उस कंपनी या NGO का कोई सार्वजनिक कार्यक्रम होता तो इन कार्यक्रमों वो उस कंपनी का प्रमुख बनकर जाता था.

गिरफ्तारी के बाद हुई शुरुआती जांच में संजय प्रकाश के मोबाइल से लेनदेन से जुड़ी कई वॉट्सऐप चैट मिली हैं. इन पर यूपी STF की लखनऊ और नोएडा यूनिट काम कर रही हैं.

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