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अब सैम पित्रोदा ने कहा, 'पाकिस्तान घर जैसा लगा', BJP बोली- 'राहुल गांधी के चहेते...'

सैम पित्रोदा ने कहा कि पड़ोसी मुल्कों से भारत के रिश्ते मज़बूत होने चाहिए, जिसमें पाकिस्तान भी शामिल है. लेकिन साथ ही उन्होंने ये भी कह दिया कि ‘पाकिस्तान में उन्हें घर जैसा’ लगता है.

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Sam Pitroda
सैम पित्रोदा इंडियन ओवरसीज़ कांग्रेस के अध्यक्ष हैं. (India Today)
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सौरभ
19 सितंबर 2025 (Updated: 19 सितंबर 2025, 08:11 PM IST)
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सैम पित्रोदा ने एक बार फिर बयान दिया है. और कांग्रेस एक बार फिर बीजेपी के निशाने पर है. कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा ने केंद्र सरकार से पड़ोसी देशों के साथ संवाद को प्राथमिकता देने की अपील की है. उनका कहना है कि भारत के पड़ोसी मुल्कों से रिश्ते मज़बूत होने चाहिए, जिसमें पाकिस्तान भी शामिल है. और साथ ही उन्होंने ये भी कह दिया कि ‘पाकिस्तान में उन्हें घर जैसा’ लगता है.

मीडिया से बातचीत में पित्रोदा ने कहा,

“मेरी नज़र में हमारी विदेश नीति सबसे पहले हमारे पड़ोस पर केंद्रित होनी चाहिए. क्या हम वास्तव में अपने पड़ोसियों से रिश्ते बेहतर बना सकते हैं? मैं पाकिस्तान गया हूं और मुझे वहां घर जैसा लगा. मैं बांग्लादेश गया हूं, नेपाल गया हूं, और वहां भी मुझे ऐसा नहीं लगा कि मैं किसी विदेशी देश में हूं.”

यह बयान उस समय आया है जब कुछ ही महीने पहले पहलगाम में आतंकी हमले में 25 पर्यटकों को मौत के घाट उतार दिया गया था. इस घटना के बाद भारत और पाकिस्तान के रिश्ते न्यूनतम स्तर पर पहुंच गए थे और भारत ने पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों को ध्वस्त करने के लिए ऑपरेशन सिंदूर चलाया था.

उनके इस बयान पर तुरंत ही बीजेपी ने कड़ी प्रतिक्रिया दी. बीजेपी प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने कहा,

“राहुल गांधी के चहेते और कांग्रेस ओवरसीज़ प्रमुख सैम पित्रोदा कहते हैं कि उन्हें पाकिस्तान में घर जैसा लगता है. यही वजह है कि यूपीए ने 26/11 के बाद भी पाकिस्तान पर कोई सख़्त कार्रवाई नहीं की. पाकिस्तान के पसंदीदा, कांग्रेस के चुने हुए!”

बयान पर विवाद होने के कुछ घंटों बाद पित्रोदा की सफाई भी आई. उन्होंने कहा, 

“जब मैंने कहा कि पड़ोसी देशों की यात्रा करते समय मुझे अक्सर ‘घर जैसा’ महसूस होता है, या सांस्कृतिक और सामाजिक रूप से हमारी जड़ें एक जैसी हैं, तो मेरा मतलब साझा इतिहास और लोगों के बीच के संबंधों पर ज़ोर देना था. न कि आतंकवाद और भू-राजनीतिक तनाव से होने वाले संघर्ष या गंभीर चुनौतियों को नज़रअंदाज़ करना."

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सैम पित्रोदा की सफाई.

ये पहली बार नहीं है जब सैम पित्रोदा के किसी बयान पर बवाल हुआ हो. वे अपने बयानों को लेकर पहले भी विवादों में रहे हैं. लोकसभा चुनाव से पहले उन्होंने कहा था कि भारत के पूर्वी लोग चीनी जैसे दिखते हैं और दक्षिण के लोग अफ्रीकी जैसे. उनके इस बयान पर उन्हें नस्लभेदी बयान देने के आरोप झेलने पड़े.

इससे पहले फरवरी में दिए इंटरव्यू में कांग्रेस नेता और इंडियन ओवरसीज़ कांग्रेस के प्रमुख सैम पित्रोदा ने कहा था कि भारत को बीजिंग को दुश्मन मानने की नीति छोड़कर सहयोगी दृष्टिकोण अपनाना चाहिए. फिलहाल चीन के साथ रिश्ते बेहतर नज़र आ रहे हैं, लेकिन पित्रोदा के बयान के समय बवाल जरूर हुआ था.

सैम पित्रोदा ने 1980 के दशक में तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी के करीबी टेक्नोक्रेट के रूप में पहचान बनाई थी. वह गांधी परिवार के भरोसेमंद सलाहकार माने जाते हैं. लेकिन विदेश नीति पर उनके बयान कई दफे विवाद खड़े कर चुके हैं.

वीडियो: सोशल लिस्ट: ‘रंगभेद’ वाले बयान के बाद सैम पित्रोदा ने पद से दिया इस्तीफ़ा

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