'विकास को खतरे में डालकर, शांति नहीं लाई जा सकती', जयशंकर ने अमेरिका पर साधा निशाना
एस जयशंकर ने G20 विदेश मंत्रियों की बैठक में अमेरिका का नाम लिए बिना उस पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि शांति निश्चित रूप से विकास को संभव बना सकती है, लेकिन विकास को खतरे में डालकर हम शांति को बढ़ावा नहीं दे सकते.
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विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बिना नाम लिए अमेरिका को जवाब देते हुए कहा कि विकास को खतरे में डालकर शांति नहीं पाई जा सकती. विदेश मंत्री न्यूयॉर्क में जी-20 विदेश मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेने पहुंचे थे. यहां उन्होंने कहा कि आर्थिक रूप से नाजुक हालात में एनर्जी और अन्य जरूरी चीजों को और अनिश्चित बनाने से किसी को कोई फायदा नहीं होता. इसलिए, बातचीत और कूटनीति से हल निकालना चाहिए, न कि और मुश्किलें पैदा करना चाहिए.
यहां विदेश मंत्री का इशारा अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के फैसले की तरफ था, जिसमें उन्होंने रूसी तेल खरीदने के लिए भारत पर एक्स्ट्रा 25 फीसदी टैरिफ लगा दिया है. एस जयशंकर ने कहा कि शांति निश्चित रूप से विकास को संभव बना सकती है, लेकिन विकास को खतरे में डालकर हम शांति को बढ़ावा नहीं दे सकते.
देशों पर दबाव बनाया जा रहा है: जयशंकरन्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार विदेश मंत्री ने यूक्रेन और गाजा में चल रहे संघर्ष पर कहा कि इससे ग्लोबल साउथ के लिए एनर्जी, फूड और फर्टिलाइजर की सुरक्षा गंभीर रूप से प्रभावित हुई है. उन्होंने कहा कि इन संघर्षों से पहले ही सप्लाई और लॉजिस्टिक्स खतरे में हैं. ऊपर से जरूरी चीजों तक पहुंच और उसकी लागत को लेकर देशों पर दबाव बनाया जा रहा है. उन्होंने इसे कुछ देशों का दोहरा मापदंड बताया. उन्होंने आगे कहा कि कुछ देश संघर्ष में दोनों पक्षों को शामिल करने की स्थिति में हैं. ऐसे देशों को बढ़ावा देना चाहिए. उन्होंने कहा,
'आतंकवाद के प्रति सहिष्णुता न दिखाएं देश''किसी भी संघर्ष की स्थिति में, कुछ ऐसे देश होंगे जो दोनों पक्षों को शामिल कर सकते हैं. ऐसे देशों का इस्तेमाल अंतर्राष्ट्रीय समुदाय द्वारा शांति स्थापित करने और उसके बाद उसे बनाए रखने के लिए किया जा सकता है.
विदेश मंत्री ने बैठक में आतंकवाद पर भी बात की और कहा कि यह जरूरी है कि दुनिया आतंकवादी गतिविधियों के प्रति न तो सहिष्णुता दिखाए और न ही उन्हें सहयोग दे. उन्होंने कहा कि आतंकवादियों के बड़े नेटवर्क को देखते हुए, जो लोग किसी भी मोर्चे पर उसके खिलाफ कार्रवाई करते हैं, वे वास्तव में इंटरनेशनल कम्युनिटी की बड़ी सेवा कर रहे हैं. बता दें कि एस जयशंकर 27 सितंबर को संयुक्त राष्ट्र महासभा को भी संबोधित करने वाले हैं.
वीडियो: अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो से मिले एस जयशंकर, क्या टैरिफ और H-1B वीजा पर हुई बातचीत?