Twitter ने फ़ेसबुक से नक़ल तो मारी, लेकिन अपनी 'अर्थी' का बांस भी ख़ुद ही काट लाया
क्यों ट्रेंड होने लगा अचानक #RIPTwitter
ट्विटर ने एक नया फ़ीचर मार्केट में उतार दिया है. इसका नाम है Fleets. इस फ़ीचर में नया क्या मिलेगा?
इससे ट्वीट 24 घंटे बाद अपने आप डिलीट हो जाएंगे. ये फ़ीचर बिल्कुल वैसा ही है, जैसा फ़ेसबुक, Whatsapp या Insta में स्टोरी का फ़ीचर होता है. फोटो या टेक्स्ट आपने पोस्ट की, उसे जितने लोग 24 घंटे में देखेंगे, वो तो देख लेंगे. लेकिन 24 घंटे बाद पोस्ट रहेगी ही नहीं.
इसी तरह से ट्विटर का ये नया फ़ीचर काम करेगा. आपने तस्वीर या ट्वीट पोस्ट किया, उसके 24 घंटे के भीतर ट्वीट छू-मंतर. ऐसा नहीं है कि ये फ़ीचर लाने वाला ट्विटर इकलौता खिलाड़ी है. बल्कि ये फ़ीचर ट्विटर सबसे देर से लाया है. इससे पहले हर दुकान पर ये माल टंग चुका है.
People often tell us that they don’t feel comfortable Tweeting because Tweets can be seen and replied to by anybody, feel permanent and performative (how many Likes & Retweets will this get!?). Many of us can probably empathize with this: https://t.co/LW2xWlctZi
— Kayvon Beykpour (@kayvz) March 4, 2020
# क्यों विरोध हो रहा है
ट्विटर ये फ़ीचर बाज़ार में क्यों लाया? ज़ाहिर सी बात है, अप टू डेट रहने के लिए. सोशल मीडिया की सारी दुकानों पर जो सामान मिलता है, वो यहां पर भी मिलना चाहिए. लेकिन कई बार आपकी कमी ही आपकी खूबी होती है. और जैसा आप समझते हैं, वैसा होता नहीं है. इस बार ट्विटर के साथ भी ऐसा ही हुआ लगता है. जैसे ही ट्विटर ने इस नए फ़ीचर का ऐलान किया, लोग अपने-अपने ट्वीट की लाठी लिए मंच पर पिल पड़े.
सबके अपने-अपने तर्क हैं. आप जैसे ही ट्रेंडिंग हैशटैग #RIPTwitter टाइप करके ट्विटर पर कुछ सर्च करेंगे, वैसे ही आपको दुखी लोगों की पोस्ट लाइन लगाए दिखाई पड़ेंगी.
Why can't Twitter just be Twitter? Why do they think they have to mimic other platforms?
All "fleets" are likely to do is increase online abuse (and promote a rise in screenshots). https://t.co/Y1JmwT8UbK — Andrew Stroehlein (@astroehlein) March 5, 2020
ज़्यादातर लोगों का कहना है कि भाई साहब, हम फ़ेसबुक और इन्स्टा छोड़कर ट्विटर पर इसलिए आए थे कि यहां स्टोरी-फिस्टोरी का कोई लफड़ा है नहीं. लेकिन अब ट्विटर और बाक़ी सोशल मीडिया में क्या फ़र्क रह गया?
Kayvon Beykpour नाम के शख्स ट्विटर के प्रोडक्ट हेड हैं. उन्होंने कहा है कि ये फ़ीचर इसलिए लाया गया है, क्योंकि कंपनी को लगता था कि इसकी ज़रूरत थी. ट्विटर पर भी लोगों को वो ख़याल पोस्ट करने चाहिए, जिसे कहते हुए वो झिझकते हों. जब ये पता होगा कि 24 घंटे बाद किसी को पता ही नहीं चल पाएगा कि आपने ही वो बात कही थी, तो यूज़र बेझिझक थोड़े समय के लिए ही सही, लेकिन वो बात कह सकेंगे.# एक बात और
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