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कर्नाटक: कट्टरपंथियों ने पलट दिए गरीब मुस्लिम फलवालों के ठेले, पुलिस देखती रही!

कर्नाटक के धारवाड़ जिले में कुछ दक्षिणपंथी हिंदू करयिकर्ताओं ने हनुमान मंदिर के सामने खड़े फल् विक्रेताओं के साथ बदसलूकी की. साथ ही उनके ठेले धकेल कर उनके फल् फेंक दिए. कट्टरपंथियों के मुताबिक ये फल्का विक्रेता मुस्लिम हैं और उनका वल के बिजनेस पर कब्जा है. इसलिए उन्होंने ऐसा किया. इस मामले में अभी तक पुलिस की तरफ से कोई कार्रवाई नहीं हुई है.

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Karnataka, Right wing activists, Muslim fruit vendors
बाएं से दाएं. हनुमान मंदिर के सामने मुस्लिम फल विक्रेताओं के ठेले पलटे गए, पीड़ित फल विक्रेता. (फोटो: ट्विटर)
10 अप्रैल 2022 (Updated: 15 जून 2022, 18:55 IST)
Updated: 15 जून 2022 18:55 IST
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दक्षिणी राज्य कर्नाटक (Karnataka) में आए दिन सांप्रदायिक तनाव की खबरें सामने आ रही हैं. इसी तरह का एक मामला यहां के धारवाड़ (Dharwad) जिले से सामने आया है. यहां कुछ दक्षिणपंथी हिंदूवादी कार्यकर्ताओं ने हनुमान मंदिर के सामने खड़े मुस्लिम फल विक्रेताओं के साथ बदसलूकी की और उनके फल के ठेले पलट दिए. यही नहीं जब ये सब हो रहा था, पुलिस वहां मौजूद थी. हालांकि, पुलिस ने कुछ किया नहीं. सोशल मीडिया पर इस घटनाक्रम से जुड़े वीडियो वायरल हो रहे हैं.

मामला क्या है?

इंडिया टुडे से जुड़ीं नयनी की रिपोर्ट के मुताबिक, पूरा घटनाक्रम 9 अप्रैल का है. शाम के समय श्रीराम सेना नाम के एक दक्षिणपंथी हिंदूवादी संगठन के कार्यकर्ता आए. उन्होंने हनुमान मंदिर के सामने खड़े मुस्लिम फल विक्रेताओं के फलों के ठेलों को पलटना शुरू कर दिया. इससे बड़ी संख्या में फल खराब हो गए. इस घटना के कई वीडियो ट्विटर पर मौजूद हैं. वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि कुछ व्यक्ति फलों के ठेलों को धक्का मार रहे हैं. आसपास खड़े काफी सारे लोग उन्हें देख रहे हैं. कुछ देर बार इन कट्टरपंथियों ने तरबूजों को फेंकना शुरू कर दिया. वीडियो में फटे हुए तरबूज देखे जा सकते हैं.

एक और वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें एक दक्षिणपंथी कार्यकर्ता मौके पर मौजूद पुलिसकर्मी से बात करता दिख रहा है. इस वीडियो में ये व्यक्ति पुलिसकर्मी से कह रहा है कि इनके संगठन ने मुस्लिम फल विक्रेताओं को मंदिर के सामने से उनकी दुकान हटाने की चेतावनी दी थी, लेकिन दो हफ्ते बीतने के बाद भी इन्होंने अपनी दुकान नहीं हटाई. इसपर पुलिस ने कहा कि आप लोगों को हमें इस बारे में सूचना देनी चाहिए थी. इसपर दक्षिणपंथी कार्यकर्ता ने कहा कि उन्होंने सभी को सूचना दी थी. दक्षिणपंथी कार्यकर्ता का कहना है कि उन्होंने ऐसा इसलिए किया क्योंकि मुस्लिमों ने फलों के बिजनेस पर कब्जा कर रखा है.
 

 

वहीं एक फल विक्रेता का बयान भी सामने आया है. पीड़ित फल विक्रेता ने कहा,

"मुझे एक ही बार में मार दो न, इस तरह फलों की हालत देखकर हमें रोना आ रहा है. ये मेरा आमदनी का जरिया था, अब इसके बारे में बात करके क्या फायदा."

फिलहाल पुलिस ने इस पूरे मामले में अभी तक एक्शन नहीं लिया है, न ही पुलिस की ओर से इस घटना पर कोई बयान आया है. वहीं मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक राज्य में 18 मार्च से ही दक्षिणपंथी संगठन मंदिरों के पास से गैर हिंदू दुकानदारों को हटाने की मांग कर रहे हैं. वहीं सरकार ने एंडोमेंट एक्ट 2022 का हवाला देते हुए खुद को इस मामले से दूर कर लिया है.

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