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राम मंदिर में दर्शन के लिए रिश्वतखोरी होने का गंभीर आरोप, मामला क्या है?

श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय के एक विदेशी परिचित ने उन्हें बताया कि उसने 2 हजार रुपये देकर 'राम लला' के दर्शन किए.

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ram temple of ayodhya
अयोध्या के राम मंदिर में 'राम लला' के दर्शन करने बड़ी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं. (फोटो: X/@ShriRamTeerth)
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बनबीर सिंह
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22 मार्च 2024 (Published: 07:16 PM IST) कॉमेंट्स
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अयोध्या के राम मंदिर में 'राम लला' की प्राण प्रतिष्ठा को दो महीने हो चुके हैं. मंदिर के उद्घाटन के बाद से ही लोग यहां बड़ी संख्या में दर्शन करने पहुंच रहे हैं. इस बीच खबर है कि कुछ लोगों ने 'राम लला' के दर्शन कराने के नाम पर रिश्वतखोरी शुरू कर दी है. इसकी जानकारी खुद श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने अपने एक परिचित के हवाले से दी है. पुलिस ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है. वहीं चंपत राय ने लोगों से अपील की है कि 'VIP' दर्शन के नाम पर किसी को भी पैसे ना दें.

आजतक के बनबीर सिंह की रिपोर्ट के मुताबिक विदेश में रहने वाले एक व्यक्ति ने पैसे देकर दर्शन करने की बात मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय को बताई. ये व्यक्ति चंपत राय को पहले से जानता था. चंपत राय ने बताया,

“VIP दर्शन के नाम पर अयोध्या में कई लोगों ने कुछ गैर कानूनी काम शुरू कर दिए हैं. एक विदेशी नागरिक जो मेरा पुराना परिचित था. उसने बताया कि वो 2 हजार रुपये देकर दर्शन करके आया है. अयोध्या में किसी भी मंदिर में कभी भी पैसा लेकर दर्शन कराने की कोई परंपरा नहीं है. हनुमानगढ़ी में हमेशा लाखों लोग दर्शन करने आते हैं, पैसे लेकर दर्शन नहीं कराए जाते. राम जन्मभूमि का मंदिर खुले अभी 2 महीने ही हुए हैं, लेकिन लोगों ने तरह-तरह के रास्ते निकाल लिए हैं. मैं लोगों को बताना चाहता हूं कि यहां पैसा लेकर दर्शन नहीं कराया जाता. राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने ऐसी कोई योजना नहीं बनाई है.”

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चंपत राय ने लोगों से अपील की है कि कुछ समय बचाने के लिए किसी को भी पैसे देकर दर्शन करने से बचें. उन्होंने कहा कि लाइन में लगकर दर्शन करने में अधिक से अधिक 1 घंटा लगता है.

रिपोर्ट के मुताबिक दर्शन के नाम पर रिश्वतखोरी के इस मामले में मंदिर से जुड़े लोग और ड्यूटी करने वाले पुलिसकर्मियों का नाम भी लिया जा रहा है. मंदिर ट्रस्ट ने इस पूरे मामले की जानकारी पुलिस-प्रशासन को दे दी है. मामले में अयोध्या के SSP राजकरण नय्यर की निगरानी में जांच की जा रही है. नय्यर ने एक जांच टीम बनाई है, जो ऐसे लोगों की पहचान कर रही है. वहीं मंदिर ट्रस्ट ने दोषी पाए जाने वाले लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की अपील की है. 

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