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YES Bank के राणा कपूर की कहानी, जिन्होंने नोटबंदी को 'मास्टरस्ट्रोक' बताया था?

राणा कपूर की छवि ऐसी है कि उन्होंने कभी किसी लोन को मना नहीं किया.

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7 मार्च 2020 (Updated: 7 मार्च 2020, 12:29 IST)
Updated: 7 मार्च 2020 12:29 IST
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राणा कपूर ज्वैलर्स के खानदान से आते हैं. इकॉनमिक सर्कल में राणा कपूर की छवि ऐसी है कि उन्होंने कभी किसी लोन को मना नहीं किया. उनके लेनदारों में DHFL, IL&FS,  अनिल अंबानी की रिलायंस, दीवान हाउसिंग, जेट एयरवेज, एसेल ग्रुप, इंडियाबुल्स, कैफे कॉफी डे जैसी कंपनियां हैं. ये सारी कंपनियां लोन डिफॉल्टर हैं. 2003 में उन्होंने अशोक कपूर के साथ मिलकर यस बैंक की स्थापना की थी. इसमें राणा कपूर का शेयर 26 फीसदी, अशोक कपूर का 11 फीसदी और रैबोबैंक इंटरनेशन का 20 फीसदी हिस्सा था. देखते-देखते यस बैंक चौथा सबसे बड़ा निजी बैंक बन गया. देशभर में आज इसके 1000 से ज़्यादा ब्रांच हैं और 1800 एटीएम हैं. राणा कपूर ने एक दशक में बैंक को ज़ीरो से 3.4 लाख करोड़ रुपए के बराबर का बैंक बना दिया. 2016 तक बैंक काफी फायदे में था. लेकिन फिर ऐसा क्या हुआ कि यस बैंक के सितारे गर्दिश में आ गए.

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