BJP नेताओं पर 2007 में पुलिस पर हमला और दंगा भड़काने का केस योगी सरकार ने वापस लिया
रामपुर की स्थानीय कोर्ट ने सरकार की अर्ज़ी स्वीकार की.
Advertisement

पुलिस पर हमले के आरोपी भाजपा नेताओं और अन्य के ख़िलाफ़ योगी सरकार ने केस वापस लिया (PHOTO- PTI)
"ये केस राजनीति से प्रेरित था. विपक्षियों ने हमें फंसाने की कोशिश की थी. मुझे और मेरे पति को जेल भेजा गया था."मुरादाबाद के BJP जिलाध्यक्ष राजपाल सिंह ने कहा कि दीक्षा गंगवार के पति कुंवर नरेंद्र गंगवार पार्टी में किसी पद पर नहीं हैं. क्या था पूरा मामला इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, मामला 2007 का है. लखनऊ-दिल्ली हाइवे पर एक ट्रक से शीरा गिर जाने के कारण सड़क काफ़ी चिकनी हो गई थी. इसी कारण पीछे से आ रही एक जीप फिसल गई. जीप के चपेट में 6 शिक्षामित्र आ गए जिनकी मौत हो गई. दुर्घटना में कई लोग घायल भी हुए. शीरा को साफ़ नहीं करने और घटना से आक्रोशित स्थानीय लोगों ने सरकार और पुलिस के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन करना शुरू कर दिया. प्रदर्शन की जानकारी मिलने के बाद दीक्षा गंगवार और नरेंद्र गंगवार भी मौके पर पहुंचे. कुछ ही देर बाद प्रदर्शन ने हिंसात्मक रूप ले लिया. लोगों ने पुलिस पर पत्थर फेंकना शुरू कर दिया. कई गाड़ियों को जला दिया गया. इस मामले में रामपुर के मिलक पुलिस थाने में 16 लोगों के ख़िलाफ़ FIR दर्ज़ की गई थी, जिसमें दीक्षा गंगवार और उनके पति भी शामिल थे. 200 अज्ञात लोगों पर भी दंगा भड़काने और हत्या की कोशिश के मुकदमें दर्ज़ हुए थे. इस मामले में नरेंद्र गंगवार को गिरफ़्तार भी किया था. जबकि दीक्षा गंगवार ने कोर्ट के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था. कौन है दीक्षा गंगवार दीक्षा गंगवार BJP महिला मोर्चा की प्रदेश उपाध्यक्ष हैं. उन्होंने 2000 में सपा के उम्मीदवार के रूप में जिला पंचायत के अध्यक्ष पद का चुनाव जीता था. इसी पद के लिए 2006 में उन्होंने निर्दलीय जीत हासिल की थी. उन्होंने अपने पति नरेंद्र गंगवार के साथ 2014 में BJP जॉइन किया था.