कर्मा, राम लखन और परदेस वाले सुभाष घई का नाम #MeToo में आयाः और उनका जवाब ये है
एक 'जानी-मानी' महिला ने अपनी लंबी कहानी बताई है जो डराने वाली है. सुभाष घई ने अपना जवाब दिया है.
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जाने-माने सेलेब्रिटी सुभाष घई के खिलाफ अब #MeToo इंडिया के दौरान बहुत ही गंभीर आरोप सामने आए हैं.
1. कौन हैं सुभाष घई? हिंदी सिनेमा में बहुत बड़ा नाम. बड़ी हिट फिल्मों की वजह से शोमैन कहलाते हैं. डायरेक्टर, स्क्रीनराइटर और प्रोड्यूसर. फिल्म एंड टीवी इंस्टिट्यूट पुणे से पढ़े. साल 1976 में बतौर डायरेक्टर उनकी पहली फिल्म 'कालीचरण' आई. कर्ज, मेरी जंग, हीरो, कर्मा, राम लखन, खलनायक, त्रिमूर्ति, परदेस, ताल और यादें जैसी फिल्मों से जाने जाते हैं. मुंबई में 'विस्लिंग वुड्स इंटरनेशनल' नाम से उनका फिल्म ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट भी है. 73 की उमर है.
2. कौन हैं आरोपी? एक अज्ञात महिला ने महिमा कुकरेजा नाम की ट्विटर यूज़र (@AGirlOfHerWords) को अपनी ये कहानी सुनाई और भेजी है. महिमा का कहना है कि इन महिला ने खुद ये कहानी मुझे कही है. और वो मीडिया व लिट्रेचर जगत की एक बड़ी विश्वसनीय हस्ती हैं. इन महिला ने कहा है कि वे अपनी पहचान जाहिर नहीं करना चाहती क्योंकि उनके पास अपनी बात साबित करने का कोई जरिया नहीं है. न ही वे चाहती हैं उनके परिवार और बच्चे को इसका पता चले.
TW: drugging and raping. About Shubash Ghai. Told personally by the woman who faced the trauma. She’s also a very credible media/lit personality. (1/2) pic.twitter.com/QpmGfy1s0V
— Mahima Kukreja 🌱🌈✊🏽 (@AGirlOfHerWords) October 11, 2018
3. क्या आरोप है? एक फिल्म पर काम करने के दौरान सुभाष घई ने कई साल पहले अपनी कर्मी को नशा पिलाकर, रेप किया. इन महिला ने कहा हैः
"ये तब हुआ जब मैं सुभाष घई के साथ एक फिल्म पर काम कर रही थी. उसने कहा कि वो फिल्म इंडस्ट्री में मेरा मेंटर और गाइड बनेगा. मैंने उसकी बात सुनी क्योंकि इस इंडस्ट्री में मेरा कोई गॉडफादर नहीं था. मैं मुंबई से नहीं थी. लेकिन मुझे सीखने और अपने पेरेंट्स को ये कर दिखाने की भूख थी कि डायरेक्टर बनना ही मेरा असली सपना है.
शुरू में सुभाष घई मुझे म्यूजिक रिकॉर्डिंग्स पर ले जाता था. वहां मुझे दूसरे पुरुषों के साथ देर रात तक बैठे रहना पड़ता था. जब रिकॉर्डिंग खत्म होती थी तो मैं ऑटो से घर जाती थी या वो मुझे छोड़ता था. उसने धीरे-धीरे मेरी जांघों पर अपना हाथ रखना शुरू किया. मुझे जाने से पहले जोर से गले लगाता था कि तुमने आज अच्छा काम किया.
वो मुझे स्क्रिप्ट सेशंस के लिए लोखंडवाला के अपने अपार्टमेंट बुलाता था. ये वो घर नहीं था जहां वो अपनी वाइफ के साथ रहता था. वो इस अपार्टमेंट को अपना थिंकिंग पैड कहता था. ऐसे ही एक स्क्रिप्ट सेशन के दौरान उसने ऐसी बातें शुरू कीं कि कैसे फिल्म इंडस्ट्री में उसे गलत समझा जाता है और सिर्फ मैं ही हूं जो उससे प्यार करती हूं. उसने रोने का नाटक किया और मेरी गोदी में अपना सिर रख दिया. फिर जब वो उठ रहा था तो मुझे जबरदस्ती किस किया. मैं हैरान रह गई और वहां से चली गई.
अगले दिन उसने ऑफिस में कहा कि प्रेमियों के बीच झगड़े होते रहते हैं. मैं ये नौकरी छोड़ने को लेकर डरी हुई थी क्योंकि मेरे पास कोई दूसरा रोजगार नहीं था. कोई वित्तीय सुरक्षा नहीं थी. मैंने इस बात को ऐसे ही जाने दिया. मैंने ये बात सिर्फ एक फर्स्ट एडी (असिस्टेंट डायरेक्टर) को और अपनी दो सहेलियों को बताई. मैं उनका नाम नहीं बताना चाहती क्योंकि उनकी अपनी जिंदगी है और उसने (सुभाष घई) उनके साथ भी कुछ चीजें करने की कोशिश की है.
एक दिन शाम को एक म्यूजिक सेशन के बाद उसने ड्रिंक लेने का मन बनाया. उसने मुझे भी एक ड्रिंक दी. उसमें कुछ मिला दिया गया था. उसके बाद मुझे याद है कि मैं एक कार में बैठी थी और ऐसा लगा कि वो मुझे घर छोड़ रहा है. लेकिन वो लोनावला की ओर चला गया. मुझे होश आ और जा रहा था इसलिए कुछ क्लियरली याद नहीं. मैं अपने बच्चे की कसम खाकर कहती हूं कि मैंने उसे बोला हम कहां जा रहे हैं तुम प्लीज़ मुझे घर छोड़ दो.
वो मुझे फरियास होटल (Fariyas Hotel) ले गया. उसने कहा कि वो वहां हमेशा जाता है लिखने के लिए. उन लोगों के पास हमेशा उसके लिए सुईट मौजूद रहता है. मुझे होश नहीं था. लेकिन उसने मुझे पकड़ रखा था और सुईट ले गया. उसने मेरी जींस उतारी और मुझ पर चढ़ गया. मैं चीखने की कोशिश कर रही थी लेकिन उसने मेरे मुंह पर हाथ रख दिया था. ड्रिंक में मिले नशे की वजह से मुझमें सुध भी नहीं थी. तो मैं रोई और बेहोश हो गई.
अगली सुबह मुझे याद है उसने कुछ टोस्ट ऑर्डर किया था और जब मैं जागी तो ब्रेकफास्ट कर रहा था. सोफे लाल रंग के और पुराने से थे. मेरी दाईं तरफ से सूरज की किरणें आकर गिर रही थीं. मैं उठी और मुझे उल्टी हो गई.
उसके बाद उसने मुझे घर छोड़ा. मैं कुछ दिन काम पर नहीं गई. उसकी टीम में से किसी एक ने मुझे फोन किया कि अगर मैंने अभी नौकरी छोड़ी तो मुझे उस महीने की सैलरी नहीं मिलेगी. इसलिए मैं फिर से काम करने गई और एक हफ्ते बाद अपना इस्तीफा दे दिया.
उसके बाद मैंने न तो कभी उसे देखा, न ही उससे बात की. एक बार वो कहीं शूटिंग कर रहा था और मैं अपने दोस्तों के साथ उसी रास्ते से ट्रैवल कर रही थी. हम थोड़े समय के लिए सेट पर गए. वहां सारा क्रू मुझे जानता था. लेकिन मैं इतना असहज महसूस कर रही थी कि वहां से तुरंत चली गई."
4. सुभाष घई ने क्या कहा है? अपने बयान ने उन्होंने कहा - "मैंने सुना कि मीडिया के एक हिस्से में मेरे खिलाफ कुछ आरोप लगाए गए हैं. मैं अपना सच बताना चाहता हूं. ये दुखद है कि किसी भी व्यक्ति के पास्ट से कोई कहानी निकाल कर उसको बदनाम करना फैशन बन गया है. मैं इन आरोपों को सिरे से नकारता हूं. मैंने हमेशा अपने जीवन में और काम के दौरान हर औरत का सम्मान किया है. हम सम्मान के साथ रहे और दूसरों के आत्मसम्मान की इज्जत की. अगर उस महिला का ऐसा दावा है तो उसे कोर्ट जाकर ये साबित करना चाहिए. न्याय होगा. मैं मानहानि का केस करूंगा, जाहिर है. जो हमारे प्रतिष्ठित संस्थान को ठेस पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं, ईश्वर उन्हें सद्बुद्धि दे."
सुभाष घई ने शुक्रवार को ट्वीट भी किया कि - "नियति आपको अच्छा समय भी दिखाती है और बुरा समय भी दिखाती है. इस (#MeToo) मूवमेंट के बीच फंसकर मुझे बहुत अधिक कष्ट हुआ है. लेकिन मैं उनका शुक्रिया करता हूं जो मुझे जानते हैं और ये कि मैं महिलाओं का कितना सम्मान करता हूं."
गई अगस्त सुभाष घई के फिल्म इंस्टिट्यूट विस्लिंग वुड्स में बतौर मेहमान पहुंचे आमिर खान.