27 जून 2016 (Updated: 27 जून 2016, 08:54 AM IST) कॉमेंट्स
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औरतों को सड़कों पर उतर अपने अधिकारों के लिए लड़ता देख, या उन्हें फाइटर प्लेन उड़ाते देख बहुत ख़ुशी मिलती है. हमें लगता है कि हम अपनी पिछली पीढ़ी से बहुत आगे निकल आए हैं. फिर ऐसी खबरें सुनने में आती हैं, जो ये महसूस करवाती हैं कि हमारे सारे प्रगतिशील प्रयास भ्रम हैं. क्योंकि देश का एक बड़ा हिस्सा अब तक औरतों को इंसान ही नहीं मानता. उनको बराबरी का दर्जा देना तो दूर की बात है.
जयपुर के आमेर में एक शादीशुदा औरत से 51 हजार रुपये मांगे गए. जिसे न चुका पाने पर ससुरालवालों ने लड़की के हाथ पैर बांधे, और शरीर पर भद्दी गालियां टैटू कर दीं. माथे पर गोद दिया 'मेरा बाप चोर है'.
ममता नाम की ये औरत अलवर जिले की रहने वाली है. ममता ने बताया कि उसके पति और तीन जेठों ने पहले उसको कुछ सुंघा दिया. फिर उसके हाथ-पैर बांध मुंह में कपड़ा ठूंस दिया. मशीन से शरीर पर जगह-जगह गोदा. एक जेठ ने ममता के घुटनों के ऊपर चाकू से गोद डाला.
जनवरी 2015 में ममता की शादी हुई थी. 6 महीने बाद ही ससुराल वाले उसे दहेज करने के लिए परेशान करने लगे. और दहेज न चुका पाने का ये अंजाम हुआ.
जब FIR करने गए, तो पुलिस ने कहा ससुराल नहीं, मायके वाले क्षेत्र में FIR दर्ज होगी. फिर किसी ने ममता के पिता से कहा कि वो पैसे लेकर FIR करवा देगा. उस व्यक्ति ने रुपये लेकर कागज़ दे दिया. लेकिन जब एक स्थानीय अख़बार ने देखा, तो पाया कि FIR पर रिसीविंग के दस्तखत भी नहीं थे.
दहेज मांगना भर ही अपने आप में एक बड़ा अपराध है. उसके बाद औरत को बांधकर उसके ऊपर टैटू करना कितना हिंसक है, ये वो बेहतर समझ पाएंगे जिन्होंने टैटू वाली सुई अपने शरीर पर चलवाई है.
टैटू परमानेंट होते हैं. अपने माथे और हाथ पर गुदी गालियों के साथ जीने को मजबूर होगी ये औरत.
और आप आज भी ये सवाल करते हैं कि नारीवाद को लेकर इतना हंगामा क्यों.
उन बच्चियों के नाम, जो कचरे में फेंकी गईं, 'पराई' बताकर ब्याही गईं