भाषण दिया- देश को भ्रष्टाचार मुक्त करना है, एक घंटे बाद घूस लेते धरे गए ACB के DSP
बारां कलेक्टर के PA भी 1.40 लाख घूस लेते पकड़े गए.
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बारां के जिला कलेक्टर इंद्र सिंह रॉव के PA महावीर नागर जिन्हें ACB ने 1.40 लाख घूस लेने के आरोप में पकड़ा है. दूसरी तस्वीर में हैं ACB के DSP भैरूलाल मीणा जिन्हें 80 हजार घूस लेते पकड़ा गया है.
हमें पूरी ईमानदारी से काम करके देश को भ्रष्टाचार मुक्त करना है. केंद्र या राज्य सरकार का कोई भी कर्मचारी घूस मांगे तो टोल फ्री नंबर 1064 या हेल्पलाइन नंबर 9413502834 पर किसी भी समय कॉल या वॉट्सऐप कर सकते हैं.भाषण के बाद DSP ने सुबह 11 बजे टोल फ्री नंबर जारी किया. लेकिन एक घंटे बाद खुद ही घूसखोरी में पकड़े गए. आरोप है कि डिस्ट्रिक्ट ट्रांसपोर्ट ऑफिसर महेशचंद 80 हजार रुपए देने भैरूलाल के ऑफिस पहुंचे थे. जयपुर ACB की टीम ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया. ACB के DG बीएल सोनी दैनिक भास्कर से बातचीत में कहा,
भैरूलाल मीणा सवाई माधोपुर में ACB चौकी प्रभारी हैं. उनके खिलाफ दो-तीन महीने से लगातार मासिक बंधी लेने की शिकायत मिल रही थी. टीम लगातार नजर रख रही थी. इसके बाद मौका मिलते ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया.
कलेक्टर के PA घूसखोरी में अरेस्ट.
वहीं उसी दिन राजस्थान में घूस लेने का एक और मामला सामने आया. राजस्थान के बारां के जिला कलेक्टर इंद्र सिंह राव को पद से हटा दिया गया है. उन्हें awaiting posting order (APO) में डाल दिया गया है. राव के निजी सहायक PA महावीर नागर को एंटी करप्शन ब्यूरो ACB ने 1.40 लाख रुपये की कथित रिश्वत लेते गिरफ्तार किया था. PA के रंगे हाथ पकड़े जाने के बाद राव के खिलाफ एक्शन लिया गया है. इस मामले में कलेक्टर से भी पूछताछ की जा रही है. ACB के महानिदेशक भगवान लाल सोनी ने बताया,परिवादी ने ब्यूरो में शिकायत दी थी कि उसके पेट्रोल पंप की NOC जारी करने के एवज में जिला कलेक्टर के PA महावीर नागर ने दो लाख 40 हजार रुपये की रिश्वत मांगी थी. ACB ने शिकायत का सत्यापन करवाकर महावीर नागर को परिवादी से 1.40 लाख रुपये की कथित रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया. शुरुआती पूछताछ में आरोपी ने रिश्वत राशि में से एक लाख रुपये कलेक्टर बारां के लिए और 40 हजार रुपये खुद के लिए लेना स्वीकार किया है.वहीं ACB के ASP चंद्रशील ठाकुर ने इससे पहले कहा था कि प्रारंभिक जांच में बारां कलेक्टर की भागीदारी मालूम पड़ी. लेकिन उन्होंने कोई सीधी मांग नहीं की थी. उनकी भूमिका की जांच हो रही है. इंद्र सिंह राव राजस्थान एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विसेज RAS के 1989 बैच के अधिकारी हैं. 31 साल की नौकरी में अब तक 6 बार अलग-अलग वजहों से APO किए जा चुके हैं, जबकि, गंभीर आरोप के चलते एक बार उन्हें सस्पेंड भी किया जा चुका है. चार साल पहले ही उन्हें RAS से IAS में प्रमोट किया गया था.