किसान आंदोलन खत्म नहीं होने पर दूसरा ज़ाफराबाद बनाने की बात कहने वाली महिला का वीडियो वायरल
बार-बार भड़काऊ बयान देने वाली इस महिला के खिलाफ दिल्ली पुलिस कार्रवाई क्यों नहीं करती?

सोशल मीडिया पर एक वीडियो घूम रहा है. इस वीडियो में एक महिला किसान आंदोलन को खत्म करने के लिए केंद्र और राज्य सरकार को चेतावनी दे रही है. कह रही है कि अगर 16 दिसंबर तक सरकार किसान आंदोलन को हटाती नहीं है, तो 17 को फिर ज़ाफराबाद बनेगा. एक्टिविस्ट और कवि नाबिया खान ने इस वीडियो को दिल्ली पुलिस और CP दिल्ली को टैग करते हुए शेयर किया है.
इसमें रागिनी तिवारी कह रही हैं-Ragini Tiwari openly gave call for slaughtering Muslims on FB live from North East Delhi. She was not even interrogated or made an accused.
Now she has given a fresh warning to end farmers' protest otherwise "she will turn it into another Jaffrabaad" 1/2@CPDelhi @DelhiPolice pic.twitter.com/QIQPBfwsvf — Nabiya Khan | نبیہ خان (@NabiyaKhan11) December 12, 2020
रागिनी आगे कहती हैमुझे लोग जानकी तिवारी कहते हैं. किसान आंदोलन जो दिल्ली में हो रहा है और किसान आंदोलन के आड़ में शरजील इमाम और उमर खालिद जैसे देशद्रोहियों और गद्दारों के रिहाई की जो साजिश चल रही है और गद्दारों का जो साथ दिया जा रहा है किसान आंदोलन में. हम गांधी के बंदर नहीं बन सकते, आंख बंदकर के नहीं देख सकते ऐसे साजिश को... मुझे नहीं मतलब है केंद्र सरकार और राज्य सरकार से. अभी छठ पूजा में कोरोना हो रहा था. छठ पूजा हमारी रोक दी गई. और किसान आंदोलन में कोरोना नहीं हो रहा है? मैं गांधी की बंदर महिला नहीं हूं, 16 तारीख तक अगर सरकार किसान आंदोलन को हटाती नहीं है, किसान आंदोलन से निपटती नहीं है, तो 17 को फिर ज़ाफराबाद बनेगा. और रागिनी तिवारी फिर रोड खाली कराएगी और आंदोलन बंद कराएगी और इसकी पूरी जिम्मेदारी केंद्र सरकार और राज्य सरकार की होगी.
रागिनी तिवारी कौन हैं?हे भारत के राष्टवादियों... इस राजनीति को समझिए, हां प्रदर्शन करके अपना अधिकार मांगने का सबको हक है. पर उस आड़ में उमर खालिद और शरजील जैसे गद्दारों को छुड़ाने की बात, खालिस्तान बनाने की मांग करना, अरे विधर्मियों तुम जानते हो, तुम्हारी साजिश को मैं नहीं समझ रही हूं. रुचि बहन, दिव्या बहन, अंजलि बहन समेत जानकी धाम की मैं सारी बहनों को कह रही हूं कि 17 तारीख को तैयारी करिए. अगर किसान आंदोलन से सरकार मुक्त नहीं कराती है दिल्ली को, तो फिर से जाफराबाद रागिनी तिवारी बनाएगी. और जो होगा, उसकी जिम्मेदार केंद्र और राज्य सरकार होगी. दिल्ली पुलिस होगी. जय श्री राम.
खुद को हिंदुत्व नेता बताने वाली रागिनी तिवारी उर्फ जानकी तिवारी बिहार के मुज़फ्फरपुर की रहनी वाली हैं, जैसा कि उनके फेसबुक का स्क्रीनशॉट शेयर हो रहा है. हालांकि हमने उनका फेसबुक अकाउंट सर्च किया, पर दो तीन पोस्ट के सिवाए ज्यादा जानकारी नहीं मिली. उनका दावा है कि वो किसी भी राजनीतिक पार्टी से नहीं जुड़ी हैं, पर रिपोर्ट के मुताबिक, वो खुद दावा करती हैं कि उन्होंने दिल्ली विधानसभा में BJP प्रत्याशी अभय वर्मा के लिए कैम्पेनिंग की थी. वो PM मोदी को पसंद करती हैं.

ज़ाफराबाद का ज़िक्र क्यों? नागरिकता संशोधन क़ानून CAA के विरोध में 22 फरवरी को ज़ाफराबाद मेट्रो स्टेशन के पास लोग जमा थे. इसके बाद दंगा हुआ था जिसमें कई लोग मारे गए थे. और अब रागिनी का कहना है कि जैसे यहां पर स्थिति हुई थी, वही स्थिति वो किसान आंदोलन में करेंगी, अगर आंदोलन 16 तक खत्म नहीं हुआ तो. पहले भी दिया भड़काऊ बयान रागिनी ने CAA-NRC के प्रदर्शन के दौरान ऐसा ही भड़काऊ वीडियो बनाया था. 23 फरवरी को मौजपुर से एक फेसबुक लाइव किया था. इसमें उन्होंने कहा था-
दिल्ली पुलिस लट्ठ बजाओ, हम तुम्हारे साथ हैं, अरे मोटे मोटे लट्ठ बजाओ, हम तुम्हारे साथ हैं, जरूरत पड़ी तो हमें बुलाओ, हम तुम्हारे साथ हैं. काट डालो, जो भी है, काट डालो... भीम्टी है क्या? बहुत हुआ सनातन पर वार, अब नहीं सहेंगे वार. आर-पार की लड़ाई सभी सनातनियों बाहर आओ. मरो या मार डालो. बाद में देखी जाएगी. बहुत हुआ. अब जिसका खून न खौला, खून नहीं वो पानी है.
This lady ( Ragni Tiwari) doing Facebook live from past 3-4 days with similar provocative slogans . Hello @DelhiPolice, Her provocative videos are now viral on Facebook and whatsapp. pic.twitter.com/0CZKQfN7xI — Mohammed Zubair (@zoo_bear) February 27, 2020
इस वीडियो के बाद काफी बवाल मचा था. क्विंट की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस वीडियो के वायरल होने के बावजूद उनका नाम चार्जशीट में नहीं था.
इन सब बातों के सामने आने के बाद अब लोग ट्विटर पर दिल्ली पुलिस को टैग कर रागिनी तिवारी के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. लोगों का ये भी कहना है कि जब रागिनी तिवारी खुद फेसबुक लाइव के ज़रिए दिल्ली दंगों के दौरान ऐसे भड़काऊ बातें कह रही थी, तो इससे पूछताछ क्यों नहीं हुई और इसे दंगे में आरोपी क्यों नहीं बनाया गया. हालांकि खबर लिखे जाने तक दिल्ली पुलिस की तरफ से कोई जवाब नहीं आया था.