किसान दवा खरीदने गया, लौटते हुए टिकट खरीदा और चार घंटों में लग गई 2.5 करोड़ की लॉटरी
40 साल से लौटरी का टिकट खरीद रहे बुज़ुर्ग को विश्वास ही नहीं हुआ. तो अगले दिन अपने दोस्तों को लेकर लॉटरी के स्टॉल पर गए.

साल 2000 में प्रियदर्शन ने एक फिल्म बनाई थी ‘हेरा-फेरी.’ इसमें एक गाना था - ‘देंने वाला जब भी देता, देता छप्पर फाड़ के.’ ये गाना पंजाब के होशियारपुर के एक किसान पर बिलकुल फिट बैठता है. बुज़ुर्ग किसान दवा खरीदने गए थे. लौटते हुए लॉटरी का टिकट खरीदा और चार घंटों के भीतर खबर आई कि वो 2 करोड़ 50 लाख की लॉटरी जीत गए हैं (Hoshiyarpur Farmer Lottery).
इंडिया से जुड़े सुनील लाखा की रिपोर्ट के मुताबिक किसान का नाम शीतल सिंह है. पिछले 40 सालों से वो लॉटरी का टिकट खरीदते थे. हर हफ्ते की तरह वो 4 नवंबर को भी अपने परिवार के एक सदस्य के साथ माहिलपुर से होशियारपुर गए थे, दवा लेने. तभी उन्होंने ग्रीन व्यू पार्क के पास एक स्टॉल से लॉटरी का टिकट खरीदा. 3 बजे वो घर लौट गए. और उसी दिन शाम को 7 बजे उन्हें स्टॉल के मालिक का फ़ोन आया. कि उनकी ढाई करोड़ की लॉटरी लग गई है.
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शीतल सिंह को स्टाल के मालिक की बात पर भरोसा नहीं हुआ. इसलिए वो 5 नवंबर को अपने दोस्तों के साथ वापस होशियारपुर गए. उन्होंने आजतक को बताया,
“मैं खेती-बाड़ी का काम करता हूं. मेरे दो बच्चे हैं. दोनों की शादी हो चुकी है. अभी तक मैंने परिवार को लॉटरी के बारे में नहीं बताया है. मैं लॉटरी लगने से बहुत ज़्यादा खुश हूं. अब परिवार से बात करके देखूंगा कि पैसे का इस्तेमाल कैसे करना है.”
लॉटरी स्टाल के मालिक ने बताया कि वो पिछले 15 साल से लॉटरी टिकट बेच रहे हैं. और 15 साल में यह तीसरी बार है जब किसी की करोड़ों रुपए की लॉटरी निकली है. उनके लिए यह खुशी की बात है.
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