पंजाब: इंट्रेंस टेस्ट तो है ही डोप टेस्ट भी निकालना होगा
एक साल का टाइम है स्टूडेंट्स के पास. दूसरे फेज में प्राइवेट कॉलेज भी आएगा इसमें.
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REUTERS
डेटा के अनुसार पंजाब मे 48 सरकारी कॉलेजों में 80,739 स्टूडेंट पढ़ रहे हैं जिनमें से 38,695 लड़के और 42,044 लड़कियां हैं. वहीं राज्य में 136 प्राइवेट कॉलेज हैं जिनमें लगभग 1.88 लाख स्टूडेंट पढ़ रहे हैं. इससे ये पता चल पाएगा कि पंजाब में कितने बच्चे नशेड़ी-गंजेरी हैं. और साथ में एक सरकारी लिस्ट भी बन जाएगी कि कितने लोग वाकई में नशा करके अपनी जिंदगी की ऐसी-तैसी करने में लगे पड़े हैं.अभी तक ऐसा कोई डेटा था नहीं. सब अपने मन से कुछ-कुछ बताते थे. लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. इसके लिए हायर एजुकेशन डिपार्टमेंट ने सरकारी कॉलेजों में एडमिशन और री-एडमिशन करने के लिए यूथ का डोप टेस्ट करने का फैसला किया है. फिलहाल इसके लिए लोगों से फीडबैक लिया जा रहा है. वैसे ये प्रोसेस अगले साल से कॉलेजों में लागू किया जाएगा.
सरकार नशा मुक्त पंजाब बनाने के लिए हेल्थ डिपार्टमेंट को भी अपने साथ बुला लिया है. इससे उन नशेड़ी स्टूडेंट्स की पहचान कर उनकी दवा (Not दवा-दारू) कराना आसान हो जाएगा. सरकार को कहीं से खबर मिली है कि पंजाब में नशा अपने चरम पर है. क्या बच्चे क्या बूढ़े सब लिपे-पुते हैं नशे में. इनसे मुक्त करने के लिए सरकार डोप टेस्ट की हेल्प ले रही है.वैसे यहां पुलिस भर्ती में भी एक्जाम पास कर आए लोगों का डोप टेस्ट होता है. वहां पास तो फिर ऑल ओके. पंजाब में हायर एजुकेशन मिनिस्टर सुरजीत सिंह रखड़ा ने बताया कि उनके डिपार्टमेंट ने कमर कस लिया है. इसकी शुरूआत पटियाला के महिंदरा कॉलेज से होगी.