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'जुड़वा' और 'क्योंकि...मैं झूठ नहीं बोलता' वाली 'रैविशिंग' रंभा आज कल कहा हैं?

रंभा ने बॉलीवुड इसलिए छोड़ दी क्योंकि उन्हें प्रॉस्टिट्यूट्स के रोल मिल रहे थे.

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अपने दौर के दो सुपरस्टार्स सलमान और गोविंद के साथ रंभा.
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श्वेतांक
5 जून 2020 (Updated: 13 अक्तूबर 2020, 01:02 PM IST) कॉमेंट्स
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बॉलीवुड के हर एरा में हीरोइनों की एक ऐसी जोड़ी रही है, जिसने पब्लिक को कंफ्यूज़ करके रखा. पहले परवीन बाबी और जीनत अमान. फिर रवीना टंडन और ट्विंकल खन्ना. तीसरी जोड़ी है रंभा और नगमा की. आप इन्हें अलग करने की कोशिश करने बैठेंगे, तो सिर चकरा जाएगा. रंभा और नगमा, दोनों ने ही पांच से ज़्यादा भाषा की फिल्मों में काम किया. दोनों ने सलमान समेत बॉलीवुड के कई सुपरस्टार्स के साथ फिल्में कीं. और अब दोनों ही फिल्मों से दूर हैं. कंफ्यूज़न तो दिमाग का खेल है, अभी के लिए हम इसे दूर कर देते हैं. रंभा माने वो एक्ट्रेस जिन्होंने सलमान खान के साथ 'जुड़वा' में काम किया था. और सलमान के साथ 'सूर्यवंशी' में नज़र आई थीं नगमा. नगमा तो आए दिन अपने पॉलिटिकल करियर की वजह से खबरों में आती-जाती रहती हैं. लेकिन रंभा लंबे समय से कैमरा और मीडिया की नज़र में नहीं आई हैं. इसलिए आज हम रैविशिंग रंभा की बात करेंगे.
रैविशिंग रंभा.
रैविशिंग रंभा.

स्कूल में नाटक देखकर फिल्म मिल गई
5 जून, 1976 को विजयवाड़ा के एक तेलुगू-भाषी परिवार में विजयलक्ष्मी नाम की बच्ची का जन्म हुआ. विजय की स्कूलिंग विजयवाड़ा में ही चल रही थी लेकिन कुछ ही दिनों में उनकी बहन की शादी हो गई और भाई हायर स्टडीज़ के लिए बैंगलोर चले गए. विजयलक्ष्मी घर में अकेली पड़ गईं. ऐसे में उनकी एक रिश्तेदार ने उन्हें अपने यहां यानी चेन्नई (तब मद्रास) आकर रहने के लिए बुलाया. अपने एक इंटरव्यू में विजय बताती हैं कि उन्हें विजयवाड़ा से मद्रास जाकर ऐसा लगा मानों 'अब्रॉड' आ गई हों. वो 7वीं क्लास में थीं, जब उन्हें अपने स्कूल में हो रहे नाटक में एक छोटा सा रोल करने का मौका मिला. उसी दिन उन्हें बेस्ट-हैंडराइटिंग के लिए भी अवॉर्ड मिलने वाला था. जब वो स्टेज पर पहुंचीं, तो उनके ग्रुप मेंबर्स का अवॉर्ड भी विजयलक्ष्मी को ही दे दिया गया.
नाटक करने के बाद इतने सारे अवॉर्ड्स जीतते देख, उस इवेंट के चीफ गेस्ट विजयलक्ष्मी से इंप्रेस हो गए. उन्होंने बधाई वाले स्वर में कहा- 'तुम्हें इतने सारे अवॉर्ड्स मिले?'. विजय ने बता दिया कि ये सारे अवॉर्ड्स उनके नहीं हैं. बाद में पता चला कि वो सज्जन मशहूर मलयाली फिल्ममेकर हरिहरण के दोस्त थे. कुछ ही दिनों के बाद स्कूल के प्रिंसिपल ने विजय से कहा कि अपने भाई को स्कूल बुला लें. कुछ 'फिल्मी' लोग विजय के बारे में उनसे बात करना चाहते हैं. अगले कुछ ही दिनों में विजय के घर हरिहरण के ऑफिस से लुक टेस्ट के लिए फोन आया. जब लाइफ में इतना सबकुछ हो रहा था, तब विजय सिर्फ ये सोच रही थीं कि अपने जिन पसंदीदा एक्टर्स को टीवी पर देखती हैं, उनसे वो लाइव मिल पाएंगी. विजय को जो फिल्म मिली, वो थी 'सरगम'. इस फिल्म को बेस्ट पॉपुलर फिल्म का नेशनल अवॉर्ड और केरल स्टेट फिल्म अवॉर्ड मिला. लेकिन विजय अवॉर्ड लेने नहीं गईं. क्योंकि उन्हें अवॉर्ड्स वगैरह के बारे में कुछ पता ही नहीं था.
अपनी पहली फिल्म 'सरगम' के एक सीन में एक्टर विनीत के साथ रंभा.
अपनी पहली फिल्म 'सरगम' के एक सीन में एक्टर विनीत के साथ रंभा.

जब विजयलक्ष्मी बन गई रैविशिंग रंभा
विजयलक्ष्मी के साथ इतना सब कुछ तब हो रहा था, जब उनकी उम्र मात्र 15 साल थी. वो 8वीं में पढ़ती थीं. 'सरगम' में उनके किरदार का नाम था थंकमणी और फिल्म के क्रेडिट प्लेट पर उनका नाम 'अमृता' लिखा गया. क्योंकि विजयलक्ष्मी जैसा नाम एक्टर्स को 'सूट' नहीं करता. 'सरगम' के फोटोशूट की कुछ तस्वीरें देखने के बाद उन्हें पहली तेलुगू फिल्म ऑफर हुई. इस फिल्म को डायरेक्ट कर रहे थे ई.वी.वी सत्यनारायण. राजेंद्र प्रसाद को लीड रोल में लेकर बन रही इस कॉमेडी फिल्म का नाम था- 'आ ओक्कती आडक्कु'. इस फिल्म में विजयलक्ष्मी के किरदार का नाम था 'रंभा'. इसी किरदार से प्रेरित होकर विजयलक्ष्मी, जो अब तक फिल्म देखने वाली ऑडियंस के लिए अमृता थी, वो रंभा बन गईं. इसके बाद रंभा ने पढ़ाई छोड़ दी और फुल टाइम एक्टिंग में आ गईं.
विजयलक्ष्मी से रंभा. फिल्म 'आ ओक्कती आडक्कु' का एक दृश्य.
विजयलक्ष्मी से रंभा. फिल्म 'आ ओक्कती आडक्कु' का एक दृश्य.

दिव्या भारती > श्रीदेवी > रंभा
जब रंभा शुरू कर रही थीं, तब तक दिव्या भारती रेज बन चुकी थीं. उनकी कई फिल्में आ चुकी थीं और कई आने वाली थीं. श्रीदेवी के तो क्या ही कहने. कमाल की बात ये कि ये तीनों ही हीरोइनें साउथ इंडियन फिल्मों में काम कर रही थीं. और कहा जाता है कि इनकी शक्ल भी एक-दूसरे से काफी मिलती थी. 1993 में श्रीदेवी तेलुगू फिल्म 'एस.पी. परशुराम'-हिंदी फिल्म 'चांद का टुकड़ा', दिव्या भारती 'लाडला'-तेलुगू मूवी 'थोली मुद्धू' और रंभा तेलुगू फिल्म 'एवांडे आविदा वचिंदी' की शूटिंग कर रही थीं. इसी दौरान पांचवें माले की बालकनी से गिरकर दिव्या भारती की मौत हो गई. चारों ओर हाहाकार मच गया. लेकिन दिव्या की मौत का फायदा उनकी दोनों कंटेम्प्ररी हीरोइनों को मिला. 'लाडला' में जहां दिव्या के सभी सीन्स को स्क्रैप कर पूरी फिल्म श्रीदेवी के साथ शूट की गई. वहीं 'थोली मुद्धू' में दिव्या भारती के सीन्स रिटेन कर लिए गए. और उनके जिन हिस्सों/सीन्स की शूटिंग बाकी थी, उसे रंभा को लेकर पूरा किया गया.
मल्टीपल आंसर्स क्वेश्चंस बी लाइक-
मल्टीपल आंसर्स क्वेश्चंस बी लाइक- श्रीदेवी, रंभा और दिव्या भारती. (बाएं से दाएं)

टिकट टु बॉलीवुड
अमेरिकी फिल्म इंडस्ट्री हॉलीवुड जैसा कूल साउंड करने के लिए अपनी इंडस्ट्री ने वहीं का कॉन्सेप्ट उठाकर खुद को बॉलीवुड कहना शुरू कर दिया. लेकिन वो अब भी हिंदी फिल्म इंडस्ट्री ही है. खैर, हम रंभा की बात कर रहे थे. वो अपने इंटरव्यूज़ में हमेशा से कहती रही हैं कि उन्हें लोगों का अटेंशन पाना अच्छ लगता है. रंभा काम भले तेलुगू फिल्मों में करती थीं लेकिन वो रहती चेन्नई में थी. उस समय में तमिल भाषी लोग तेलुगू फिल्में कम देखते थे. इसलिए रंभा को तेलुगू स्टार होने का कोई फायदा चेन्नई में नहीं मिलता. इसलिए उन्होंने तमिल फिल्मों में काम करना शुरू कर दिया. लेकिन एक बार शुरू कर दिया, तो इंसान रुकने का नाम कहां लेता है. तेलुगू से होते हुए तमिल और फिर हिंदी फिल्म इंडस्ट्री. 1995 में आई मिथुन चक्रवर्ती स्टारर फिल्म 'जल्लाद' से रंभा ने अपना हिंदी फिल्म डेब्यू किया. शुरुआती चार हिंदी फिल्मों में मिथुन के साथ काम करने के बाद रंभा के खाते में आई उनके करियर की सबसे यादगार फिल्म. इस फिल्म में सलमान और डेविड धवन पहली बार साथ काम करने जा रहे थे. फिल्म का नाम 'जुड़वा'. इसमें रंभा ने सलमान की लवर रुपा का रोल किया था. इसके बाद वो सुनील शेट्टी के साथ 'क्रोध' में नज़र आईं. रंभा ने गोविंदा के साथ 'बेटी नंबर 1' और 'क्योंकि...मैं झूठ नहीं बोलता' में काम किया. 'क्योंकि...मैं झूठ नहीं बोलता' में तो उन्होंने गोविंदा से एक झूठ बुलवाकर हंगामा कर दिया था. 2002 में आई मल्टी-स्टारर 'जानी दुश्मन' लीड (बड़े) रोल में उनकी आखिरी फिल्म थी. इसके बाद इक्का-दुक्का फिल्मों में कैमियो अपीयरेंस और फिर बॉलीवुड को टाटा, बाय-बाय!
'जुड़वा' के दिनों में सलमान के साथ रंभा. दूसरी तस्वीर कुछ सालों पहले की है. सलमान 'द-बैंग' टुअर के लिए कैनडा गए थे, वहां अपनी फैमिली के साथ सलमान से मिलने आई थीं रंभा.
'जुड़वा' के दिनों में सलमान के साथ रंभा. दूसरी तस्वीर कुछ सालों पहले की है. सलमान 'द-बैंग' टुअर के लिए कैनडा गए थे, वहां अपनी फैमिली के साथ सलमान से मिलने आई थीं रंभा.

हिंदी फिल्में छोड़ी क्यों?
रंभा ने जब हिंदी फिल्म इंडस्ट्री छोड़ी, तब ऐसा नहीं था कि उन्हें काम नहीं मिल रहा था. रंभा को काम मिल रहा था. लेकिन वही घिसे-पिटे रोल्स. कुछ अलग, कुछ नया नहीं. डीएनए को दिए एक इंटरव्यू में रंभा इस बारे में बात करते हुए कहती हैं-
''ये शायद ट्रेंड बन गया था. मुझे जितने भी रोल्स ऑफर होते, वो या तो प्रॉस्टिट्यूट्स (वेश्या) का होता या उसी लाइन पर कुछ. मैं वैसे रोल्स कभी नहीं करना चाहती थी. इसीलिए मैं साउथ चली गई.''
बॉलीवुड छोड़ने के बाद रंभा तमिल, तेलुगू और कन्नड़ा फिल्मों में एक्टिव रहीं. एक्सपेरिमेंट के तौर पर बंगाली और भोजपुरी फिल्मों में भी काम किया. 2010 में आई तमिल फिल्म 'पेन सिंगम' उनकी आखिरी फिल्म थी. फिल्मों से अलग होने के बाद रंभा टीवी में काम करने लगीं. वो 'द अल्टीमेट डांस शो' (तेलुगू- 2011), 'जोड़ी नंबर 1' (2014) और 'किंग्स ऑफ कॉमेडी जूनियर्स' (तमिल- 2017) जैसे शोज़ में बतौर जज दिखाई दीं. ये उनके कुछ आखिरी प्रोजेक्ट्स थे.
प्रॉस्टिट्यूट्स के अलावा रंभा को कई आइटम नंबर्स भी ऑफर हुए जो सेंसुअस कम वल्गर ज़्यादा होते थे.
प्रॉस्टिट्यूट्स के अलावा रंभा को कई आइटम नंबर्स भी ऑफर हुए जो सेंसुअस कम वल्गर ज़्यादा होते थे.

फिल्म बनाई और घर बेचने की नौबत आ गई
2003 में रंभा ने एक फिल्म प्रोड्यूस करने की सोची. वो ऐसी महिला केंद्रित एक्शन फिल्म बनाना चाहती थीं, जिसमें लीड फीमेल एक्टर्स ही करें. उन्होंने अपने भाई वासु के साथ मिलकर 'चार्लीज़ एंजेल्स' की तर्ज पर कुछ सोचा. फिल्म में ज्योतिका (मेरी जंग) और लैला (पितामगन) के साथ रंभा ने खुद भी काम किया. गोविंदा ने कैमियो किया. बड़े लेवल पर फिल्म बन रही थी. नाम था 'थ्री रोज़ेज' (Three Roses). इस फिल्म को बनने में दो साल लगे और रिलीज़ में भी देरी हो गई. जब रिलीज़ हुई, तब ना दर्शकों ने पसंद किया, ना क्रिटिक्स ने. लेकिन रंभा के लिए बात इतनी ही नहीं थीं. उनके माथे पर बड़ा कर्ज था, जो उन्होंने इस फिल्म के लिए लिया था. रंभा ने मैनिकम नारायणन से 25 लाख रुपए का लोन लिया था. सिक्योरिटी के तौर पर अपना 2 करोड़ रुपए का घर रखकर. रंभा वो पैसे नहीं भर पाईं, इसलिए मैनिकम ने पावर ऑफ अटॉर्नी का फायदा उठाते हुए घर अपने नाम पर रजिस्टर करवा लिया. ऐसा मैनिकम का कहना है. वहीं रंभा का कहना था कि उन्होंने मैनिकम को टोटल अमाउंट का एक बड़ा हिस्सा चुका दिया था. कहा ये भी जाता है कि इस फिल्म ने रंभा पर इतना उधार चढ़ा दिया था कि वो सब चुकाने के लिए उन्हें अपना चेन्नई माउंट रोड वाला घर तक बेचना पड़ा. हालांकि इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है.
फिल्म '3 रोजेज़' के पोस्टर पर रंभा, लैला और ज्योतिका. (बाएं से दाएं).
फिल्म '3 रोजेज़' के पोस्टर पर रंभा, लैला और ज्योतिका. (बाएं से दाएं).

शादी, अलगाव और वापसी
रंभा की शादी का किस्सा बड़ा मज़ेदार है. इन्हें कैनडा की एक बाथरूम डेकॉर कंपनी अपना ब्रैंड एम्बैसेडर बनाना चाहती थी. इस कंपनी के मालिक थे इंद्रकुमार पद्मनाथन. रंभा और उनके टु बी हस्बैंड इंद्रकुमार पहली मुलाकात यहीं हुई. फिर बातें मुलाकातें बढ़ीं और प्रेम हो गया. 8 अप्रैल, 2010 को कर्नाटक के तिरुमाला में इंद्रकुमार और रंभा की शादी हो गई. अगले कुछ सालों में रंभा दो बच्चियों की मां बनीं. लेकिन 2016 में उनकी शादी बड़ी दिक्कत में आ गई. बात तलाक तक पहुंच गई. रंभा ने इंद्र से अपने और अपनी बच्चियों के लिए हर माह 2.5 लाख रुपए की मांग की थी. हालांकि बाद में दोनों पक्षों ने कोर्ट से बाहर आपस में सुलह कर ली.  रंभा, दोबारा इंद्रकुमार के साथ आ गईं. वो अपने पति और तीनों बच्चों के साथ कैनडा में रहती हैं.
अपने पति और तीनों बच्चों के साथ रंभा.
अपने पति और तीनों बच्चों के साथ रंभा.



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