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क्योंकि पुलिस वालों का दिल पत्थर का नहीं होता

जम्मू का पुलिस वाला. एक आदमी को गोदी में उठाकर मदद की क्योंकि वो खुद नहीं चल पा रहा था.

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आशीष मिश्रा
28 जून 2016 (Updated: 27 जून 2016, 03:17 AM IST) कॉमेंट्स
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जम्मू का नाम आए या कश्मीर का नाम आए. फिर पुलिस का नाम आए. आप सतर्क हो जाते हैं. कान खड़े हो जाते हैं. हालात ही ऐसे हैं राज्य के. लगता है क्या हो गया. अक्सर मानव अधिकारों के उल्लंघन के आरोप पुलिस वालों पर लगते हैं. लेकिन ये वाली खबर अच्छी वाली है. एक पुलिस वाले ने अपनी ड्यूटी से आगे बढ़कर एक अपाहिज आदमी की हेल्प की. बात है जम्मू के कटरा रेलवे स्टेशन की है. एक आदमी वैष्णो देवी की यात्रा पर आया था. खुद चल नहीं पा रहा था. तपती धूप में खुले आसमान के नीचे बैठा था. जीआरपी कटरा के स्पेशल ब्रांच के इंस्पेक्टर राकेश कुमार अपनी पेट्रोलिंग ड्यूटी पर थे. उधर से ही गुजरे. वैसे तो रेलवे स्टेशन पर ऐसे कई लोग बैठे रहते हैं. लेकिन राकेश कुमार ने उस आदमी को देखा तो उसकी मदद को रुक गए. देखा कि वो खुद चल के नहीं जा पाएगा तो उसे अपने हाथों में उठाया, पार्किंग एरिया तक ले गए, ऑटो रुकवाया और उस आदमी को गाड़ी के अंदर बैठा दिया. वैसे तो ये छोटी सी बात है. लेकिन अच्छा लगता है जब लोग खुद ऐसे आगे आकर लोगों की हेल्प करते हैं. पुलिस वालों को तो और कहा जाता है कि पुलिस वाले अपने काम के कारण पत्थर दिल हो जाते हैं. आदमी को आदमी नहीं समझते. लेकिन ऐसी खबरें आती हैं तो अच्छा लगता है. अच्छे लोग होते हैं वो भी.

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