दिल्ली के पुश्तैनी गैंगस्टर, लिए फिरते थे अमरीकी फौज की पिस्तौल
बदमाशों से मिले हाई-फाई हथियार. जिसमें यूएस आर्मी की ऑटोमैटिक पिस्टल, विदेशी लेजर पिस्टल, देसी कारबाइन, विदेशी कारतूस हैं.
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दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की एक मुठभेड़ हो गई. दो बेहद खतरनाक गैंगस्टर्स अरेस्ट किए गए हैं. ये दोनों गैंगवार, कई मर्डर व फिरौती के केसों में मोस्ट वॉन्टेड थे. चार लोगों को एक साथ गोलियों से भूनकर मर्डर करने का इल्जाम भी इन पर है. सबसे चौंकाने वाली बात ये है कि इनके पास से यूएस आर्मी में इस्तेमाल होने वाली 9 एमएम बोर की टोरस ऑटोमैटिक पिस्टल, पॉइंट 455 बोर की लेजर पिस्टल, पॉइंट 30 बोर की देसी कारबाइन और 66 विदेशी कारतूस बरामद हुए हैं.
हाई-फाई कट्टा-तमंचा है बदमाशों के पास क्राइम ब्रांच बदमाशों से पूछताछ कर रही है. शंका तो ऐसी भी है कि ये हथियार स्मगलिंग के जरिए यहां तक पहुंचे हैं. पर बदमाश अपने लिंक के बारे में पुलिस को टहिला रहे हैं. एक पिस्टल वियतनाम से आने की इन्फॉर्मेशन मिली है. इनके पास 9 एमएम की लेजर पिस्टल थी, जो रात में भी टारगेट पर अचूक निशाना लगाती है. ये गन कुछ देशों की स्पेशल फोर्स यूज करती है, लेकिन इंडिया में फोर्स और पुलिस के लिए दूर की कौड़ी है. जो कारतूस रिकवर हुए हैं, वह भी विदेशी फोर्स यूज करती हैं. ये ‘होलो पॉइंट के कार्ट्रिज’ हैं, जो टारगेट के आर-पार नहीं होते, बल्कि शरीर के भीतर फट जाते हैं. इस कारतूस के वार से बचना नामुमकिन माना जाता है. तीसरी पॉइंट 30 बोर की कारबाइन है, जो इंडिया में मिलती है. इसमें दो मैगजीन लगती हैं, एक 20 गोलियों की, दूसरी 10 गोलियों की. इससे एक बार में 30 गोलियां फायर होती हैं.
एक लाख का इनामी है गिरफ्तार गैंगस्टर ज्ञानेंद्र उर्फ गड्डू झज्जर का है. बहुत दिन से पुलिस इसकी तलाश में थी. ज्ञानेंद्र दिल्ली और हरियाणा में मर्डर, अटेम्प्ट मर्डर और फिरौती के छह केसों में वॉन्टेड था. ज्ञानेन्द्र रोहतक की एमडी यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएट है. इसपर हरियाणा में एक लाख रुपये का इनाम रखा गया था. दूसरा राजीव दहिया है. राजीव पर 15 केस हैं, जिनमें चार मर्डर के हैं. राजीव 14 महीने पहले कंझावला के एक मर्डर केस में पैरोल जंप करके फरार हो गया था. दोनों के बारे में मुखबिर से सूचना मिली थी. बस पुलिस की टीम ने एक नहर के पास खेड़ा खुर्द गांव में दोनों को घेर लिया. बदमाशों ने पुलिस टीम पर फायर किया, पर उनका टाइम आ गया था. दोनों आखिरकार दबोचे गए.
नीरज बवानिया के दुश्मन नंबर-1 नीरज बवानिया एक गैंगस्टर है. पकडे गए दोनों बदमाश नीरज के दुश्मन नंबर-1 बताए जा रहे हैं. नीरज इस समय जेल में है, इसलिए दोनों उसकी गैंग का सफाया करने के इरादे से हाई-फाई हथियार जमा कर रहे थे. इसके साथ ही दिल्ली-हरियाणा के व्यापारियों से फिरौती भी ऐंठते थे. नीरज से ज्ञानेंद्र के मामा ‘काला’ के गैंग की दुश्मनी पुरानी है, जिसकी कमान अब ज्ञानेंद्र संभाल रहा है. इस रंजिश के चलते साल 2011 में ज्ञानेंद्र ने हरियाणा में नीरज की गैंग के 4 लोगों को एक साथ कार में गोलियों से भून दिया था. जमके गोली चली थी. 50 राउंड से ज्यादा फायर हुए थे. पुलिस की माने तो दोनों बदमाश हथियारों समेत एक कार में थे. उनकी कार को नहर के एक पुल पर बैरीकेड के जरिए रोका गया. उन्होंने चपक के ब्रेक लगाया और कार पीछे करके भागना चाहा. पीछे पुलिस की गाड़ी पहिले से ही खड़ी थी. घिरने पर दोनों बदमाश बाहर निकले और कर दिए फायर. एक हवलदार बाल-बाल बचा. तभी कुछ पुलिस वालों ने दोनों को पकड़ लिया.