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"अब बर्दाश्त नहीं करेंगे"- मंदिरों पर हमले को लेकर ऑस्ट्रेलियन PM के सामने PM मोदी क्या बोले?

ऑस्ट्रेलिया के पीएम अल्बनीस बोले- सख्त कार्रवाई करेंगे.

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PM Modi on temple vandalism in australia we will not accept Albanese assured strict action
ऑस्ट्रेलिया में मंदिरों पर हमलों को लेकर PM मोदी का बयान (Photo: Twitter/@AlboMP)
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ज्योति जोशी
24 मई 2023 (Updated: 24 मई 2023, 12:29 PM IST)
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PM नरेंद्र मोदी तीन दिन के ऑस्ट्रेलिया दौरे (PM Modi Australia) पर हैं. वहां द्विपक्षीय वार्ता के दौरान पीएम मोदी ने ऑस्ट्रेलिया के मंदिरों में हो रही तोड़फोड़ (Temple Vandalism) का मुद्दा उठाया. PM मोदी ने कहा है कि मंदिरों पर हमला करने वालों के एक्शन या विचारों को स्वीकार नहीं किया जाएगा. उन्होंने कहा कि इस तरह के 'तत्व' भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच संबंधों को खतरे में डाल सकते हैं. इस द्विपक्षीय वार्ता में पीएम मोदी के साथ ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री भी मौजूद थे. PM अल्बनीस ने मोदी को भरोसा दिया कि आगे से इस तरह की घटनाओं और उनको अंजाम देने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का जाएगी.

सिडनी में हुई इस मीटिंग से जुड़ी जानकारी खुद PM मोदी ने मीडिया के सामने दी. 

पीएम अल्बनीस ने मामले पर कहा कि ऑस्ट्रेलिया एक "बहुसांस्कृतिक देश" है और हम "लोगों के विश्वास" का सम्मान करता है. 

मंदिरों पर बढ़े हमले

दरअसल पिछले कुछ महीनों में ऑस्ट्रेलिया में इस तरह की घटनाएं बढ़ी है. इस साल हुए विवादों पर नज़र डालें तो-

-12 जनवरी को मेलबर्न में स्वामीनारायण मंदिर पर हमला किया गया. मंदिर की दीवारों पर खालिस्तान के समर्थन में नारे लिखे गए.

-16 जनवरी को विक्टोरिया के कैरम डाउन्स में श्री शिव विष्णु मंदिर में तोड़फोड़ की गई.

-23 जनवरी को, मेलबर्न के अल्बर्ट पार्क में इस्कॉन मंदिर की दीवारों पर 'हिंदुस्तान मुर्दाबाद' के नारे लिखे गए.

-मार्च में ब्रिस्बेन में श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर पर हमला हुआ.मंदिर की दीवारों पर आपत्तिजनक पेंटिंग भी की गई. आरोप खालिस्तान समर्थकों पर लगा. 

हालांकि हमलों के बाद ऑस्ट्रेलिया ने भी खालिस्तान समर्थकों की आलोचना की थी. 

‘खालिस्तान’ के नाम पर लगातार हिंसा

फरवरी में ब्रिसबेन के गायत्री मंदिर में खालिस्तान समर्थकों ने धमकी भरे कॉल किए थे. खुद को 'गुरुअवधेश सिंह' बताने वाले शख्स ने मंदिर के अध्यक्ष डॉ जय राम को कॉल कर 'खालिस्तान जिंदाबाद' के नारे लगाने के लिए धमकाया. साथ ही कहा कि हिंदुओं को खालिस्तान जनमत संग्रह का समर्थन करना चाहिए.

29 जनवरी को खालिस्तान समर्थकों ने मेलबर्न में खालिस्तान के लिए जनमत संग्रह करवाने की घोषणा की थी. इसका कुछ भारतीयों ने विरोध किया था. विरोध करने पर तिरंगा लिए भारतीयों की खालिस्तान समर्थकों ने पिटाई तक कर दी थी.

इस पूरे मामले पर हमारे साथी निखिल ने एक डीटेल रिपोर्ट तैयार की है. उसे आप यहां पढ़ सकते हैं- ऑस्ट्रेलिया में मंदिरों और तिरंगे को निशाना क्यों बनाया गया?

वीडियो: PM Modi से जो बाइडन ने ऑटोग्राफ मांग लिया, सामने जापान और ऑस्ट्रेलिया के PM बैठे थे

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