'वोट चोरी' कैंपेन को लेकर राहुल गांधी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में किसने याचिका दायर कर दी?
याचिकाकर्ता का कहना है कि कांग्रेस द्वारा चलाया गया 'वोट चोरी' अभियान चुनाव आयोग की संवैधानिक साख और अधिकार को कमजोर करने की सोची-समझी रणनीति का हिस्सा है.

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका (PIL) दाखिल की गई है. याचिका में आरोप लगाया गया है कि कांग्रेस और राहुल गांधी चुनाव आयोग (ECI) के खिलाफ 'असंवैधानिक प्रोपेगैंडा' चला रहे हैं. याचिकाकर्ता का कहना है कि कांग्रेस का चलाया 'वोट चोरी' अभियान चुनाव आयोग की संवैधानिक साख और अधिकार को कमजोर करने की सोची-समझी रणनीति का हिस्सा है. यह याचिका अखिल भारत हिंदू महासभा के एक सदस्य ने दायर की है.
याचिका के मुताबिक इस तरह का अभियान न केवल चुनाव आयोग की स्वतंत्रता और निष्पक्षता पर सवाल उठाता है, बल्कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया की पवित्रता पर भी आघात करता है. याचिकाकर्ता ने कहा है कि चुनाव आयोग देश में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों के लिए एक संवैधानिक संस्था है, और उसकी साख को धूमिल करने वाला कोई भी प्रयास जनता के भरोसे और लोकतांत्रिक ढांचे के लिए गंभीर खतरा है.
पिछले कुछ महीनों से विपक्ष द्वारा निर्वाचन आयोग पर गंभीर आरोप लगाए जा रहे हैं. इनमें राहुल गांधी ज्यादा मुखर नज़र आते हैं. उन्होंने पहले महाराष्ट्र विधान चुनाव पर सवाल उठाए. इसके बाद कांग्रेस नेता ने 7 अगस्त को आरोप लगाया कि लोकसभा चुनाव के दौरान कर्नाटक में कई ‘फर्जी मतदाता’ तैयार किए गए, जिससे 'बीजेपी को जीत हासिल करने में मदद' मिली. उन्होंने इसे साफतौर पर ‘वोटों की चोरी’ बताया. इसी सिलसिले में राहुल गांधी चुनावी राज्य बिहार में 'वोट अधिकार यात्रा' कर रहे हैं.
चुनाव आयोग ने राहुल गांधी के आरोपों का खंडन किया है. 17 अगस्त को की गई प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा कि राहुल गांधी को 7 दिनों के अंदर अपने आरोपों पर हलफनामा दायर करना चाहिए या फिर आयोग से माफी मांगनी चाहिए.
वीडियो: दी लल्लनटॉप शो: 'वोट चोरी' पर चुनाव आयोग के खिलाफ राहुल गांधी का फाइनल प्लान क्या है?