मैथ्स के आंसर रटकर जाने वाले अलख पांडेय फिर जीनियस कैसे बन गए? खुद बताया
Physics Wallah के अलख पांडेय का इंटरव्यू

Physics Wallah के फाउंडर अलख पांडेय का नया इंटरव्यू आया है (Physics wallah CEO Alakh Pandey). स्मिता प्रकाश के साथ ANI को दिए इस इंटरव्यू में उन्होंने अपने जीवन और करियर से जुड़ी कई जरूरी बात बताई हैं. एक सवाल के जवाब में अलख पांडेय ने बताया कि मिडिल स्कूल यानी चौथी-पांचवी क्लास तक वो मैथ्स के सवाल रट कर जाते थे. उन्होंने बताया कि कैसे एक बिलो एवरेज स्टूडेंट से वो एक जीनियस बन गए.
ANI को दिए इंटरव्यू में अलख पांडेय ने बताया-
मैं मिडिल स्कूल में बहुत बिलो एवरेज बच्चा था. किसी तरह से बस काम चल रहा था. मैं ज्यादा चीजें समझ नहीं पाता था. मैथ्स बहुत ही कमजोर थी. मैं मैथ्स के सवाल रट कर जाता था. जब आप छोटी क्लास में होते हैं तो बुक से ही सवाल आते हैं. मैं पूरे जवाब रट कर जाता था. लास्ट में बस सही जवाब लिख आता था.
वो बताते हैं-
जब मैं 4th क्लास में था, पापा की जॉब छूट गई तो घर का आधा हिस्सा बेचना पड़ा. 6th क्लास तक आते-आते पूरा घर बिक गया. हम रेंट पर रहने लगे. नया वाला घर स्लम जैसे एरिया में था. तब चीजें ज्यादा हिट हुईं. रियलाइज हुआ कि कुछ बहुत गलत हो गया है. घर की हालत देखकर मैं 6th क्लास से पढ़ाई के लिए सीरियस होने लगा. मैथ्स समझ नहीं आती थी तब भी खूब पढ़ता था.
मैथ्स सीखने को लेकर अलख बताते हैं-
मेरे पापा मैथ्स अच्छी पढ़ाते हैं. उन्होंने ही दीदी को भी मैथ्स पढ़ाई थी. फिर वो मुझे पढ़ाने लगे. पापा की दिक्कत है कि एक जवाब भी गलत हुआ तो वो पीछे से सिर पर मारते थे. हमको बुरा लगता था. गलत जवाब से ज्यादा तब मारते थे जब किताब के पीछे से आंसर देखते थे. वो कहते थे कि पहले 10 सवाल करो फिर जवाब देखो. लेकिन मुझे वो ठीक नहीं लगा. फिर दीदी ने पढ़ाया. दीदी बहुत मेहनती थी. मैंने 10th क्लास में खूब मैथ्स पढ़ी. मन लगा और बात बन गई.
पहले भी कई बार अलख पांडेय बता चुके हैं कि उनका बचपन आर्थिक तंगी में बीता था. उनके पिता एक कंस्ट्रक्शन ठेकेदार हुआ करते थे, लेकिन कारोबार में उन्हें लगातार घाटा हो रहा था. वो चौथी क्लास में थे तब प्रयागराज के साउथ मलाका इलाके के उनके घर का आधा हिस्सा बिक चुका था.
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