बैन होने के पहले PFI अध्यक्ष ने अपने आखिरी फेसबुक पोस्ट में क्या लिखा था?
'साबित हो गया कि गोदी मीडिया द्वारा चौबीसों घंटे नफ़रत फैलाने वाले प्रचार का ज्यादा असर नहीं पड़ा है'

केंद्र सरकार ने इस्लामिक संगठन PFI पर पांच साल के लिए बैन लगा दिया है. इस बीच PFI के चेयरमैन के आखिरी फेसबुक पोस्ट की खूब चर्चा हो रही है. इस पोस्ट की visibility ओपन है, यानी कोई भी देख सकता है. चेयरमैन ओएमए सलाम ने इस पोस्ट में एक कैंपेन का जिक्र किया है. कैंपेन का नाम है गणतंत्र बचाओ अभियान. इस फेसबुक पोस्ट में सरकार के खिलाफ भी बातें लिखी गई हैं.
OMA सलाम ने 18 सितंबर को किए फेसबुक पोस्ट में लिखा
क्या है ये गणतंत्र बचाओ अभियान?“अल्हम्दुलिल्लाह. छह महीने पहले पॉपुलर फ्रंट द्वारा शुरू किया गया गणतंत्र बचाओ अभियान इतिहास बन गया है. सैकड़ों हजारों की इस सभा में शामिल सभी भाइयों और बहनों को मेरा नमस्कार. आपने साबित कर दिया है कि गोदी मीडिया द्वारा चौबीसों घंटे नफ़रत फैलाने वाले प्रचार और केंद्रीय एजेंसियों द्वारा विच हंट का ज्यादा असर नहीं पड़ता है.”
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक PFI ने ‘गणतंत्र बचाओ अभियान’ 26 जनवरी को शुरू किया था. ज्ञानवापी मस्जिद विवाद की शुरूआत के बाद से अभियान ने जोर पकड़ा. अभियान के तहत PFI कई जगहों पर रैली कर चुका था.
PFI के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओएमए सलाम ने कहा था
“ज्ञानवापी मस्जिद का मुद्दा RSS के एजेंडे का हिस्सा है. मुसलमानों को न्यायपालिका में भी न्याय से वंचित रखा जाता है. जो भी भारत के अस्तित्व को देखना चाहते हैं उन्हें विरोध करने के लिए आगे आना चाहिए.”
ED, NIA और राज्यों की पुलिस ने 22 और 27 सितंबर को कई राज्यों में रेड मारी और पीएफआई से जुड़े कई लोगों को अलग-अलग मामलों में गिरफ्तार किया है. दिल्ली में NIA ने PFI के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओएमए सलाम और दिल्ली अध्यक्ष परवेज अहमद को गिरफ्तार किया. जांच एजेंसियों का दावा है कि उन्हें PFI के खिलाफ पर्याप्त सबूत मिले हैं.
PFI के खिलाफ क्या मामले?पिछले कुछ समय में कई मामलों में PFI की कथित भूमिका का पता चला है. NIA इन मामलों की जांच कर रही है. आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक,
- पटना स्थित फुलवारी शरीफ में गजवा-ए-हिंद स्थापित करने के लिए बड़ी साज़िश हो रही थी. NIA ने हाल ही में यहां रेड की थी.
- तेलंगाना के निज़ामाबाद में कराटे ट्रेनिंग के नाम पर PFI कथित तौर पर हथियार चलाने की ट्रेनिंग दे रहा है. NIA इस मामले में भी छापा मार चुकी है.
- कर्नाटक के प्रवीण नेत्तरू हत्या मामले में PFI कनेक्शन सामने आया था. इसकी भी NIA द्वारा जांच की जा रही है.
- हिजाब विवाद और हालिया प्रदर्शनों के पीछे PFI की कथित फंडिंग को लेकर जांच हुई थी.
- नागरिकता कानून को लेकर उत्तर प्रदेश में हिंसा हुई थी. इसकी जांच के दौरान PFI से जुड़े आरोपियों के यहां से कथित 'आपत्तिजनक' सामान मिला था. इसके आधार पर यूपी सरकार ने PFI को बैन करने का प्रस्ताव केंद्र को भेजा था.
देखें वीडियो- PFI पर हुई छापेमारी में NIA ने किसको-किसको पकड़ा?