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पेट्रोल की बढ़ती कीमत पर सरकार ने अमेरिका-ब्रिटेन वाला तर्क दिया, लोग तैयार बैठे थे!

संसद में हरदीप सिंह पुरी का बयान लोगों के गले नहीं उतरा तो उन्होंने इतिहास खोल दिया.

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दाएं से बाएं- हरदीप सिंह पुरी और सांकेतिक फोटो (साभार-ANI)
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उदय भटनागर
5 अप्रैल 2022 (Updated: 5 अप्रैल 2022, 05:06 PM IST) कॉमेंट्स
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हम आप अपना गरेबान चाक करते हैं हमारा बस ही तो सरकार पर नहीं चलता

इन दिनों जिस तेजी से महंगाई बढ़ रही है, उसे देख रऊफ़ ख़ैर का ये शेर याद आता है. सबसे बुरा हाल है पेट्रोल-डीजल के दाम (Petrol Diesel Price Hike) का जिसे बढ़ते देखने की आदत सी हो गई है. आलम ये है कि पिछले दो हफ्तों में ही पेट्रोल के दाम 9.20 रुपये बढ़ गए हैं. लोग परेशान हैं, लेकिन सरकार के पास इसे लेकर अजीबो-गरीब तर्क हैं.

दरअसल तेल के बढ़ते दामों पर मंगलवार 5 अप्रैल को सरकार ने लोकसभा में बयान दिया. विपक्ष के सवालों का जवाब देते हुए पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी (Hardeep Singh Puri) ने भारत में पेट्रोल के बढ़ते दामों की तुलना अमेरिका और ब्रिटेन से कर डाली. सदन में बोलते हुए हरदीप सिंह पुरी ने कई आंकड़ों का हवाला दिया. कहा,


'मेरे हिसाब से भारत में पेट्रोल की कीमतें बीते दो हफ्तों में 5 पर्सेंट बढ़ी हैं. इनकी कीमतों में इजाफा अकेले भारत में नहीं हुआ है. अप्रैल 2021 से मार्च 2022 के बीच में पेट्रोल की कीमतें अमेरिका में 51 पर्सेंट, कनाडा में 52 पर्सेंट, जर्मनी में 55 पर्सेंट, ब्रिटेन में 55 पर्सेंट, फ्रांस में 50 पर्सेंट और स्पेन में 58 पर्सेंट बढ़ी हैं.'
लोगों ने ट्विटर पर लपेटा कहने की जरूरत नहीं कि पेट्रोलियम मंत्री के बयान पर लोगों ने सरकार को लपेट दिया. किसी ने कहा कि अपने बेरों को कोई खट्टा नहीं कहता, कोई बोला कि हरदीप सिंह पुरी के बयान का मतलब यही हुआ कि दूसरों की समस्या देखकर अपनी समस्या को भूल जाओ. कुछ ने पिछले 2 हफ्तों में हुई बढ़ोतरी की याद दिलाते हुए कहा कि सरकार का दाम कंट्रोल करने का क्या प्लान है, ये पेट्रोलियम मंत्री नहीं बताया.
बयान के बाद लोगों ने हरदीप सिंह पुरी को प्रति व्यक्ति आय से लेकर पेट्रोल-डीजल पर टैक्स तक के आंकड़े याद दिलाए. एक ट्विटर यूजर सुमीत रेवारी ने कहा,
जब विकसित देशों में कीमतें 50 पर्सेंट से अधिक गिर गईं, क्या तब भारत में पेट्रोल की कीमतों में 50 पर्सेंट की गिरावट आई? जब अंतरराष्ट्रीय कीमतें गिरती हैं तो आप विकसित देशों के साथ तुलना नहीं करते हैं और टैक्स बढ़ा देते हैं. जब कीमतें बढ़ती हैं तो आप उनके साथ तुलना करना चाहते हैं? हमें बहकाना बंद करिए.
Sumeet Rewari
ट्वीट का स्क्रीनशॉट (साभार-ट्विटर)

एक और यूजर दिनेश के वोहरा ने प्रति व्यक्ति आय का जिक्र किया. उन्होंने लिखा,
वाह जनाब: गरीब 2000 डॉलर पर कैपिटा वाले को 70000 डॉर पर कैपिटा वाले से कंपेयर कर रहे हो.
New Dinesh'
ट्वीट का स्क्रीनशॉट (साभार-ट्विटर)

दूसरे यूजर रंजीत राणा ने भी प्रति व्यक्ति आय की बात करते हुए लिखा,
हरदीप सिंह पुरी, क्या आप इन देशों की प्रति व्यक्ति आय के बारे में जानते हैं? आप इन विकसित देशों के साथ पेट्रोल की कीमत की तुलना कैसे कर सकते हैं. आप भारत की तुलना अमेरिका और ब्रिटेन से क्यों कर रहे हैं? क्या भारत के लिए आपकी अपनी नीति है?  
Ranjeet Rana
ट्वीट का स्क्रीनशॉट (साभार-ट्विटर)
लगातार घेर रहा विपक्ष  सरकार भले कहे कि दाम तेल कंपनियां बढ़ाती हैं, लेकिन विपक्ष इसे लेकर सरकार को ही घेर रहा है. 5 अप्रैल को दाम फिर बढ़े तो कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट किया,
सुबह भले ही 'मंगलवार' वाली हो, मग़र रोज़ 'महंगाई का अमंगल' जारी है! 'फ्यूल लूट' की 13वीं क़िस्त में आज भी सुबह पेट्रोल/डीज़ल 80 पैसे और महंगा हो गया. 15 दिन में पेट्रोल-डीज़ल के बढ़े दामों की जेब कटौती 9 रुपये 20 पैसे तक पहुंच गई. मोदी जी, हर रोज़ ये 'महंगाई की तलवार' कब तक काटती रहेगी?
इतना सब बता दिया तो ये भी बताते चलें कि ताजा बढ़ोतरी के बाद राजधानी दिल्ली में पेट्रोल 104.61 रुपये प्रति लीटर जबकि डीजल 95.87 रुपये प्रति लीटर हो गया. वहीं, मुंबई में पेट्रोल अब 119.67 रुपये प्रति लीटर और डीजल 103.92 रुपये प्रति लीटर बिक रहा है.

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