'अनुलोम' फतवे पर रामदेव का 'विलोम' जवाब
सवाल गाय के पेशाब का था. बाबा रामदेव मुस्लिम मजदूरों को आगे ले आए.
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फोटो - thelallantop
ये इत्ता बड़ा मुद्दा नहीं था कि रामदेव कैमरे पे आएं. तो बस प्रेस रिलीज जारी करा दी. किसी ने पूछा नहीं था, लेकिन बताने लगे कि उन्होंने कितने मुसलमानों को रोजगार दिया. लिखा, 'बकौल मोहम्मद साहेब, अपने वतन से इश्क करना भी ईमान का हिस्सा है. हमारे पतंजलि में हजारों मुस्लिम भाई-बहन काम करते हैं. हजारों मुस्लिमों को नौकरी मिलती है. ज्यादातर मजदूर भी मुस्लिम ही हैं.' बाबाजी गोमूत्र पे विवाद था, आप तो खुद को 'एंटी मुस्लिम' न साबित करने की अतिरिक्त कोशिश करने लगे. टू मच एफर्ट, यू नो.

वैसे प्रेस रिलीज में बाबा ने बताया कि उनके किन प्रोडक्ट्स में गाय का पेशाब मिला होता है. आप भी जानिए.
1. गौधन अर्क: कैंसर समेत की सीरियस बीमारी में काम आता है ये.2. संजीवनी वटी: इसमे वत्सनाभ नाम की जहरीली दवाई होती है. गोमूत्र से जहर मिटाया जाता है.3. पंचगव्य साबुन: चमड़ी के रोग दूर करता है ये साबुन.4. कायाकल्प तेल: ये तेल फोड़े फुंसी को दूर करता है.5. शुद्धि फिनायल: फर्श और घर की सफाई में इस्तेमाल.बाबा रामदेव के मुताबिक, पंतजलि के इन 5 प्रोडक्टस में गाय का पेशाब मिलाया जाता है. लेकिन खाने या पीने वाले आइटम सिर्फ दो हैं, गौधन अर्क और संजीवनी वटी. यानी पेशाब 'चखने' के चांसेस दो में ही हैं. बाकी के तीन चुपड़कर काम चलाया जा सकता है. रामदेव का क्लेम है कि देश के करोड़ों गरीब मुस्लिम और गरीब, जो पतंजलि प्रोडक्ट इस्तेमाल करते हैं, यह उनकी सेहत से खिलवाड़ की साजिश है.
रामदेव ने एक पुराना फतवा भी 'प्लीज फाइंड अटैचमेंट' कर दिया: फतवा कहता है. पेशाब आदमी का हो या जानवर का, नापाक है. एक कतरा भी अगर खाना या पानी वगैरह में मिल जाए तो उसका यूज जायज नहीं है. कपड़ों में छू जाए तो नापाक हो जाते हैं. मुसलमानों को ऐसे प्रोडक्टस के यूज से बचना चाहिए. वैसे आपने गौर किया होगा पेशाब करते हुए मुसलमान भी अतिरिक्त सावधानी बरतते हैं.

बाबा को मिला फतवा