The Lallantop
Advertisement
  • Home
  • News
  • Patanjali Ayurved Balkrishna application in the Supreme Court against IMA President

रामदेव के बाद अब बारी IMA अध्यक्ष की? बालकृष्ण ने सुप्रीम कोर्ट में डाली याचिका

IMA के अध्यक्ष आरवी अशोकन की एक टिप्पणी पर पतंजलि आयुर्वेद के मैनेजिंग डायरेक्टर बालकृष्ण ने ऐतराज जताया है. सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दायर कर IMA अध्यक्ष के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.

Advertisement
Balkrishna application against IMA
बालकृष्ण की अर्जी पर 7 मई को सुनवाई होगी (फाइल फोटो: आजतक)
pic
कनु सारदा
font-size
Small
Medium
Large
6 मई 2024 (Published: 10:53 PM IST)
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

पतंजलि आयुर्वेद के मैनेजिंग डायरेक्टर बालकृष्ण ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष आरवी अशोकन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है. इंडिया टुडे की कनु सारदा की रिपोर्ट के मुताबिक मामला इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) के अध्यक्ष की बयानबाजी से जुड़ा है. बालकृष्ण ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दायर IMA अध्यक्ष के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की बेंच मंगलवार, 7 मई को इस मामले की सुनवाई करेगी.

दरअसल, 23 अप्रैल को पतंजलि के भ्रामक विज्ञापन मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने IMA को भी कुछ नसीहतें दी थीं. कोर्ट ने कहा था कि IMA को अपने डॉक्टरों पर भी विचार करना चाहिए, जो अक्सर मरीजों को महंगी और गैर-जरूरी दवाइयां लिख देते हैं. इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने IMA से ये भी कहा था कि अगर आप एक उंगली किसी की ओर उठाते हैं, तो चार उंगलियां आपकी ओर भी उठती हैं.

ये भी पढ़ें- पतंजलि मामले में उत्तराखंड आयुष विभाग को सुप्रीम कोर्ट की फटकार, भारी जुर्माना भी लगा

इसके बाद न्यूज एजेंसी PTI से बातचीत में आरवी अशोकन ने सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी को 'दुर्भाग्यपूर्ण' बताया था. उन्होंने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट के 'अस्पष्ट और जनरलाइज्ड बयानों' ने प्राइवेट डॉक्टरों का मनोबल गिराया है. 

 PTI की रिपोर्ट के मुताबिक IMA अध्यक्ष ने कहा था,

“आप कुछ भी कह सकते हैं, लेकिन फिर भी ज्यादातर डॉक्टर कर्तव्यनिष्ठ हैं...नैतिकता और सिद्धांतों के अनुसार काम करते हैं. देश के मेडिकल पेशे के खिलाफ ऐसा रुख अपनाना सुप्रीम कोर्ट को शोभा नहीं देता.”

अब बालकृष्ण ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि अशोकन का बयान न्याय की प्रक्रिया में हस्तक्षेप है. याचिका में IMA अध्यक्ष के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की गई है. कहा गया है कि IMA अध्यक्ष के बयान कोर्ट की गरिमा और जनता की नजर में कानून की महिमा को कम करने का स्पष्ट प्रयास हैं.

वीडियो: सुप्रीम कोर्ट की पतंजलि मामले में उत्तराखंड आयुष विभाग को फटकार, भारी जुर्माना भी लगा

Advertisement