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पन्नू मामले के आरोपी निखिल गुप्ता को भारत सरकार से मदद नहीं मिल रही, खुद बताया

अमेरिका के अनुरोध पर चेक रिपब्लिक ने Nikhil Gupta को हिरासत में लिया और फिर उन्हें प्रत्यर्पित कर दिया. उन्होंने बताया है कि उनके परिवार के कई प्रयासों के बावजूद, भारत सरकार से किसी ने भी उनसे संपर्क नहीं किया है.

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Nikhil Gupta in Pannun Murder Plot
निखिल गुप्ता से जुड़ी नई जानकारी सामने आई है. (फाइल फोटो: सोशल मीडिया)
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रवि सुमन
9 जनवरी 2025 (Updated: 9 जनवरी 2025, 03:11 PM IST)
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खालिस्तानी आतंकी गुरुपतवंत सिंह पन्नू (Pannu Assassination Plot) की हत्या की कथित साजिश में शामिल होने के आरोपी निखिल गुप्ता (Nikhil Gupta) से जुड़ी नई जानकारी सामने आई है. गुप्ता पर ये आरोप ‘अमेरिकी जस्टिस डिपार्टमेंट’ ने लगाया है. जबकि उन्होंने खुद को निर्दोष बताया है. आरोपों के बाद उनका प्रत्यर्पण चेक रिपब्लिक से अमेरिका में हुआ था. निखिल ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया है कि प्रत्यर्पण के बाद से 7 महीनों के समय में भारत सरकार से किसी ने भी उनसे संपर्क नहीं किया है, जबकि उनके परिवार ने कई बार अनुरोध किया है.

अखबार ने निखिल गुप्ता के हवाले से लिखा,

जब से मुझे अमेरिका प्रत्यर्पित किया गया है (जून, 2024), मुझे कोई कॉन्सुलर एक्सेस नहीं मिला है. भारतीय दूतावास से कोई भी मुझसे मिलने नहीं आया है. मेरे परिवार ने इसके लिए कई बार अनुरोध किया. इसके बावजूद, कोई भी मुझसे मिलने नहीं आया है. 

कॉन्सुलर एक्सेस का मतलब है कि किसी दूसरे देश में बंद कैदी को उसके देश के राजनयिक या अधिकारी से मिलने की इजाजत देना. निखिल, न्यूयॉर्क के ब्रुकलिन में मेट्रोपॉलिटन डिटेंशन सेंटर में बंद हैं. 

इससे पहले उनको चेक रिपब्लिक की राजधानी प्राग में करीब 1 साल तक हिरासत में रखा गया था. उन्होंने बताया कि इस दौरान उनको 3 बार इंडियन कॉन्सुलर एक्सेस मिला.

ये भी मिला: अमेरिकी अदालत में निखिल गुप्ता ने कही दिल की बात, बोला- मैंने पन्नू को…

2023 के अंत में गुप्ता के परिवार ने भारत के सुप्रीम कोर्ट में याचिका दी थी. उन्होंने मांग की थी कि शीर्ष अदालत इस मामले में हस्तक्षेप करे लेकिन कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी. कोर्ट ने कहा कि ये एक संवेदनशील मामला है और इस पर सरकार को कार्रवाई करनी चाहिए. गुप्ता ने बताया कि उनके परिवार ने विदेश मंत्रालय के अधिकारियों को ईमेल लिखे थे, लेकिन किसी से मुलाकात नहीं हुई.

53 साल के विकास यादव भी इस मामले में आरोपी हैं. गुप्ता ने अखबार को बताया है कि विकास से उनका कोई संबंध नहीं है. उन्होंने अमेरिका की ओर से पेश किए गए सबूतों को मनगढ़ंत बताया है. गुप्ता के विपरित, यादव भारत में ही रहते हैं. वो दिल्ली स्पेशल सेल की ओर से दायर जबरन वसूली के मामले में जमानत पर बाहर हैं.

निखिल ने बताया कि विकास बहुत ही आम नाम है और यादव भारत में एक बड़ा समुदाय है. उन्होंने दावा कि वो इस नाम वाले या इस मामले से जुड़े किसी व्यक्ति को नहीं जानते. 

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