गजब की बॉल फेंकता था. पर स्पॉट फिक्सिंग में फंस गया. 2010 में मोहम्मद आमिर पर पांच साल का बैन लगा. अब बैन टाइम पूरा हो गया है. पाकिस्तानी टीम में वापसी का वक्त है. ट्रेनिंग कैंप भी जा रहे हैं. पर वनडे कप्तान अजहर अली, मोहम्मद हफिज दोनों खिलाड़ी बागी हो गए. अजहर ने इस्तीफा तक दे दिया था. पर पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड वालों के समझाने पर मंगलवार को खेलने के लिए तैयार हो गए हैं. रूठा कप्तान मान गया है.
पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने आमिर को लाहौर कैंप के 26 खिलाड़ियों में शामिल किया था. अगले महीने न्यूजीलैंड के खिलाफ सीरीज होनी है न पाकिस्तान की. उसी के लिए ट्रेनिंग कैंप लग रहा है. पर टॉप खिलाड़ी पहुंच ही नहीं रहे थे, तो प्रैक्टिस अधर में लटक गई. अच्छा पाकिस्तानी आवाम भी आमिर के हक में खड़ी थी. इमरान खान भी बोले- जब क्रिमिनल मुल्क चला सकते हैं तो आमिर पाकिस्तान के लिए क्यों नहीं खेल सकते. ट्विटर पर #PakStandsWithAmir भी टॉप ट्रेंड में रहा.
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अजहर ने कहा था, 'जब तक आमिर हैं मैं कैंप में हिस्सा नहीं लूंगा. ये मेरा फैसला है और मैं पाकिस्तानी क्रिकेट बोर्ड से इस बारे में बात करने के लिए भी तैयार हूं. मोहम्मद हफिज और मैं, हम दोनों यही चाहते हैं.' मोहम्मद हफिज,'मेरे लिए ये काफी मुश्किल रहेगा कि मैं किसी ऐसे के साथ ड्रेसिंग रूम शेयर नहीं कर सकता हूं, जिसने मेरे देश के सम्मान को ठेस पहुंचाई हो.'
कब, क्यों लगा बैन?
2010 में पाकिस्तानी टीम ने इंग्लैंड का दौरा किया. टीम में मोहम्मद आमिर भी थे. दौरे में आमिर ने जानबूझकर कई नो बॉल डालीं. जिसके बाद 2011 में आमिर को स्पॉट फिक्सिंग का दोषी पाया गया. 5 साल के लिए आईसीसी ने बैन कर दिया. अब वो बैन खत्म हो रहा है. पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने बुधवार को कहा कि आमिर अब इंटरनेशनल क्रिकेट में चुने जाने के लिए एलिजबल हैं.