'...भारत हमला करे तो ऐतराज क्यों?' ल्यारी में आसिम मुनीर पर गरजा बड़ा पाकिस्तानी नेता
Pakistan के सांसद Maulana Fazlur Rehman को तालिबान समर्थक नेता माना जाता है. अफगानिस्तान से लगते क्षेत्र में उनका काफी प्रभाव है. वे पाकिस्तान के पहले बड़े नेता हैं, जिन्होंने Taliban के सर्वोच्च नेता Haibatullah Akhundzada से मुलाकात की है.

पाकिस्तान के धार्मिक और राजनीतिक नेता मौलाना फजलुर रहमान ने पाकिस्तानी सेना पर जमकर हमला बोला है. उन्होंने अफगानिस्तान में पाकिस्तान के हमलों की आलोचना की और फील्ड मार्शल आसिम मुनीर के नेतृत्व वाली सेना से तीखे सवाल पूछे. जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम (JUI-F) पार्टी के अध्यक्ष और सांसद रहमान ने कराची के ल्यारी में पूछा कि अगर काबुल में पाकिस्तानी हमले जायज हैं, तो 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान पाकिस्तान पर भारत के हमलों पर सेना को ऐतराज क्यों है?
मंगलवार, 23 नवंबर को मौलाना फजलुर रहमान ने ल्यारी में 'मजलिस इत्तेहाद-ए-उम्मत पाकिस्तान' के एक कार्यक्रम में शिरकत की. इसमें उन्होंने काबुल पर पाकिस्तानी हमलों का मुद्दा उठाया. पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में विपक्ष के पूर्व नेता रहमान ने इस बात पर जोर दिया कि अफगानिस्तान पर सैन्य कार्रवाई से नहीं, बल्कि दोनों देशों के बीच बातचीत से समाधान निकालना चाहिए.
फजलुर रहमान ने पाकिस्तान सेना प्रमुख फील्ड मार्शल की सैन्य नीति पर सवाल उठाया है. इंडिया टुडे से जुड़े अरविंद ओझा और सुबोध कुमार की रिपोर्ट के मुताबिक, रहमान ने कहा कि पाकिस्तानी सेना अफगानिस्तान पर खुद के हमलों और पाकिस्तान पर भारतीय हमलों को लेकर दोहरा मापदंड क्यों रखती है.
'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में भारत की एयरस्ट्राइक का जिक्र करते हुए रहमान ने कहा,
"जब काबुल पर आप बमबारी करेंगे, तो जाहिर है कि ये ऐसा ही है जैसे कोई आपके इस्लामाबाद में बमबारी करे. ये तो आखिरी हद हो जाती है. दूर-दराज के इलाकों में अगर आप करते, तो शायद कुछ बर्दाश्त हो जाता. तो वहां पर भी आपने कुछ कार्रवाई की हैं. अगर आप कहते हैं कि हमने अपने दुश्मन के केंद्रों पर स्ट्राइक की है और आप इसे एक जायज ठहराते हैं, तो हिंदुस्तान आपसे कहता है कि मैंने बहावलपुर में हमला किया है, मैंने मुरीदके में हमला किया है, मैंने कश्मीर में हमारे खिलाफ कार्रवाई करने वालों के केंद्रों पर हमले किए हैं. आप उस पर ऐतराज क्यों कर रहे हैं? और अगर आप उस पर ऐतराज करते हैं और अफगानिस्तान भी पाकिस्तान पर यही इल्जाम लगा रहा है, तो आप दोनों बातों को कैसे सही ठहराते हैं?"
JUI-F प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान का यह बयान ऐसे वक्त आया है, जब पाकिस्तान की सुरक्षा नीति और सीमा पार कार्रवाइयों को लेकर देश के अंदर ही सवाल उठने लगे हैं. रहमान तालिबान समर्थक नेता माने जाते हैं. अफगानिस्तान से लगते क्षेत्र में उन्हें काफी प्रभावशाली माना जाता है. वे पाकिस्तान के पहले बड़े नेता हैं, जिन्होंने तालिबान के सर्वोच्च नेता हिबतुल्लाह अखुंदजादा से मुलाकात की है.
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