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'भारत में आतंकी हमलों के पीछे मसूद अजहर का हाथ', जैश आतंकी का कबूलनामा सामने आया

Pakistan के Jaish e Mohammed के आतंकी मसूद इलियास कश्मीरी ने बालाकोट और बहावलपुर में जैश के ठिकाने होने की बात कही है. उसने ये भी कबूल किया है कि दिल्ली और मुंबई हमलों के पीछे Masood Azhar का हाथ है.

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Masood Azhar
आतंरी मसूद अजहर. (फाइल फोटो: इंडिया टुडे)
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अरविंद ओझा
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17 सितंबर 2025 (Published: 02:49 PM IST)
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पाकिस्तान बार-बार ये खारिज करता रहा है कि वहां आतंकवाद का कोई ठिकाना है. वो खुद को भी इसका पीड़ित बताता रहा है. लेकिन अब एक ऐसा बयान सामने आया है, जिससे पाकिस्तान की पोल खुल गई है. ये जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी मसूद इलियास कश्मीरी का कबूलनामा है. इलियास ने इसमें कहा है कि दिल्ली और मुंबई में हुए हमलों के पीछे जैश प्रमुख मसूद अजहर (Masood Azhar) का हाथ है.

इलियास ने ये भी जिक्र किया कि बालाकोट और बहावलपुर में जैश के ठिकाने हैं. उसने कहा कि बालाकोट की मिट्टी ने मसूद अजहर के मिशन को चलाने के लिए ठिकाना दिया. मसूद इलियास कश्मीरी ने कहा है,

दिल्ली के तिहाड़ जेल की सलाखों से निकलकर अमीर-उल-मुजाहिद्दीन मौलाना मसूद अजहर पाकिस्तान आते हैं. उनके नजरिए, मिशन और कार्यक्रम को आगे चलाने के लिए बालाकोट की मिट्टी ही उन्हें ठिकाना देती है. यहां की मिट्टी उसका एहसानमंद है. इस मिट्टी का किरदार कयामत तक याद रखा जाएगा. ओसामा बिन लादेन भी इसी मिट्टी में नजर आता है. दिल्ली और बंबई (मुंबई) को दहलाने वाला अमीर-उल-मुजाहिद्दीन मौलाना मसूद अजहर इसी तरह दिखाई देते हैं.

इलियास ने ये भी कहा कि  बहावलपुर के जैश कैंप में मारे गए आतंकियों के जनाजे में शामिल होने का आदेश सीधे जीएचक्यू यानी पाकिस्तानी आर्मी चीफ ने अपने जनरलों को दिया था. इतना ही नहीं, ISPR के DG ने भी बहावलपुर और जैश-ए-मोहम्मद के बीच के लिंक को दबाने की कोशिश की थी.

ये भी पढ़ें: 'भारत ने साफ मना कर दिया था', ट्रंप के सीजफायर वाले दावे की हवा खुद पाकिस्तान ने निकाल दी

जमातों को एकत्र करने का प्रयास

जैश-ए-मोहम्मद के कमांडर के कबूलनामे से एक और बड़ी खबर सामने आई है. 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद आतंकी समूहों में भारी खौफ फैल गया है. कमांडर ने खुले मंच से अलग-अलग जमातों और मिशनों को एकत्र करने की अपील की है. उसने कहा,

कुछ फूलों ने इंकार कर दिया कि हम खुशबू नहीं देंगे. अब हमारे इस चमन के साथ वो रिश्ता नहीं. लेकिन फिर भी फूल अगर सूख जाए खुशबू ना दे, तो उसे कोई और नाम नहीं दिया जाता. उसे फूल ही कहा जाता है. लेकिन तमाम जमातों, तमाम मिशन्स को जमा करना, एक हसीन गुलदस्ता कायम करना, इस उम्मीद के साथ कि मिशन-ए-मुस्तफा के लिए, आप सब तलवार के साथ खड़े होंगे. सालों तक जिहाद को जुर्म बनाया गया, क्या तुम जिहाद को जिंदा करोगे? ये जिहाद की आवाज नेतन्याहू तक जानी चाहिए.

मसूद इलियास कश्मीरी ने आगे कहा,

अमेरिकी अध्यक्ष ट्रंप से लेकर दिल्ली के मोदी, नेतन्याहू से लेकर मास्को तक, VETO पावर वाले देशों और NATO ताकतों के बीच, अगर इस जमीन की कोई शख्सियत चर्चित हो रही है, और मुल्कों के बीच जंग की कोई वजह बन रही है, तो वो मौलाना मसूद अजहर हैं.

इलियास ने जमात के समर्थन में लोगों से हाथ उठाकर नारा लगाने को कहा.

वीडियो: पाकिस्तान के विदेश मंत्री बोले, सीजफायर पर अमेरिका का प्रस्ताव आया था, लेकिन भारत ने अस्वीकार कर दिया

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