व्यापारी से परेशान होकर किसान ने आत्महत्या की, सदमे से छोटे भाई की जान चली गई
किसान ने मंत्री को भी चिट्ठी लिखकर अपनी परेशानी बताई थी.
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आत्महत्या करने वाले किसान ने अपनी परेशानी के बारे में महाराष्ट्र के मंत्री को चिट्ठी लिखकर गुहार लगाई लेकिन कोई जवाब नहीं आया. ये सांकेतिक तस्वीर उस समय की है, जब दिल्ली में किसान आंदोलन के दौरान पीएम मोदी के नाम खून से चिट्ठी लिखी गई थी.
महाराष्ट्र के अमरावती जिले में संतरा पैदा करने वाले किसान परिवार के 2 सदस्यों की एक ही दिन में मौत हो गई. बड़े भाई ने आत्महत्या कर ली. उसका अंतिम संस्कार करके छोटा भाई वापस आ रहा था, उसी समय उसे दिल का दौरा पड़ा. कुछ देर बाद उसकी भी सांसें थम गईं.
बड़े भाई ने आत्महत्या से पहले मंत्री को लिखी थी चिट्ठी
ये खबर ऐसे समय आई है, जब देश के कई हिस्सों में नए कृषि कानूनों के विरोध में किसान आंदोलन चल रहा है. अमरावती में अशोक भूयार और उनके छोटे भाई संतरे की खेती करते थे. आत्महत्या से पहले अशोक ने राज्य सरकार में शिक्षा राज्य मंत्री बच्चू कडू को एक चिट्ठी भी लिखी थी. इसमें अशोक ने मदद की गुहार लगाई थी. बच्चू कडू क्षेत्र के बड़े किसान नेता माने जाते हैं. बीते दिनों वह किसान आंदोलन में हिस्सा लेने दिल्ली भी आए थे.
किसान अशोक ने अपनी परेशानी महाराष्ट्र के मंत्री को चिट्ठी लिखकर भी बताई थी.
संतरे की बोली लगाकर मुकरने से दुखी था किसान
किसान अशोक ने मंत्री को चिट्ठी में अपनी परेशानी बताई थी. लिखा था कि संतरे की बोली लगाने वाले व्यापारी ने ऐन वक्त पर सामान लेने से इनकार कर दिया. जब किसान ने उसकी इस हरकत पर सवाल किया तो उसे पहले शराब पिलाई गई, और फिर जमकर पिटाई की गई. किसान अशोक भूयार इस मामले को लेकर पुलिस के पास भी पहुंचे थे. परिवार का आरोप है कि पुलिस स्टेशन में शिकायत करने गए अशोक की थानेदार ने भी पिटाई की थी. इस बेइज्जती से दुखी होकर किसान ने आत्महत्या कर ली. उनकी आत्महत्या के बाद गांव वालों और उनके परिजनों ने थाने में खूब हंगामा किया. आरोपी पुलिसवालों को हटाने की मांग की. अशोक के अंतिम संस्कार से वापस आते वक्त छोटे भाई की भी दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई.
बता दें कि इससे पहले भी महाराष्ट्र समेत देश के कई इलाकों से इस प्रकार के मामले सामने आए हैं, जहां किसान ने फसल में हुए नुकसान के बाद आत्महत्या जैसा कदम उठा लिया.