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पेशावर स्कूल अटैक: एक साल की हुईं 132 नन्ही कब्रें

पाकिस्तान के आर्मी पब्लिक स्कूल में आज ही के दिन आतंकी हमले में सैकड़ों जानें चली गई थीं.

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विकास टिनटिन
16 दिसंबर 2015 (Updated: 16 दिसंबर 2015, 01:01 PM IST) कॉमेंट्स
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न चाहते हुए भी पाकिस्तान आज एक दुखद सालगिरह मना रहा है. 16 दिसंबर 2014 को पेशावर के आर्मी पब्लिक स्कूल में आतंकी हमले में करीब 150 लोगों ने अपनी जिंदगी गंवाई. 132 नन्हें मासूमों के चेहरे खून से सन गए. हमला आतंकी संगठन तहरीक-ए-तालिबान ने पाकिस्तानी स्कूली बच्चों पर किया था. लेकिन मारी गई इंसानियत ही थी. 1. सुबह 10.30 बजे सात आतंकी पाकिस्तानी पैरामिलेट्री फोर्स की ड्रेस पहने स्कूल में दाखिल हुए. ये आर्मी पब्लिक स्कूल पेशावर कैंट में था. 2. स्कूल के दरवाजे से दाखिल होते ही आतंकियों ने ताबड़तोड़ फायरिंग की. ग्राउंड में बच्चे फर्स्ट एड की ट्रेनिंग ले रहे थे. मेजर जनरल असीम बाजवा के मुताबिक, आतंकी किसी को होस्टेज नहीं बनाना चाहते थे. वो तो बस फायरिंग करते गए. ताकि ज्यादा से ज्यादा जिंदगियां खत्म की जा सकें. 3. स्कूल में हमले के वक्त टीचर, स्टूडेंट मिलाकर एक हजार से ज्यादा लोग थे. हमले के 15 मिनट के भीतर पाकिस्तानी सुरक्षाबलों ने ऑपरेशन शुरू कर दिया. करीब 960 लोग बचाए गए और 132 मासूमों समेत 150 लोग मारे गए. 4. आतंकियों ने कहा, 'हमने आर्मी से बदला लेने के लिए आर्मी स्कूल में हमला किया. क्योंकि आर्मी हमारे परिवारों को निशाना बनाती है. अब उन्हें हमारे दर्द का एहसास होगा.' काश, मासूम बच्चे, उनकी अम्मियां और गम में डूबी पूरी दुनिया आतंकियों का ये बेतुकी बात समझ सकती. शुक्र है नहीं समझी. 5. हमला करने वाले सातों आतंकी आर्मी के ऑपरेशन के दौरान मारे गए. 12 जनवरी 2015 को स्कूल फिर से खुला. लेकिन सैकड़ों बच्चे, टीचर क्लास से गायब थे. पाकिस्तान ने हमले के बाद आतंकियों के खात्मे के लिए कोशिशें तेज कीं. इसी दिसंबर पेशावर हमले में दोषी 2 आतंकियों को फांसी पर लटकाया गया.

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