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बंगाल BJP की रैली में कार्यकर्ता की लाठीचार्ज से मौत का आरोप, लेकिन पुलिस कुछ और कह रही है

मामला गवर्नर तक पहुंच गया है

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ममता बनर्जी सरकार के खिलाफ बीजेपी की ओर से रैली निकाली जा रही थी, उसी दौरान पुलिस से झड़प हो गई.
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अमित
7 दिसंबर 2020 (Updated: 7 दिसंबर 2020, 01:50 PM IST) कॉमेंट्स
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पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं, राज्य में सियासी सरगर्मियां भी बढ़ रही हैं. ममता बनर्जी की तृणमूल सरकार का विरोध करते हुए सोमवार 7 दिसंबर को बीजेपी कार्यकर्ताओं ने रैली निकाली. इस दौरान पुलिस के साथ उनकी तीखी झड़प हो गई. इसमें कई कार्यकर्ता घायल हो गए. बीजेपी का दावा है कि लाठीचार्ज में एक कार्यकर्ता की मौत हो गई है. बीजेपी के इसके खिलाफ 8 दिसंबर को नॉर्थ बंगाल में बंद का भी आह्वान किया है.
भाजयुमो निकाल रहा था मार्च
ये घटना सिलीगुड़ी शहर में हुई. भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) के कार्यकर्ता राज्य के अस्थायी उत्तर बंगाल सचिवालय उत्तर कन्या तक मार्च कर रहे थे. यूथ बीजेपी के वर्कर ममता सरकार के कथित कुशासन और बेरोजगारी जैसे मामलों पर उपेक्षा के खिलाफ मार्च निकाल रहे थे. सिलीगुड़ी के फूलबाड़ी जंक्शन पर में एक मार्च का नेतृत्व पश्चिम बंगाल बीजेपी के प्रेसिडेंट सांसद दिलीप घोष और सयंतन बसु कर रहे थे. वहीं दूसरे मार्च की अगुआई भाजपा के बंगाल प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय और पार्टी नेता मुकुल रॉय कर रहे थे.
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पुलिस और बीजेपी कार्यकर्ताओं में झड़प एक मार्च के दौरान हुई.
धारा 144 के बावजूद निकाल रहे थे मोर्चा
बीजेपी के मार्च को देखते हुए पुलिस ने क्षेत्र में धारा 144 लागू करने की घोषणा कर दी थी. लेकिन भाजपा नेताओं ने इसे अनुसना कर दिया. पश्चिम बंगाल पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए रास्तों पर बैरिकेड्स लगा दिए. भाजयुमो कार्यकर्ता दोपहर करीब 2 बजे सिलीगुड़ी के तीन लेन चौराहे पर पहुंचे और मोर्चाबंदी करने की कोशिश की. बैरिकेड्स को हटाना शुरू कर दिया.
पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने की कोशिश की. कामयाब न होने पर वॉटर कैनन और आंसू गैस का भी इस्तेमाल किया. स्थिति को नियंत्रण में करने के लिए भारी पुलिस बल को बुलाया गया. इस झड़प में भाजपा कार्यकर्ता और पुलिस के जवानों के अलावा कई पत्रकार भी घायल हो गए हैं.
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पुलिस ने मार्च निकालने की मंजूरी देने से यह कहते हुए मना कर दिया था कि धारा 144 लागू है.

बीजेपी का दावा कि एक कार्यकर्ता मारा गया
बीजेपी ने दावा किया है कि झड़प में उसके कार्यकर्ता सिर्फ घायल ही नहीं हुए हैं, बल्कि एक कार्यकर्ता की मौत भी हुई है.बंगाल बीजेपी के प्रेसिडेंट दिलीप घोष ने आरोप लगाया कि कार्यकर्ता की मौत पुलिस की गोली से हुई है. बंगाल बीजेपी ने अपने ट्वटिटर हैंडल से वीडियो भी ट्वीट किया है. इसमें लिखा है-
ये बीजेपी वर्कर उलेन रॉय हैं, जिनकी पुलिस लाठीचार्ज में मौत हो गई है. वह उत्तरी बंगाल के लिए विकास की मांग करने गए थे. बंगाल के होम मिनिस्टर पिशी सीधे तौर पर इस मौत के लिए जिम्मेदार हैं.
बाद में, बीजेपी नेताओं ने पुलिस ज्यादती का आरोप लगाते हुए राज्यपाल जगदीप धनखड़ को ज्ञापन भी सौंपा.
पुलिस का क्या कहना है?
वेस्ट बंगाल की पुलिस ने आरोप लगाया कि रैली के दौरान काफी हिंसा की गई थी. आगजनी, तोड़फोड़, पथराव भी किया गया. लेकिन पुलिस ने काफी धैर्य से काम लिया था. किसी भी तरह का लाठीचार्ज नहीं किया गया. पुलिस का कहना है कि हिंसक भीड़ को तितर-बितर करने के लिए उसने सिर्फ वॉटर कैनन और आंसू गैस के गोले दागे. पुलिस ने माना कि एक शख्स की मौत हुई है, लेकिन कहा कि मौत के कारण की जानकारी नहीं है. पोस्टमार्टम के बाद ही इसका पता चलेगा.

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