सावधान! ड्रैगन के घर गूंजी किलकारी, पैदा हुए 2 बच्चे
खलीसी के ड्रैगन सिर्फ कहानी नहीं, अब हकीक़त है. असली ड्रैगन ने 64 अंडे दिए. 2 बच्चे पैदा हुए.
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credit: Iztok Medja
गेम ऑफ़ थ्रोंस के ड्रैगन सिर्फ फिक्शन नहीं हैं. हकीक़त हैं. और अब वो अपनी प्रजाति को बढ़ा रहे हैं.यूरोप में एक छोटा सा देश है स्लोवेनिया. वहां की एक लैब में बड़ी ज़ोरों शोरों से रिसर्च चल रही थी. बहुत दिनों की मेहनत के बाद वैज्ञानिकों को थोड़ी सी सफलता मिली थी. एक छोटा सा छिपकली जैसा जानवर मिला था. लिपलिपा सा. वैज्ञानिकों को उम्मीद थी, वो ड्रैगन का बच्चा है. इसकी पुष्टि करने का एक नया तरीका निकाला गया. कहा जाता है कि ड्रैगन बहुत ठंडी जगहों पर भी जिंदा रह लेते हैं. रिसर्च कर रहे एक स्टूडेंट ने उस छिपकली जैसे जीव को फ्रिज में रख दिया. 12 सालों के लिए. ना कुछ खिलाया न पिलाया. और जब 12 सालों बाद उसको बाहर निकाला गया, वो 'ड्रैगन का बच्चा' जिंदा था. दुनिया भर की लैब्स में हल्ला हो गया. ड्रैगन्स असली होते हैं.
लेकिन अभी कुछ भी सौ फ़ीसदी दावे से नहीं कहा जा सकता था. आगे रिसर्च करना ज़रूरी था. वैज्ञानिकों की एक टीम ने एक नई लैब बनाई. एक गुफा के अंदर. पोस्टोना की गुफाएं. ठीक वैसी जगह, जो उस ड्रैगन के बच्चे का घर हो. गुफाओं की दीवारें हमेशा नम रहती हैं. रौशनी भी बहुत कम आती है. इसी तरह की जगह में 'ड्रैगन के बच्चे' रहते हैं. ठंडी, गीली और अंधेरी जगह.

आखिर में खुलासा हुआ.
ये ड्रैगन के बच्चे नहीं, सालामैंडर हैं. इनको 'ओम सालामैंडर' कहा जाता है. ज़मीन और पानी दोनों में रह सकते हैं. इनकी आंखें नहीं होतीं. सूंघकर या सुनकर ये अगल-बगल का अंदाज़ा लगाते हैं. खाने की ज़रूरत इनको कम ही पड़ती है. कई सालों तक बिना कुछ खाए रह सकते हैं. सौ सालों से भी ज्यादा जीते हैं. पीले, गिलगिले से होते हैं. ये इनका पूरा एडल्ट रूप है. लेकिन देखने में लगता है कि बड़े होकर ये ड्रैगन बनेंगे. तेज़ बारिश में ये गुफाओं से बाहर निकल आते थे. इसीलिए शायद, वैज्ञानिकों को भी पहले डाउट था कि ये ड्रैगन हैं.

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मार्च 2016 की बात है. एक सालामैंडर ने 64 अंडे दिए. इससे पहले किसी ने भी उनके अंडे नहीं देखे थे. इतने सालों से इनपर रिसर्च करने वाले वैज्ञानिक बहुत खुश थे. पहली बार वो इन बेबी ड्रैगन्स को अंडे में से निकलते देखने वाले थे. गुफा की लैब को म्यूजियम जैसा बना दिया गया. सैलानी और लोकल लोग आने लगे. उनके लिए एक बड़ी सी स्क्रीन भी लगवा दी गई. ताकि हर कोई इन बेबी ड्रैगन्स को अंडों में से निकलता हुआ देख सके.

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30 मई को दो अंडों में से बेबी ड्रैगन निकले. बहुत सारे लोग गुफा म्यूजियम में मौजूद थे. बड़ी स्क्रीन पर सबने बेबी ड्रैगन्स को पैदा होते देखा.

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