26 अगस्त 2016 (Updated: 26 अगस्त 2016, 08:17 AM IST) कॉमेंट्स
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कल यानी गुरुवार को इंटरनेट पर जो एक तस्वीर सबसे ज्यादा वायरल हुई, वो किसी जन्माष्टमी उत्सव की नहीं थी. वो असल में बहुत ज्यादा शर्मनाक थी. उड़ीसा के मांझी की. जो कंधे पर अपनी पत्नी की लाश लेकर 10 किलोमीटर चले. वैसी ही एक और तस्वीर आज आई है. एक बुजुर्ग विधवा की लाश को एंबुलेंस नसीब न हुई. वो लाश बांस में बांध कर ले जाई गई. और ऐसे नहीं, कूल्हे से हड्डी तोड़कर उसे आधे पर से मोड़ दिया गया.
इस औरत का नाम था सलमानी बेहरा. उम्र थी 80 साल. बुधवार को एक मालगाड़ी से एक्सीडेंट होने से उसकी मौत हो गई थी. सोरो रेलवे स्टेशन पर ये हादसा हुआ. जो बालासोर जिले में है. उसकी डेडबॉडी वहीं के सरकारी हॉस्पिटल ले जाई गई.
GRP को सूचना दी गई. उनके यहां से आदमी 12 घंटे बाद हॉस्पिटल पहुंचा. बॉडी को बालासोर के जिला अस्पताल में ले जाना था. पोस्टमार्टम के लिए. आगे जो हुआ वो बड़ी मार्मिक स्टोरी है.
GRP के सब इंस्पेक्टर प्रताप रुद्र मिश्रा बताते हैं
"हमने बॉडी को रेलवे स्टेशन पहुंचाने के लिए ऑटो रिक्शा करना चाहा. ऑटो वाला साढ़े तीन हजार रुपए मांग रहा था. हमने कहा कि एक हजार से ज्यादा हम खर्च नहीं कर सकते. कोई रास्ता बचा नहीं. तो हमने फोर्थ क्लास एंप्लॉइज को बुलाया. और ये सब समेटने को कहा. उनको बॉडी ऐसे ही ले जाने में दिक्कत हो रही थी. इसलिए उसको आधे पर से मोड़कर बांस में बांध दिया. और दो किलोमीटर दूर रेलवे स्टेशन पर रवाना कर दिया."
इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक जब इसकी भनक विधवा के 60 साल के बेटे को लगी, वो गुस्से में आ गया. कहा "कम से कम थोड़ी इंसानियत तो दिखानी चाहिए थी उनको. मैं केस करने की सोच रहा हूं पुलिस वालों के खिलाफ. लेकिन कौन एक्शन लेगा हमारी शिकायत पर?"
खैर, ये दोनों केस उड़ीसा में हुए. लेकिन दाना मांझी की तस्वीर पहले आ गई थी. और उससे उपजे गुस्से ने इंटरनेट पर अलग रंग दिखाया. लोगों ने अपने अपने तरीके से गुस्से को जाहिर किया. उस पर कुछ कार्टून भी बने. इस तरह के. किसने बनाए हैं, ये नहीं पता. वो अपना क्रेडिट ले ले.
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इस कांड से हैरान परेशान हैं सीएम नवीन पटनायक. तो एक फ्री एंबुलेंस सर्विस चालू की है. महाप्रयाण के नाम से. स्टेट के 30 अस्पतालों में चलेंगी.
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