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जिस कर्मचारी ने लगाया गवर्नर के बेटे पर मारपीट का इल्जाम, उसका तबादला हो गया

Odisha राजभवन के एक कर्मचारी ने राज्यपाल रघुबर दास के बेटे पर मारपीट का आरोप लगाया था. अब खबर है कि राजभवन से उनका ट्रांसफर हो गया है. उन्हें गृह विभाग में भेज दिया गया है.

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Odisha Raj Bhavan staff transfer raghubar das son assault
ओडिसा राजभवन के कर्मचारी ने रघुबर दास के बेटे पर मारपीट का आरोप लगाया था. (इंडिया टुडे)
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आनंद कुमार
16 जुलाई 2024 (Updated: 16 जुलाई 2024, 04:10 PM IST)
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ओडिशा राजभवन (Odisha Raj Bhavan) के एक कर्मचारी बैकुंठ प्रधान ने पिछले सप्ताह राज्यपाल रघुबर दास के बेटे पर मारपीट का आरोप लगाया था. वे राजभवन में हाउसहोल्ड सेक्शन में असिसटेंट सेक्शन ऑफिसर के पद पर तैनात थे. इस घटना के बाद उनका ट्रांसफर गृह विभाग में कर दिया गया है. बैकुंठ प्रधान ने पिछले सप्ताह आरोप लगाया था कि राजभवन परिसर में रघुबर दास के बेटे ललित कुमार और उनके पांच साथियों ने थप्पड़ और लात-घूसे से उनकी पिटाई कर दी. क्योंकि उन्होंने पुरी रेलवे स्टेशन पर गवर्नर के बेटे को रिसीव करने के लिए दो लग्जरी कारें नहीं भेजीं. प्रधान को राजभवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की यात्रा की तैयारी की निगरानी के लिए तैनात किया गया था.


इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, राज्य गृह विभाग द्वारा 15 जुलाई को जारी एक आदेश में कहा गया कि प्रधान जो वर्तमान में राज्यपाल सचिवालय में तैनात हैं. उनको तत्काल प्रभाव से मौजूदा रिक्ति के विरुद्ध गृह विभाग में ट्रांसफर और तैनात किया जाता है.

आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, 13 जुलाई को मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी के साथ बैठक के दौरान प्रधान ने ट्रांसफर का अनुरोध किया था. प्रधान की पत्नी सयोज ने इस बात की पुष्टि की है कि मुख्यमंत्री के साथ बैठक के दौरान प्रधान ने कहा था कि अब उनकी राजभवन में काम करने में कोई रुचि नहीं है.

सायोज ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया, ट्रांसफर ऑर्डर शायद उनके अनुरोध के आधार पर जारी किया गया है. लेकिन उन्हें इस आदेश के बारे में जानकारी नहीं है. बैकुंठ प्रधान और उनकी पत्नी ने 13 जुलाई को राज्यपाल से भी मुलाकात की थी. सायोज ने आगे बताया, 

हम न्याय का इंतजार कर रहे हैं. राज्यपाल ने कार्रवाई करने और न्याय सुनिश्चित करने के लिए हमसे समय मांगा है. इसलिए हम कुछ दिन इंतजार करेंगे. अगर दोषियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाती है. तो हम अपना मामला फिर से आगे बढ़ाएंगे.

प्रधान ने 11 जुलाई को पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी. इससे एक दिन पहले उन्होंने राज्यपाल के प्रधान सचिव को लिखित शिकायत सौंपी थी.

इस बीच ओडिशा सचिवालय सेवा संघ ने राज्य सरकार से आग्रह किया है कि वह राजभवन स्थित राज्यपाल सचिवालय में ओडिशा सचिवालय सेवा(OSS) कैडर की तैनाती नहीं करें. प्रधान ओडिशा सचिवालय सेवा से जुड़े हैं. 15 जुलाई को ओडिशा सचिवालय सेवा संघ ने गृह सचिव को ज्ञापन सौंपा. जिसमें कहा गया कि यह घटना पूरे कर्मचारी समुदाय के लिए दुर्भाग्यपूर्ण और पीड़ादायक है.

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