अल्ट्रासांउड में दिखे दो बच्चे, डिलिवरी के बाद एक थमाया; बवाल
हॉस्पिटल और घर वालों के झगड़े में 30 घंटे तक भूखी रही बच्ची. मां का दूध नसीब नहीं हो पाया.
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Symbolic Image (Photo- Reuters
संगीता के परिजनों ने बताया, 'रविवार दोपहर जब हम संगीता को अस्पताल लेकर पहुंचे तो डॉक्टरों ने बताया कि डिलिवरी नॉर्मल नहीं होगी, सर्जरी करनी पड़ेगी. और जब डिलिवरी हो रही थी तब ऑपरेशन थियेटर में तीन बार बिजली चली गई थी. बाहर जो परिजन थे उन्हें दवाइयों और ब्लड का इंतजाम करने भेज दिया गया. नर्स ने बाहर आकर दो बच्चों के कपड़े लाने को कहा. लेकिन बाद में हमें बोला गया कि एक ही बच्चा हुआ है.'हॉस्पिटल के चीफ मेडिकल इंस्पेक्टर ने आरोपों को गलत बताया है. उन्होंने कहा कि अल्ट्रासांउड में गलती से दो बच्चे दिख गए. ये एक मानवीय भूल थी. हालांकि CMO ने जांच के आदेश दे दिए हैं. सात डॉक्टरों की टीम बैठाई गई है. मां ने यह भी आरोप लगाया कि हॉस्पिटल के कुछ डॉक्टरों और नर्स ने उसे थप्पड़ भी मारे. इस पर सीएमओ का कहना है कि मरीज को बेहोश करने करने के लिए एनेस्थिया का इंजेक्शन दिया जाता है. बाद में होश में लाने के के लिए उसे हल्के थप्पड़ मारे जाते हैं. जो बच्ची जन्मी थी, मां ने उसे लेने से इंकार कर दिया. उसने कहा कि वो दोनों बच्चे साथ ही लेगी. हॉस्पिटल और परिजनों के इस झगड़े के चक्कर में 30 घंटे बच्ची को मां का दूध नसीब नहीं हो पाया. मंगलवार को उसकी हालत खराब होने लगी. तब सीएमओ ने मां से बच्ची को दूध पिलाने के लिए समझाया. डॉक्टरों का कहना है कि वो सोमवार से ही मां को समझा रहे हैं कि बच्ची को दूध पिला दे.