पांच महीने पहले जब उनका निधन हुआ, नेता से लेकर आम आदमी ने खूब हल्ला काटा. सड़कों के नाम बदल गए, और फेसबुक-ट्विटर पर होड़ लग गई खुद को कलाम का सबसे बड़ा फैन साबित करने की. उन्हें दफनाया गया तो तिरंगे में लपेट कर, गन-सैल्यूट के साथ. लेकिन इसी 'पीपल्स प्रेसिडेंट' की रामेश्वरम में बनी कब्र पर न ही कोई मेमोरियल बनाया गया, न ही इसकी मेंटेनेंस का खयाल रखा जा रहा है.
पेशे से पत्रकार और कलाम फाउंडेशन के एडवाइजर अनंत कृष्णन कलाम के निधन के बाद से ही उनके लिए एक सम्मानजनक स्मारक बनाने की मांग कर रहे हैं. पर स्मारक तो दूर, वहां आज कल आवारा कुत्ते-बिल्ली घूम रहे हैं. लोग बैरिकेड तोड़ कर कब्र के साथ तस्वीरें खींच रहे हैं. और विजिटर्स के लिए किसी भी तरह के नियम कानून नहीं बनाए गए हैं.
अनंत कृष्णन ने मीडिया से बातचीत में अपना गुस्सा जाहिर किया. "एक भारत रत्न की कब्र को इस तरह कैसे छोड़ा जा सकता है? अगर ये किसी नेता की कब्र होती तो आज इसकी ये हालत न होती." कृष्णन ने ये भी बताया कि रामेश्वरम में अक्सर तूफान आते रहते हैं. इसलिए जरूरी है कि एक मजबूत और परमानेंट स्ट्रक्चर खड़ा किया जाए.
सरकार की तरफ से कोई जवाब न पा कर फेसबुक पर कृष्णन ने justice4gurukalam के नाम से एक मुहिम छेड़ी है.
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(सभी तस्वीरें वन इंडिया कन्नड़ से)