5 साल तक के बच्चों को कफ सिरप दें या न दें? मां-बाप के लिए सबसे बड़ी खबर
मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा में पिछले करीब दो हफ्तों में 9 बच्चों की किडनी फेल होने से मौत हो गई है. स्वास्थ्य अधिकारियों को शक है कि इन मौतों का संबंध दूषित (contaminated) खांसी के सिरप से हो सकता है. पड़ोसी राज्य राजस्थान के सीकर ज़िले में भी कुछ दिन पहले इसी तरह दो बच्चों की मौत हुई थी.

स्वास्थ्य सेवाओं के महानिदेशालय (DGHS) ने छोटे बच्चों में खांसी की दवाइयों (कफ सिरप) के इस्तेमाल को लेकर चेतावनी जारी की है. यह कदम मध्य प्रदेश और राजस्थान में 11 बच्चों की मौत के बाद उठाया गया है. DGHS ने कहा है कि दो साल से छोटे बच्चों को खांसी और जुकाम की दवाएं बिल्कुल नहीं दी जानी चाहिए और पांच साल से कम उम्र के बच्चों के लिए भी इनका इस्तेमाल सामान्य तौर पर नहीं करना चाहिए.
मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा में पिछले करीब दो हफ्तों में 9 बच्चों की किडनी फेल होने से मौत हो गई है. स्वास्थ्य अधिकारियों को शक है कि इन मौतों का संबंध दूषित (contaminated) खांसी के सिरप से हो सकता है. पड़ोसी राज्य राजस्थान के सीकर ज़िले में भी कुछ दिन पहले इसी तरह दो बच्चों की मौत हुई थी.
मृतक 9 बच्चों में से कम से कम 5 बच्चों ने Coldref सिरप लिया था, जबकि एक को Nextro सिरप पिलाया गया था. इसके बाद निजी डॉक्टरों को निर्देश दिया गया है कि अगर किसी बच्चे में वायरल जैसे लक्षण दिखें तो उसे निजी क्लिनिक में इलाज न देकर सीधे सिविल अस्पताल भेजा जाए.
इन घटनाओं के बाद सरकार ने कार्रवाई शुरू की है. Dextromethorphan Hydrobromide सिरप के बैचों की जांच की जा रही है और पूरे मध्यप्रदेश में इन सिरप्स के वितरण पर रोक लगा दी गई है. इस समय 1,420 बच्चों की एक लिस्ट बनाई गई है जिनमें सर्दी, बुखार और फ्लू जैसे लक्षण पाए गए हैं. इन सभी पर स्वास्थ्य विभाग की विशेष नज़र रखी जा रही है.
हालांकि, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि जांच में इन सिरप्स में किसी भी तरह का हानिकारक केमिकल (contamination) नहीं पाया गया है. टेस्ट रिपोर्ट में यह साफ हुआ कि सिरप में Diethylene Glycol (DEG) या Ethylene Glycol (EG) जैसे खतरनाक रसायन मौजूद नहीं थे. ये वही रसायन हैं जो किडनी को गंभीर नुकसान पहुंचा सकते हैं.
इंडिया टुडे की मिलन शर्मा की रिपोर्ट के मुताबिक इस बात की पुष्टि सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (CDSCO) और मध्य प्रदेश राज्य खाद्य एवं औषधी प्रशासन (SFDA) के सूत्रों ने भी की. उन्होंने कहा, “अब तक हमारी जांच में किसी भी सिरप में गड़बड़ी सामने नहीं आई है. सिरप में गड़बड़ी के सभी दावे अब तक बेबुनियाद और बिना सबूत के हैं.”
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