New study shown People of Indus Valley Civilization in northwest India predominantly meat-heavy diet
क्या प्राचीन सिंधु घाटी सभ्यता के लोग बीफ ज़्यादा खाते थे?
नए अध्ययन में क्या पता चला है, जान लीजिए
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सिंधु घाटी सभ्यता से ही भारत का इतिहास शुरू होता है. इसे हम हड़प्पा सभ्यता के नाम से भी जानते हैं. एक नई स्टडी से पता चला है कि उस समय के लोग मांस ज्यादा खाते थे.
सिंधु घाटी सभ्यता. जहां से भारत का इतिहास शुरू होता है. जिसे हम हड़प्पा सभ्यता के नाम से भी जानते हैं. एक नई स्टडी से पता चला है कि उस समय के लोग मांस ज्यादा खाते थे. उनके खाने में बीफ भी शामिल था.
ये स्टडी 'जर्नल ऑफ आर्कियोलॉजिकल साइंस' में छपी है. इस स्टडी का नेतृत्व कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में PHD स्कॉलर अक्षयेता सूर्यनारायण कर रही थीं. इसके लेखकों में पुणे के डेक्कन कॉलेज के पूर्व उप-कुलपति और जाने-माने पुरातत्वविद प्रोफेसर वसंत शिंडे और BHU के प्रोफेसर रविंद्र एन सिंह भी शामिल हैं.
कैसे हुई है रिसर्च?
प्राचीन उत्तर-पश्चिमी भारत के शहरी और ग्रामीण इलाके. वर्तमान में यह इलाका हरियाणा और उत्तर प्रदेश में पड़ता है. ये जानकारी यहीं पर उस समय के बर्तनों में बचे लिपिड अवशेषों के अध्ययन से मिली है. अक्षयेता ने अपनी Phd थीसिस में सिंधु घाटी सभ्यता के बर्तनों पर चर्बी के अवशेषों पर शोध किया है. उन्होंने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में बताया कि सिंधु घाटी सभ्यता में लोग क्या खाते थे. इस बारे में पहले भी कई अध्ययन हो चुके हैं, लेकिन उनका फोकस तब उगाई जाने वाली फसलों पर केंद्रित था.
So happy that my first paper from the PhD is out! Thank you to all my co-authors and everyone who helped me along the way!
Read if you're interested in pot residues from the Indus Civilisation!
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विश्लेषण में सूअरों, गाय-बैलों, भैंसों, भेंड़-बकरियों जैसे पशु उत्पाद और डेरी उत्पादों के अवशेष मिले. अध्ययन के अनुसार, अवशेषों में पालतू जानवरों में से 50 से 60 प्रतिशत हड्डियां गाय, बैलों और भैंसों की मिली हैं. केवल 10 प्रतिशत हड्डियां भेड़ों और बकरियों की थीं. ये इस बात का संकेत है कि सिंधु घाटी की सभ्यताओं में सांस्कृतिक तौर पर भोजन में बीफ खाने में पसंद की वस्तु रही होगी. हड़प्पा में 90 प्रतिशत गाय-बैलों को तीन, साढ़े तीन साल तक की उम्र तक जिन्दा रखा जाता था. मादा पशुओं को डेरी उत्पादन के लिए इस्तेमाल किया जाता था. नर पशुओं को सामान खींचने के लिए.
अक्षयेता की रिसर्च के अनुसार, ग्रामीण और शहरों दोनों जगह के अवशेषों में हिरन, बारहसिंघा, चीतल, पक्षियों और जलीय जंतुओं के अंश भी मिले हैं, लेकिन कम मात्रा में. पक्षियों को खाने के भी साक्ष्य मिले हैं, लेकिन चिकन डाइट का हिस्सा था, इसके सबूत कम ही दिखे हैं.
सिंधु घाटी सभ्यता क्या है?
सिंधु नदी, जो हिमालय के पश्चिम में बहती है. इसी के इर्द-गिर्द हजारों साल पहले पनपी थी सिंधु घाटी सभ्यता. जिसके बारे में हमने बचपन में इतिहास की किताबों में पढ़ा था. जब तुर्किस्तान और ईरान से कुछ लुटेरे और कुछ व्यापारी हिमालय के इस ओर यानी हमारे देश में दाखिल हुए, तो उनका पहला वास्ता सिंधु घाटी से पड़ा. कहा जाता है कि इसी घाटी के नाम से उन्होंने देश को पहचाना- सिंधुस्थान. जिसका अपभ्रंश रूप विकसित हुआ- हिंदुस्तान. बाद में हमारे देश का एक नाम यही पड़ा, हिन्दुस्तान.
सिंधु घाटी सभ्यता विश्व की प्राचीन नदी घाटी सभ्यताओं में से एक प्रमुख सभ्यता थी. इसका विकास सिंधु और घघ्घर/हकड़ा (प्राचीन सरस्वती) के किनारे हुआ. मोहनजोदड़ो, कालीबंगा, लोथल, धोलावीरा, राखीगढ़ी और हड़प्पा इसके प्रमुख केंद्र थे. सिंधु घाटी सभ्यता के तीन चरण हैं. प्रारंभिक हड़प्पाई सभ्यता जिसे 3300 ईसा पूर्व से 2600 ई.पू. तक माना जाता है. परिपक्व हड़प्पाई सभ्यता जिसे 2600 ई.पू से 1900 ई.पू. तक माना जाता है. वहीं उत्तर हड़प्पाई सभ्यता को 1900ई.पु. से 1300ई.पू. तक माना जाता है.
खाने पीने को लेकर पहले क्या पता चला था?
#अध्ययनों से पहले पता चला था कि हड़प्पाई गांव पर्याप्त मात्रा में अनाज का उत्पादन करते थे.
#गेहूं, जौ, सरसों, तिल, मसूर आदि का उत्पादन होता था.
#गुजरात के कुछ स्थानों से बाजरा उत्पादन के संकेत भी मिले. यहां चावल के प्रयोग के संकेत तुलनात्मक रूप से बहुत ही दुर्लभ मिले हैं.
#सिंधु सभ्यता के मनुष्यों ने सर्वप्रथम कपास की खेती प्रारंभ की थी.
#पुरातात्त्विक खुदाई से बैलों से जुते हुए खेत के साक्ष्य मिले हैं.
#हड़प्पाई लोग कृषि के साथ-साथ बड़े पैमाने पर पशुपालन भी करते थे.
कुछ और बातें जान लीजिए
#रेडियो कार्बन c14 पद्धति से सिंधु घाटी सभ्यता की सर्वमान्य तिथि 2350 ई. पू से 1750 ई. पूर्व मानी गई है.
#सिंधु सभ्यता की खोज रायबहादुर दयाराम साहनी ने की.
#सिंधु सभ्यता को प्राक्ऐतिहासिक (Prohistoric) युग में रखा जा सकता है.
#इस सभ्यता के मुख्य निवासी द्रविड़ और भूमध्यसागरीय थे.
#सिंधु सभ्यता के सर्वाधिक पश्चिमी पुरास्थल सुतकांगेंडोर (बलूचिस्तान), पूर्वी पुरास्थल आलमगीर ( मेरठ), उत्तरी पुरास्थल मांदा ( अखनूर, जम्मू कश्मीर) और दक्षिणी पुरास्थल दाइमाबाद (अहमदनगर, महाराष्ट्र) हैं.
#सिंधु सभ्यता सैंधवकालीन नगरीय सभ्यता थी. सैंधव सभ्यता से प्राप्त परिपक्व अवस्था वाले स्थलों में केवल 6 को ही बड़े नगरों की संज्ञा दी गई है. ये हैं: मोहनजोदड़ो, हड़प्पा, गणवारीवाला, धौलवीरा, राखीगढ़ और कालीबंगन.
# सिंधु सभ्यता की लिपि भाव चित्रात्मक है. यह लिपि दाई से बाईं ओर लिखी जाती है.
#सिंधु घाटी सभ्यता का लगभग 1800 ई.पू. में पतन हो गया था, परंतु उसके पतन के कारण अभी भी विवादित हैं.
#एक सिद्धांत यह कहता है कि इंडो -यूरोपियन जनजातियों जैसे- आर्यों ने सिंधु घाटी सभ्यता पर आक्रमण कर दिया तथा उसे हरा दिया.
#दूसरी तरफ बहुत से पुरातत्त्वविद सिंधु घाटी सभ्यता के पतन का कारण प्रकृति जन्य मानते हैं.
#प्राकृतिक कारण भूगर्भीय और जलवायु संबंधी हो सकते हैं.
#ये भी कहा जाता है कि नदियों द्वारा अपना मार्ग बदलने के कारण खाद्य उत्पादन क्षेत्रों में बाढ़ आ गई हो.
#इन प्राकृतिक आपदाओं को सिंधु घाटी सभ्यता के पतन का मंद गति से हुआ, परंतु निश्चित कारण माना गया है.