The Lallantop
Advertisement
  • Home
  • News
  • nepal gen z protest organiser hami nepal amid social media ban youth against corruption discord

नेपाल में Gen Z Protest के पीछे ये संगठन?

Nepal Gen Z Protest: नेपाल में ऑनलाइन चैट्स में दावा किया जा रहा है कि ये विरोध प्रदर्शन सोशल मीडिया पर बैन नहीं बल्कि भ्रष्टाचार के खिलाफ हो रहा है. अब तक 20 प्रदर्शनकारियों की मौत हो चुकी है.

Advertisement
Nepal Protest, Nepal Protest photos, Nepal Protest images, Nepal Protest news, hami nepal
काठमांडू में सरकार विरोधी प्रदर्शन के दौरान नारे लगाता हुआ एक युवक. (Reuters)
pic
सुभम तिवारी
font-size
Small
Medium
Large
8 सितंबर 2025 (Published: 10:39 PM IST)
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

नेपाल में Gen Z प्रोटेस्ट में कम से कम 20 लोगों की मौत हो चुकी है. राजधानी काठमांडू समेत नेपाल के अलग-अलग हिस्सों में छात्रों का जबरदस्त विरोध प्रदर्शन हुआ. दावा किया जा रहा है कि ये लोग गैरबराबरी, भ्रष्टाचार और हाल ही में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर लगे बैन के खिलाफ सड़कों पर उतरे. लेकिन इतने बड़े विरोध प्रदर्शन के पीछे कौन है, जिसकी वजह से नेपाल के गृह मंत्री रमेश लेखक तक को इस्तीफा देना पड़ गया.

इंडिया टुडे से जुड़े सुभम तिवारी और आकाश शर्मा की रिपोर्ट के मुताबिक, नेपाल में प्रोटेस्ट के पीछे प्रमुख संगठनों में से एक 'हामी नेपाल' नामक संगठन (NGO) है. इस NGO ने विरोध प्रदर्शन में छात्रों को जुटाने के लिए इंस्टाग्राम और डिस्कॉर्ड जैसी सोशल मीडिया साइट्स का इस्तेमाल किया.

Nepal Protest
(फोटो: इंडिया टुडे)

NGO ने 'कैसे प्रोटेस्ट करें' (How to Protest) नाम से वीडियो अपलोड किए, जिसमें छात्रों को कॉलेज बैग और किताबें लाने और अपनी स्कूल यूनिफॉर्म पहनने को कहा गया. सोमवार, 8 सितंबर को प्रदर्शनकारी NGO के 'यूथ अगेंस्ट करप्शन' का बैनर लिए प्रोटेस्ट करने उतरे.

लोकल मीडिया में अधिकारियों के हवाले से यह भी बताया गया है कि 'हामी नेपाल' ने काठमांडू में विरोध प्रदर्शन करने की इजाजत हासिल कर ली थी. नेपाल के प्रोटेस्ट को 'अनरजिस्टर्ड  सोशल मीडिया साइट्स पर सरकार के बैन' के खिलाफ बताया जा रहा है, लेकिन प्रदर्शनकारियों का ऑनलाइन गठजोड़ कुछ और ही कह रहा है.

नेपाल सरकार ने 27 अनरजिस्टर्ड सोशल मीडिया साइट्स पर बैन लगाया है. लेकिन प्रोटेस्ट के लिए इस्तेमाल हुए सोशल मीडिया ग्रुप्स को देखने पर पता चलता है कि यह आंदोलन भ्रष्टाचार के खिलाफ बुलाया गया था. एलान से यह भी पता चलता है कि प्रदर्शन के आयोजकों को प्रोटेस्ट के दौरान हिंसा की आशंका थी. अब समझते हैं कि असल में 'हामी नेपाल' क्या है?

Nepal Protest
(फोटो: इंडिया टुडे)
Hami Nepal

‘हामी नेपाल’ एक गैर-सरकारी संस्था (NGO) है जो 2015 में बनी थी. यह संस्था आपदा राहत और मानवीय मदद देने का काम करती है. जब नेपाल में बाढ़ या भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदाएं आती हैं, तो यह संगठन राहत कार्य करता है जैसे- बचाव कार्य, खाना बांटना और पानी की इंतजाम करना.

Nepal Protest
(फोटो: इंडिया टुडे)

इस NGO ने सोशल मीडिया पर बताया कि इसने नेपाल आर्मी के साथ मिलकर बाढ़ से बचाव की ट्रेनिंग और कई सामाजिक प्रोजेक्ट्स में हिस्सा लेता रहा है. ‘हामी नेपाल’ सोशल मीडिया पर अपने काम की जानकारी देता रहता है.

यह संगठन स्टूडेंट्स और प्रवासी मजदूरों से जुड़े मुद्दों पर भी आवाज उठाता रहा है. इस साल की शुरुआत में जब एक नेपाली छात्रा की आत्महत्या की खबर आई (जो भारत के ओडिशा में पढ़ रही थी), तब ‘हामी नेपाल’ ने लगातार सोशल मीडिया पर इस केस पर अपडेट दिए और इंसाफ की मांग की.

हालांकि, यह संगठन आमतौर पर राजनीतिक मुद्दों या भ्रष्टाचार जैसे संवेदनशील मामलों पर पोस्ट नहीं करता था. लेकिन, शनिवार, 7 सितंबर से इसमें बदलाव आया. इसके फाउंडर 36 साल के सूदन गुरूंग ने भ्रष्टाचार के खिलाफ 8 सितंबर को एक प्रोटेस्ट करने का एलान किया.

इसके बाद से ‘हामी नेपाल’ ने सोशल मीडिया पर चार पोस्ट इस विरोध प्रदर्शन के बारे में किए और ‘यूथ अगेंस्ट करप्शन’ नाम से एक कैंपेन भी शुरू किया. इसके जरिए इंस्टाग्राम और डिस्कॉर्ड पर ग्रुप बनाए गए, ताकि युवा मिलकर आंदोलन कर सकें.

अपनी वेबसाइट पर ‘हामी नेपाल’ ने बताया है कि इसे कोका-कोला, वाइबर, गोल्डस्टार और मुलबेरी होटल्स जैसी कंपनियों से करीब 20 करोड़ नेपाली रुपये की आर्थिक मदद मिल चुकी है. हालांकि, अब इसकी वेबसाइट खुल नहीं रही है और लिखा है कि फिलहाल वेबसाइट पर काम चल रहा है.

वीडियो: हमास को ट्रंप का अल्टीमेटम मिला तो अयातुल्लाह ने मुस्लिम देशों को क्या नसीहत दे दी?

Advertisement