NEET-PG काउंसलिंग: EWS कोटे के नियमों को नहीं बदलेगी सरकार!
जल्द से जल्द काउंसलिंग शुरू करने के लिए सड़कों पर उतरे थे देशभर के डॉक्टर
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NEET PG काउंसलिंग शुरू करने के लिए विरोध प्रदर्शन करते डॉक्टर्स. (फोटो: PTI)
कमेटी ने केंद्र सरकार को सलाह दी कि अगले साल आठ लाख रुपये की सीमा में परिवर्तन किया जा सकता है. हालांकि, इस साल इसी सीमा के साथ काउंसलिंग शुरू की जानी चाहिए. कमेटी ने यह भी सुझाव दिया कि EWS कोटे के लिए आठ लाख रुपये सालाना की सीमा के साथ-साथ उन परिवारों को भी शामिल किया जाएगा, जिनके पास पांच एकड़ से कम कृषि भूमि है. यानी अगली सिफारिश में ये साफ होगा कि जिन परिवारों के पास पांच एकड़ या इससे अधिक कृषि भूमि है उनको EWS कोटे से बाहर रखा जाएगा चाहे कृषि भूमि पर फसल से उनको कितनी भी आमदनी होती हो. अगले सत्र से बदलाव इससे पहले इस पूरे मुद्दे पर सुझाव देने के लिए केंद्र सरकार ने पिछले साल 30 नवंबर को कमेटी बनाई थी. इस कमेटी की अध्यक्षता वित्त सचिव अजय भूषण पांडे ने की. इस कमेटी में ICSR के सदस्य सचिव प्रोफेसर वीके मल्होत्रा और केंद्र सरकार के प्रमुख वित्तीय सलाहकार संजीव सान्याल को शामिल किया गया.

गुवाहाटी में विरोध प्रदर्शन करते रेजिडेंट डॉक्टर्स. (तस्वीर- पीटीआई)
NEET-PG काउंसलिंग को लेकर केंद्र सरकार ने जस्टिस चंद्रचूड़ की अगुआई वाली बेंच को बताया कि EWS कोटे को लेकर याचिकाएं दाखिल होने के बाद से कोर्ट ने सुनवाई करते हुए काउंसलिंग पर रोक लगा रखी है. सरकार ने कहा कि फिलहाल मौजूदा नियम-शर्तों के तहत काउंसलिंग की इजाजत दी जाए. कमेटी अगले सत्र में EWS कोटे के लिए जरूरी शर्तों का ढंग से अध्ययन करेगी और अपनी सिफारिशें देगी. कमेटी के इस अध्ययन में निजी मकान से लेकर घरेलू संपत्ति और दूसरे जरूरी पहलुओं को शामिल किया जाएगा.
इससे पहले NEET-PG काउंसलिंग में देरी को लेकर देशभर के रेजिडेंट डॉक्टरों ने विरोध प्रदर्शन शुरू किया था. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में रेजिडेंट डॉक्टरों पर पुलिस की बर्बरता का आरोप लगा. जिसके बाद रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन की तरफ से ओपीडी सेवाएं बंद करने का फैसला लिया गया. बाद में केंद्र सरकार ने डॉक्टरों को जल्द से जल्द काउंसलिंग शुरू करने का आश्वासन दिया. जिसके बाद डॉक्टरों ने अपना विरोध प्रदर्शन समाप्त कर दिया.