देशभर में इन दिनों कथित 'लव जिहाद' को लेकर बहस गरम है. यूपी सरकार ने जबरन और धोखा देकर धर्मांतरण के खिलाफ कानून बना दिया है. हरियाणा सरकार भी कुछ इसी तर्ज पर कानून बनाने की तैयारी कर रही है. कुछ और राज्य भी इसी कोशिश में जुटे हैं. वहीं इस सबके बीच एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसमें मुस्लिम युवक ने हिंदू प्रेमिका से शादी के लिए अपना धर्म बदल लिया है.
क्या है पूरा मामला?
वाकया हरियाणा के यमुनानगर जिले का है. लड़के की उम्र 21 साल और लड़की की उम्र 19 साल है. दोनों की मुलाकात हुआ, प्यार हुआ और बात शादी तक पहुंच गई. लेकिन दोनों के धर्म अलग-अलग थे. लड़के का दावा है कि उसके घरवाले इस रिश्ते से खुश हैं, लेकिन लड़की के परिवारवाले इसके खिलाफ हैं. लड़का एक प्राइवेट कंपनी में काम करता है, और करीब 15000 रुपये महीने के कमाता है. 9 नवंबर को दोनों ने लड़की के परिवार की इच्छा के खिलाफ जाकर शादी कर ली. ये शादी मंदिर में हुई. इससे पहले, मुस्लिम लड़के ने शादी से पहले अपना नाम भी बदल लिया. पूरे हिंदू रीति रिवाज से शादी की गई.
अब इस जोड़े ने हाई कोर्ट से सुरक्षा की गुहार लगाई है. दोनों ने अपनी जान का खतरा बताया है. दोनों का आरोप है कि जब से लड़की के परिवार वालों को इस शादी के बारे में पता चला है, वो दोनों को जान से मारने की धमकियां दे रहे हैं. इससे पहले, लड़की के परिजनों ने लड़के के खिलाफ लड़की को भगा ले जाने का मामला भी दर्ज कराया था. कपल ने हाई कोर्ट में कहा है कि संविधान ने आर्टिकल 21 के तहत उन्हें जो अधिकार दिए हैं, उसकी रक्षा की जाए.
11 नवंबर को सुनवाई के दौरान लड़की के परिवार ने उससे मिलने की इच्छा जताई थी, लेकिन लड़की ने इंकार कर दिया था. सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने यमुनानगर के एसपी को आदेश दिए कि धमकियों के आरोपों की जांच की जाए, और दंपत्ति को सुरक्षा मुहैया कराई जाए.
अदालत के आदेश पर युवक और युवती को जगाधरी के सेफ हाउस में भेज दिया गया था. दैनिक जागरण की खबर के मुताबिक, दोनों कुछ दिनों तक वहां रहे. उसके बाद उन्होंने कोर्ट में याचिका लगाई और कहा कि वे अपनी मर्जी से जाना चाहते हैं. इसके दोनों ने सेफ हाउस छोड़ दिया.