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मुख्तार अंसारी को किया गया सुपुर्द-ए-खाक, किन लोगों को मिली मिट्टी देने की इजाजत?

Mukhtar Ansari के शव को बेटे उमर अंसारी और भाई अफजाल अंसारी समेत परिवार के सदस्यों के साथ काली बाग कब्रिस्तान ले जाया गया. काफी भीड़ थी. लेकिन, अंदर जाने की इजाजत केवल कुछ लोगों को ही मिली.

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mukhtar ansari death last rites kalibagh burial ground ghazipur grave near parents tight security family
मुख्तार को कालीबाग कब्रिस्तान में किया गया सुपुर्द-ए-खाक (फाइल फोटो- आजतक)
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ज्योति जोशी
30 मार्च 2024 (Updated: 30 मार्च 2024, 06:01 PM IST)
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जेल में बंद गैंगस्टर और पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari Last Rites) को 30 मार्च को गाजीपुर के काली बाग कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक किया गया. मुख्तार को उसके माता-पिता की कब्र के पास ही दफनाया गया. इस दौरान काफी भीड़ थी. भीड़ को काबू करने के लिए अंसारी के घर और कब्रिस्तान के आसपास भारी मात्रा में अर्धसैनिक बलों को तैनात किया गया.

29 मार्च को पोस्टमॉर्टम के बाद मुख्तार के पार्थिव शरीर को पुलिस सिक्योरिटी के बीच बांदा से उनके पैतृक स्थान गाजीपुर ले जाया गया था. 30 मार्च को बेटे उमर अंसारी और भाई अफजाल अंसारी समेत परिवार के सदस्यों के साथ शव को जुलूस के रूप में काली बाग कब्रिस्तान ले जाया गया. इस दौरान भी काफी लोग इकट्ठा हुए थे. 

खबर है कि कब्रिस्तान में मिट्टी देने के लिए केवल परिवार वालों को ही जाने दिया गया.

बता दें, 28 मार्च को बांदा मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान मुख्तार अंसारी की मौत हो गई थी. जेल में तबीयत बिगड़ने के बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया था. सूत्रों से पता चला कि मौत दिल का दौरा पड़ने की वजह से हुई. हालांकि मुख्तार के परिवार वालों का आरोप है कि उसे जेल में जहर दिया गया था.

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मुख्तार के भाई और बसपा सांसद अफजाल अंसारी ने भी न्यूज एजेंसी PTI को बताया था कि मुख्तार के खाने में जहरीला पदार्थ मिलाया गया. अंसारी के बेटे उमर अंसारी ने मामले को लेकर कोर्ट जाने की बात कही है.

यूपी में मुख्तार अंसारी के खिलाफ 60 से ज्यादा केस दर्ज थे. मऊ से पांच बार विधायक रहे अंसारी 16 साल से ज्यादा समय से जेल में थे. साल 2022 में उन्हें पहली बार दो मामलों में दोषी ठहराया गया था. इस साल 12 मार्च को वाराणसी की एक विशेष MP/MLA अदालत ने उसे एक 34 साल पुराने केस में उम्रकैद की सजा सुनाई थी.

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