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मुख्तार अंसारी की मौत पर न्यायिक जांच के आदेश, ग़ाज़ीपुर के इस कब्रिस्तान में होगा सुपुर्द-ए-ख़ाक़

Mukhtar Ansari की मौत की Judicial Inquiry के लिए तीन सदस्यी टीम बनाई गई है. इस बीच बांदा मेडिकल कॉलेज में तीन डॉक्टरों की टीम मुख्तार अंसारी के शव का पोस्टमार्टम कर रही है. बांदा और मऊ समेत पूरी यूपी में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं.

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Mukhtar Ansari Death
तीन सदस्यों की टीम करेगी मुख्तार अंसारी के मौत की जांच (फोटो- आजतक)
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दिग्विजय सिंह
29 मार्च 2024 (Updated: 29 मार्च 2024, 09:48 AM IST)
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माफिया और पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari death) की मौत पर ज्यूडिशियल इंक्वायरी बैठाई गई है. तीन सदस्यीय टीम ये जांच करेगी. इस बीच बांदा मेडिकल कॉलेज में कड़ी सुरक्षा के बीच मुख्तार अंसारी के शव का पोस्टमॉर्टम किया जा रहा है. किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए अस्पताल परिसर की सुरक्षा में यूपी पुलिस के साथ-साथ CRPF को भी तैनात किया गया. पोस्ट मार्टम हाउस की तरफ जाने वाले रास्तों पर तगड़ी सुरक्षा बैठाई गई. 


आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक 3 डॉक्टरों की टीम मुख्तार अंसारी के शव का पोस्टमार्टम कर रही है. इसी टीम में एक कार्डियोलॉजी, एक सर्जन, एक फिजिशियन शामिल हैं. पोस्ट मार्टम की वीडियोग्राफी भी कराई जा रही है . इस मौके पर बांदा मेडिकल कॉलेज में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. पोस्टमार्टम हाउस की तरफ जाने वाले हर रास्ते पर बैरिकेडिंग लगाई गई है. बांदा पुलिस के साथ-साथ सीएपीएफ के जवान भी तैनात किए गए हैं. इस बीच मुख्तार अंसारी के बेटे उमर अंसारी भी बांदा पहुंचे हैं. 

इस बीच मुख्तार अंसारी के पैतृक निवास मोहम्मदाबाद में भी पुलिस-प्रशासन की गतिविधियां तेज हो गई हैं. इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक गाजीपुर के मोहम्मदाबाद के कालीबाग कब्रिस्तान में मुख्तार अंसारी को सुपुर्द ए खाक किया जायेगा. देर रात गाज़ीपुर के डीएम और एसपी ने इस कब्रिस्तान का निरीक्षण किया.

यूपी के माफिया डॉन मुख्तार अंसारी की गुरुवार रात को मौत हो गई. बांदा जेल में अचानक उसकी तबीयत बिगड़ गई थी. इसके बाद मुख्तार को बांदा मेडिकल कॉलेज में इलाज के लिए ले जाया गया था. यहां इलाज के दौरान अंसारी की मौत हो गई. मौत का कारण कार्डियक अरेस्ट  बताया गया है. अब मुख्तार की मौत के बाद उत्तर प्रदेश में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है और सभी जिलों में पुलिस का पहरा बढ़ गया है. यूपी पुलिस ने मऊ और बांदा समेत कई जिलों में फ्लैग मार्च किया.

भाई ने गंभीर आरोप लगाया

इससे पहले जब 26 मार्च को मुख्तार को अस्पताल में भर्ती कराया गया था, तब मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ सुनील कौशल ने बताया था कि उन्हें पेट दर्द, पेशाब और मल त्यागने में समस्या थी. उस दिन उन्हें सुबह करीब पौने चार बजे भर्ती कराया गया था और शाम करीब 6 बजे डिस्चार्ज किया गया.

मुख्तार के भाई और बसपा सांसद अफजाल अंसारी ने न्यूज एजेंसी पीटीआई को बताया था कि उनके खाने में जहरीला पदार्थ मिलाया गया. अफजाल ने कहा था,

“मुख्तार ने मुझे बताया कि करीब 40 दिन पहले भी उसे जहर दिया गया था और अभी हाल में शायद 19 या 22 मार्च को फिर दिया गया है, जिसके बाद से उसकी हालत खराब है.”

इससे पहले 21 मार्च को मुख्तार के वकील ने बाराबंकी कोर्ट को बताया था कि 19 मार्च की रात उनके खाने में जहरीला पदार्थ मिलाया गया, जिसके कारण उनकी तबीयत खराब हो गई. वकील के मुताबिक, इससे पहले अंसारी का स्वास्थ्य पूरी तरह ठीक था. उन्होंने कोर्ट से मुख्तार के इलाज के लिए डॉक्टरों की टीम बनाने का अनुरोध किया था.

यूपी में मुख्तार अंसारी के खिलाफ 60 से ज्यादा केस दर्ज थे. मऊ से पांच बार विधायक रहा अंसारी 16 साल से ज्यादा समय से जेल में थे. साल 2022 में मुख्तार को पहली बार दो मामलों में दोषी ठहराया गया था. इस साल 12 मार्च को वाराणसी की एक विशेष MP/MLA अदालत ने मुख्तार अंसारी को एक 34 साल पुराने केस में उम्रकैद की सजा सुनाई थी.

ये भी पढ़ें- (मुख्तार अंसारी पर कौन-कौन से केस थे, हरेक की कहानी जानें)

मुख़्तार के खिलाफ पिछले कुछ सालों में सक्रिय तरीके से कार्रवाई हुई है. 2017 से लेकर अबतक न सिर्फ मुख़्तार अंसारी से जुड़े मामलों में कानूनी सक्रियता बढ़ाई गई बल्कि मुख़्तार को आर्थिक चोट भी लगी. सैकड़ों करोड़ रुपये की संपत्ति या तो ज़ब्त हुई या ध्वस्त कर दी गई.

मुख्तार अंसारी का जन्म गाजीपुर जिले के मोहम्मदाबाद में हुआ था. पिता का नाम सुबहानउल्लाह अंसारी और मां का नाम बेगम राबिया था. गाजीपुर में मुख्तार अंसारी के परिवार की पहचान एक प्रतिष्ठित राजनीतिक खानदान की है. 17 साल से ज्यादा वक्त से जेल में बंद रहे मुख्तार अंसारी के दादा डॉक्टर मुख्तार अहमद अंसारी स्वतंत्रता सेनानी थे. गांधी जी के साथ काम करते हुए वह 1926-27 में कांग्रेस के अध्यक्ष भी रहे. मुख्तार अंसारी के नाना ब्रिगेडियर मोहम्मद उस्मान को 1947 की लड़ाई में शहादत के लिए महावीर चक्र से नवाज़ा गया था.
 

वीडियो: मुख्तार अंसारी को ये सज़ा मिली, वकील ने बताया अब क्या करेंगे

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