प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए सबसे बड़ा खतरा न राहुल गांधी हैं, न अरविंद केजरीवाल. न पाकिस्तान की ताकत, न चीन की चालाकी. उनके लिए सबसे बड़ा खतरा है दिल्ली का पॉल्यूशन.
आप कहेंगे कि हम बेजा सनसनी फैला रहे हैं. लेकिन पीएम आवास के बाहर की फिजा के रिएलिटी चेक में पॉल्यूशन के बेहद खतरनाक लेवल का खुलासा हुआ है. और यह खुद प्रधानमंत्री की सेहत के लिए बड़ा खतरा है.
एक चीज होती है PM 2.5. PM का मतलब प्रधानमंत्री नहीं, particulate matter होता है. अगर PM 2.5 का लेवल 60 तक है तो पॉल्यूशन का लेवल 'एक्सेप्टेबल' यानी स्वीकार करने लायक माना जाता है. लेकिन प्रधानमंत्री के घर के बाहर यह लेवल 2200 से 2400 के बीच है.
सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायर्नमेंट के साथ मिलकर एक मीडिया ग्रुप ने दिल्ली में 8 जगहों पर PM 2.5 लेवल के आंकड़े जुटाए. रीडिंग इतनी खतरनाक है कि सुनकर आपकी फूंक सरक जाएगी.
क्या होता है PM 2.5?
बहुत ही महीन पार्टिकल होता है 2.5 माइक्रोमीटर्स का. जो हवा में लंबे समय तक मौजूद रह सकता है. जो 10 माइक्रोमीटर्स तक के पार्टिकल होते हैं वे भारी होते हैं, इसलिए जमीन पर बैठ जाते हैं. लेकिन PM 2.5 हवा में तैरता रहता है और सांस के साथ अंदर जाकर तबाही मचाता है.
2014 की ESCAPE की एक रिपोर्ट के मुताबिक, PM 2.5 में 100 पॉइंट की बढ़ोतरी से लंग कैंसर के मामले 9 फीसदी तक बढ़ जाते हैं. हमारे यहां PM 2.5 की एक्सेप्टेबल रेंज 60 तक है. लेकिन बाकी कई देशों में यह और भी कम है.