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एक ही आदमी से अफेयर के चलते मां ने बेटी का गला घोंटा

'बहन का बेटा' बताकर मां ने सबको मिलवाया था अपने प्रेमी से.

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मंजू (बाएं) और दीक्षा
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प्रतीक्षा पीपी
3 जून 2016 (Updated: 2 जून 2016, 04:12 AM IST) कॉमेंट्स
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एक औरत ने कथित तौर पर अपनी बेटी को गला घोंट कर मार डाला. क्योंकि दोनों मां-बेटी को एक ही आदमी से प्यार हो गया था. और ये हुआ है पंजाब के फाजिल्का डिस्ट्रिक्ट में.
40 साल की मंजू एक बुटीक चलाती थी. 17 साल की बेटी दीक्षा और और 12 साल के एक बेटे के साथ रहती थी. 3 साल पहले पति की मौत हो गई थी.
26 साल के विजय से मंजू की मुलाकात फेसबुक पर हुई थी. अक्टूबर 2015 में विजय से दोस्ती हुई. तब विजय सऊदी अरब में नौकरी करता था. उसी साल दिसंबर में नौकरी छोड़ इंडिया वापस आ गया. मंजू से मिला. अफेयर हुआ. और दोनों साथ रहने लगे. मंजू के बच्चों को नहीं पता था की विजय के साथ उनकी मां का अफेयर है. मंजू ने बच्चों और पड़ोसियों को बता रखा था की वो उसकी बहन का बेटा है.
मंजू के घर में रहते हुए विजय उसकी बेटी के भी करीब आ गया. बेटी को अंदाजा नहीं था कि विजय उसकी मां के साथ रिलेशनशिप में है. लेकिन जब उसे पता चला तो मां-बेटी के बीच के संबंध खराब होने लगे. मंजू ने पहले उसे समझाया, फिर गुस्से से पागल होने लगी. लेकिन दीक्षा मानने को तैयार न थी. विजय से शादी करने कि चाह में उसने सुसाइड की कोशिश भी की थी, लेकिन समय रहते उसे बचा लिया गया था.
man vijay
विजय


बीती 20 मई को मंजू ने दीक्षा से जबरन एक सुसाइड नोट लिखवाया. जिसमें अपनी सुसाइड का कारण अपने दादा-दादी को बताया. ये लिखा कि दादा-दादी ने उसके पिता की मौत के बाद उन्हें प्रॉपर्टी में हिस्सा नहीं दिया. पुलिस का मानना है कि मंजू ने तब तक दीक्षा को मारने का प्लान बना लिया था.
तीन दिनों बाद मंजू ने पाया कि दीक्षा ने ब्लेड से अपनी कलाई पर विजय का नाम गोद लिया है. कथित तौर पर मंजू ने उसी समय में गुस्से में अपनी बेटी दीक्षा को दुपट्टे से गला घोंट कर मार डाला.
मंजू का बेटा जब स्कूल से वापास आया, तो बहन की लाश देखी. जब हल्ला हुआ, तो मंजू ने बताया की प्रॉपर्टी में हिस्सा न मिलने पर बेटी ने अपनी जान ली. पुलिस ने पहले तो मंजू की कहानी पर विश्वास कर लिया, क्योंकि सुसाइड नोट दीक्षा की हैंडराइटिंग में था. लेकिन दीक्षा की कलाई पर गुदा विजय का नाम और जांच में मिले कुछ कागज़ जिनमें दीक्षा ने अपने प्यार का जिक्र किया है, दूसरी ही कहानी कहते हैं.
पुलिस ने शुरू में दीक्षा के दादा-दादी, चाचा-चची और एक बुआ के खिलाफ केस दर्ज किया था. लेकिन फ़िलहाल मंजू और विजय को भी दो दिनों के लिए हिरासत में लिया गया है.

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