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सील हुए क्लिनिक में 14 महीने के बच्चे की मौत, जिंदा करने की कोशिश करते मां-बाप को देख पाना भी मुश्किल

बच्चे का जिस क्लीनिक में इलाज करवाया गया था, उसे दो दिन पहले ही सील किया गया था.

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Alwar news
मां अपने बच्चे को देर तक CPR देती रही. (फ़ोटो/आजतक)
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मनीषा शर्मा
3 अक्तूबर 2024 (Updated: 3 अक्तूबर 2024, 07:11 PM IST) कॉमेंट्स
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राजस्थान के अलवर में 14 महीने के एक बच्चे की मौत से जुड़ा वीडियो चर्चा में है. बच्चे की मौत से उसके माता-पिता इतने दुखी थे कि डॉक्टर्स के उसे मृत घोषित करने के बाद भी वे बच्चे को देर तक CPR देते रहे. मां मानने को तैयार नहीं थी कि उनकी संतान अब जीवित नहीं है. वो पानी ला-लाकर उसको पिला रही थी. उसका सीना दबा (CPR) रही थी. इस उम्मीद में कि शायद इससे बच्चे में प्राण आ जाएं. यह दृश्य देखकर वहां मौजूद सभी लोग भावुक हो गए. इंटरनेट पर इसका वीडियो वायरल है. बताया जा रहा है कि बच्चे का जिस निजी क्लिनिक  में इलाज चला था, उसे दो दिन पहले स्वास्थ्य विभाग (अलवर) की टीम ने सील कर दिया था.

आजतक से जुड़े हिमांशु शर्मा की रिपोर्ट के मुताबिक घटना अलवर के रैणी क्षेत्र के मक्रोला गांव का है. यहां रहने वाले 14 महीने के देवेंद्र को बुखार हुआ था. उसके परिजन उसे 'कृष्णा क्लिनिक' नाम के एक निजी क्लिनिक  में लेकर गए थे. वहां देवेंद्र का तीन दिन इलाज चला. उसे दवाएं दी गईं. बाद में 2 अक्टूबर को घर भेज दिया गया.

रिपोर्ट के मुताबिक 2 अक्टूबर को वापस देवेंद्र की तबीयत खराब हुई. परिजन उसे फिर 'कृष्णा क्लिनिक' लेकर गए. देवेंद्र के पिता ने आजतक को बताया कि 'कृष्णा क्लिनिक' में देवेंद्र को कैनुला लगाकर इंजेक्शन दिए गए और वापस घर भेज दिया. लेकिन घर आने के बाद वापस बच्चे की तबीयत खराब होने लगी तो परिजन इस बार उसे एक सरकारी अस्पताल लेकर गए. यहां डॉक्टर्स ने बच्चे को मृत घोषित कर दिया.

यह भी पढ़ें: VIDEO: सरकारी दफ्तर में शख्स को आया हार्ट अटैक, IAS अधिकारी ने CPR देकर बचाई जान

2 अक्टूबर को इमरजेंसी ड्यूटी पर रहे डॉक्टर दीपक शर्मा ने बताया कि 14 महीने के बच्चे को उसके परिजन अस्पताल लेकर आए थे. जांच करने पर पता चला कि बच्चा मृत था. उसकी नाड़ी और दिल की धड़कन ने काम करना बंद कर दिया था. उन्होंने कहा,

"हमने बच्चे को CPR दिया. इमरजेंसी दवाएं दी गईं. लेकिन बच्चा मृत रहा. उसने कोई रिस्पॉन्स नहीं दिया. बच्चे की मेडिकल हिस्ट्री से पता चला है कि वह चार-पांच दिनों से बीमार था. एक अक्टूबर को उसे किसी निजी क्लिनिक  में दिखाया गया. वहां उसे दवाएं दी गईं. 2 अक्टूबर को उसे उसी निजी क्लिनिक  में कैनुला लगाया गया. कुछ इंजेक्शन दिए गए. फिर बच्चे को परिजन घर लेकर गए. घर लेकर जाने के बाद बच्चे की तबीयत खराब हुई. उसे हमारे अस्पताल लेकर आया गया. लेकिन तब बच्चा मृत था."

घटना के बाद परिजन बच्चे को लेकर घर चले गए. उन्होंने 'कृष्णा क्लिनिक' के खिलाफ कोई शिकायत दर्ज नहीं करवाई है. लेकिन अभी तक यह नहीं पता चल पाया है कि सील होने के बाद भी 'कृष्णा क्लिनिक' वापस कैसे खोला गया.

वीडियो: सेहत: CPR किसी की जान बचा सकता है, जानिए ये कैसे देते हैं

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