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मोरबी हादसा : ओरेवा के अधिकारी ने कोर्ट में कहा - "भगवान की इच्छा थी"

न टूटी तार, न जवाबदेही, न कोई ज़िम्मेदारी... पुल टूटना भगवान की इच्छा थी?

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मोरबी हादसे पर लोकल कोर्ट में सुनवाई (फोटो-आजतक)
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ज्योति जोशी
2 नवंबर 2022 (Updated: 2 नवंबर 2022, 08:34 AM IST)
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मोरबी पुल हादसे को लेकर मंगलवार, 1 नवंबर को लोकल कोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान ओरेवा कपंनी के आरोपी मैनेजर दीपक पारेख ने अदालत में कहा कि ये हादसा भगवान की इच्छा के चलते हुआ है. बता दें ओरेवा कंपनी ही पुल के मेंटेनेंस के लिए जिम्मेदार थी और दीपक उन 9 लोगों में शामिल हैं जिन्हें मामले में अरेस्ट किया गया है. इसके अलावा पुलिस ने कोर्ट को पुल गिरने की वजह भी बताई.

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, हादसे की जांच कर रहे मोरबी पुलिस उपाधीक्षक पीए ज़ाला ने कोर्ट को बताया कि पुल की केबल में जंग लग गई थी और अगर इस केबल की मरम्मत की गई होती तो ये घटना नहीं हुई होती. उन्होंने आगे बताया,

“सरकार की मंजूरी के बिना पुल को 26 अक्टूबर को खोला गया था. मौके पर कोई लाइफगार्ड तैनात नहीं किया गया था. फोरेंसिक टीम की रिपोर्ट के मुताबिक मरम्मत के नाम पर केवल प्लेटफॉर्म को बदला गया था. कोई अन्य काम नहीं किया गया था.”

हादसे की वजह बताते हुए DSP ज़ाला ने कोर्ट से कहा,

“पुल एक केबल पर था और केबल की ग्रीसिंग नहीं की गई थी. जहां से केबल टूटी है वहां जंग लगा हुआ था. कब कौन से काम किए गए इसके कोई दस्तावेज नहीं रखे गए.”

रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस ने अरेस्ट किए गए 9 आरोपियों में से चार के लिए 10 दिन की रिमांड की मांग की है. जिन चार आरोपियों की रिमांड की मांग की गई उनमें मैनेजर दीपक पारेख और दिनेशभाई महासुखराय दवे, ठेकेदार प्रकाशभाई लालजीभाई परमार और देवांगभाई प्रकाशभाई परमा शामिल हैं. 

आरोपी दीपक पारेख ने सफाई देते हुए जज को बताया कि उन्होंने ग्राफिक डिजाइन संभाला और कंपनी में मीडिया मैनेजर थे. पारेख ने आगे कहा,

“कंपनी के प्रबंध निदेशक से लेकर निचले स्तर के कर्मचारियों तक सभी ने बहुत मेहनत की, लेकिन ये भगवान की इच्छा थी कि ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई.”

इसके साथ ही चार आरोपियों के वकील ने हादसे के लिए अरेस्ट हुए टिकट क्लेक्टर और सुरक्षा गार्डों को जिम्मेदार ठहराया. कहा गया कि वो भीड़ को कंट्रोल नहीं कर पाए.

सरकारी वकील एचएस पांचाल ने सुनवाई के बाद द इंडियन एक्सप्रेस को बताया

“अब तक की जांच से पता चला है कि जिन्हें पुल का ठेका दिया गया वो योग्य इंजीनियर नहीं थे . जांच से संकेत मिलता है कि पुल पर एल्यूमीनियम के तख्तों की वजह से पुल ढह गया होगा.”

इस बीच मोरबी बार एसोसिएशन ने मंगलवार को एक प्रस्ताव पारित किया है. इसमें उन्होंने अपने मेंबर अधिवक्ताओं को घटना से जुड़े किसी भी आरोपी का प्रतिनिधित्व नहीं करने के लिए कहा है.

देखें वीडियो- मोरबी पुल हादसे में सामने आई बड़ी चूक

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