इंडिपेंडेंस डे पर MDH ने लॉन्च किया 'जय भारत' एंथम, मशहूर सिंगर शान का कमाल सुनिए
MDH के चेयरमैन और पद्मभूषण दिवंगत धर्मपाल गुलाटी के बेटे राजीव गुलाटी ने एंथम रिलीज करते हुए सभी देशवासियों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दी.

इस साल देश 78वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है. इतने सालों में आजादी के मायने बदले हैं. हर शख्स के लिए आजादी का मतलब अलग-अलग हो सकता है. इस बीच लोगों को प्रेरित करने वाला MDH का 'जय भारत' एंथम देशभर में गूंज रहा है. इसमें आजाद भारत की गूंज सुनाई देती है. ये लोगों को देश की तरक्की और कामयाबी के लिए आगे आने को प्रेरित करता है. जाने-माने सिंगर शान ने इस गाने को अपनी आवाज दी है.
MDH स्पाइसेज ऑफिशियल ने गाना पोस्ट करते हुए लिखा,
इस स्वतंत्रता दिवस पर, हम अपने नायकों की बहादुरी, हमारी संस्कृति की जीवंतता और हमें बांधने वाली एकता के प्रति सम्मान प्रदर्शित करते हैं. 'जय भारत' भारत की भावना का प्रतीक है- एक ऐसा राष्ट्र जहां हर परंपरा, विश्वास और व्यक्ति हमारे सामूहिक गौरव में योगदान देता है. आइए, एक साथ अपनी यात्रा का जश्न मनाएं. जय भारत, जय हिंद!
MDH के चेयरमैन और पद्मभूषण दिवंगत धर्मपाल गुलाटी के बेटे राजीव गुलाटी ने एंथम रिलीज करते हुए सभी देशवासियों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दीं. बोले- ये गाना हर भारतीय को विकसित भारत बनाने के लिए प्रेरित करेगा.
बता दें, हजारों करोड़ों का बिजनेस करने वाले मसालों के ब्रांड- MDH का इतिहास काफी पुराना है. इस कंपनी की नींव आजादी से पहले रखी गई थी. वो भी पाकिस्तान में. धर्मपाल गुलाटी यानी MDH (महाशय की हट्टी) वाले दादा जी के पिता चुन्नी लाल गुलाटी ने साल 1937 में सियालकोट में मसालों के बिजनेस की शुरुआती की थी. उस वक्त उन्हें देगी मिर्च वाले के नाम से जाना जाता था. पार्टिशन के वक्त वो परिवार के साथ दिल्ली आ गए.
धर्मपाल गुलाटी भी पिता के साथ काम करने लगे. पैसों की कमी के चलते उन्हें तांगा तक चलाना पड़ा. इसके बाद पैसे बचाकर उन्होंने करोल बाग में मसालों की छोटी दुकान खोली.

देगी मिर्च के अलावा बाकी मसाले भी बेचे जाने लगे. धीरे-धीरे दुकानों की संख्या बढ़ती गई. फैक्ट्रियां भी डलने लगीं. देखते ही देखते कंपनी देश की प्रमुख मसाला उत्पादक कंपनी बन गई. 2020 में धर्मपाल गुलाटी के निधन के बाद उनके बेटे ने कंपनी की कमान संभाली.
वीडियो: MDH वाले धर्मपाल गुलाटी बार-बार फेल होने के बाद भी सबसे कमाऊ CEO कैसे बने?

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